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भोपाल: कोरोना काल के बाद से ही स्कूल बंद पड़े थे, लेकिन अब धीरे-धीरे खुलने लगे हैं। जिसे लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट गाइडलाइन जारी की है। जिसके मुताबिक अब स्कूलों में स्कूल स्टाफ समेत सभी को सेशल डिस्टेंसिंग के नियमों को फॉलो करना होगा। इसके साथ ही अब स्कूल व्हीकल 50% कैपेसिटी के हिसाब से ही बच्चों को लेकर कर आ पाएंगे और नाही अब स्कूल में गैदरिंग हो पाएगी।
आइए जानते हैं स्कूल खुलने पर क्या-क्या बदलने वाला है
- अब बच्चों और टीचर्स की गैदरिंग नहीं होगी, सभी को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।
- स्कूल व्हीकल 50% कैपेसिटी में ही बच्चे ला सकेंगे।
- हर क्लास के बच्चों का एंट्री और एग्जिट 20 से 30 मिनट के अंतराल पर होगी।
- मेन गेट पर बच्चों का थर्मल चेकअप और सेनिटाइजेशन जरूरी होगा।
- कोरोना से जुड़े सेफ्टी नियमों को साइन-बोर्ड के जरिए पूरे स्कूल में डिस्प्ले किया जाएगा।
कॉमन एरिया में सेफ्टी के लिए होंगे ये नियम
- पानी-पीने के टैप और वाटर-कूलर पर बच्चों को एक-एक कर आना होगा।
- वाशरूम में एक समय पर एक ही स्टूडेंट जा सकेगा, हर स्टूडेंट के बाहर निकलने पर वॉशरूम को सेनिटाइज किया जाएगा।
- स्कूल में एक क्वारैंटाइन रूम होगा, ताकि लक्षण दिखने पर बच्चे को आइसोलेट किया जा सके।
क्लास रूम के अंदर रखना होगा इस चीज का ध्यान
- बच्चों को अलग-अलग दिन स्कूल बुलाया जाएगा।
- एक बच्चे को हफ्ते में 3 दिन ही स्कूल आना होगा।
- क्लास को सेक्शन में बांट दिया जाएगा, ताकि हिस्टेंसिंग मेनटेन हो सके।
- बच्चों और स्कूल स्टाफ को हमेसा मास्क लगाना होगा।
- बच्चे अब क्लासरूम में एक-दूसरे से बुक, नोटबुक, स्टेशनरी और लंचबॉक्स शेयर नहीं कर सकेंगे।
किन-किन चीजों पर होगी रोक
- मॉर्निंग असेंबली नहीं होगी, स्पोर्स्ट्स और आउटडोर एक्टिविटी नहीं होगी।
- एक से दूसरे क्लासरूम, लाइब्रेरी और लैब में बच्चे नहीं आ-जा सकेंगे।
- ब्रेक के समय क्लासरूम से बाहर जाना मना होगा।
- जो बच्चे जरा भी बीमार होंगे, उन्हें स्कूल नहीं आना होगा।
दोबारा स्कूल लौटेंगे 24 करोड़ बच्चे
कोरोनावायरस के कारण पिछले मार्च से करीब 24 करोड़ से ज्यादा बच्चे स्कूल नहीं जा पाए हैं और इससे उनकी पढ़ाई का नुकसान हुआ है। यूनेस्को के मुताबिक दुनिया में 1 करोड़ से ज्यादा लड़कियों का दोबारा स्कूल लौटना मुश्किल है। शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में 24 करोड़ से ज्यादा बच्चे स्कूल जाते हैं, जो मार्च से नहीं जा पा रहे हैं।
लोकल सर्किल सर्वे के मुताबिक, देश में 62% पैरेंट्स ऐसे हैं, जो आज भी अपने बच्चों को कोरोना के डर से स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं। ऐसे में इस तरह की गाइडलाइन से पैरेंट्स और बच्चों में स्कूल को लेकर आत्मविश्वास बढ़ेगा।
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