मुख्यमंत्री साय ने सम्मेलन को महत्वपूर्ण बताया, जिसमें चार राज्यों के लघु उद्योग भारती के सदस्य शामिल हुए। इस कार्यक्रम में उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, दुर्ग शहर के विधायक गजेन्द्र यादव, और दुर्ग ग्रामीण के विधायक ललित चंद्राकर भी उपस्थित रहे।
उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने नई उद्योग नीति की सराहना की और बताया कि इसे जल्द ही कैबिनेट में लाकर लागू किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार के समय की कस्टम मीलिंग की बकाया राशि राइस मिलर्स को शीघ्र दी जाएगी। इस सम्मेलन में लघु उद्योग चलाने वाले लोगों ने अपनी सफलता की कहानियाँ साझा कीं।
मुख्यमंत्री को 10 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा गया
कार्यक्रम के दौरान लघु उद्योग भारती के प्रदेश अध्यक्ष ओपी सिंघानिया ने मुख्यमंत्री को 10 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। इस मांग पत्र में एमएसएमई मंत्रालय को पृथक मंत्रालय बनाने, राइस मिलरों को कस्टम मिलिंग की राशि का भुगतान, आयातित खाद्यानों पर मंडी शुल्क में छूट, लीज रेंट में बदलाव न करने, डीबीटी व्यवस्था लागू करने, और लघु उद्योग भारती के प्रदेश कार्यालय के लिए भूमि की मांग की गई। मुख्यमंत्री ने इस पर जल्द ही सकारात्मक पहल का आश्वासन दिया।
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