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हाइलाइट्स
- 22 सितंबर 2025 से लागू होगी नई जीएसटी दरें
- क्या पहले से मौजूद स्टॉक की कीमते होगी कम?
- सस्ते दामों पर कब से उपलब्ध होगा सामान!
GST रिफॉर्म के बाद कम हुई कीमतें?
GST रिफॉर्म्स के तहत कुछ उत्पादों की कीमतें कम हुई हैं। ये नई जीएसटी दरें 22 सितंबर 2025 से लागू हो रही हैं। इस बदलाव के बाद FMCG (Fast-Moving Consumer Goods) उत्पादों पर ज्यादा राहत मिलेगी। हालांकि, कंपनियों के पास पहले से स्टॉक मौजूद है, जिन पर पुराने GST दर लागू थे। इन पुराने उत्पादों को बेचने की समय सीमा 31 दिसंबर तक दी गई है।
पुराने स्टॉक का MRP क्या होगा?
जीएसटी रिफॉर्म्स के तहत कंपनियों को पुराने स्टॉक को बेचने की अनुमति दी गई है, लेकिन उस पर वही पुराना एमआरपी रहेगा, जो पहले था। ऐसे में, उपभोक्ताओं को यह समझना होगा कि क्या पुराने स्टॉक पर जीएसटी की नई दर का असर पड़ा है या नहीं।
कंपनियां क्या करेंगी?
कंपनियां अपने पुराने स्टॉक पर नए स्टिकर या लेबल लगाकर ग्राहकों को बता सकती हैं कि अब जीएसटी घटने के बाद यह वस्तु सस्ती हो गई है। इन स्टिकरों पर "New MRP after GST reduction" लिखा होगा, ताकि ग्राहक आसानी से फर्क पहचान सकें।
ग्राहकों को कैसे मिलेगी जानकारी?
जब जीएसटी घटने से कीमतें सस्ती होती हैं, तो कंपनियों को आदेश दिया गया है कि वे उपभोक्ताओं को इस बारे में जागरूक करें। इसके लिए कंपनियां पुराने स्टॉक पर नए स्टिकर लगा सकती हैं, जिसमें नई एमआरपी को स्पष्ट किया जाएगा। इसके अलावा, विज्ञापन और अन्य माध्यमों से भी ग्राहकों को सूचित किया जाएगा कि अब वस्तु की कीमत घट गई है।
5 आसान तरीकों से करें पहचान।
- MRP देखें: पैकिंग पर नया स्टिकर हो जिस पर लिखा हो “New MRP after GST reduction”
- बिल में GST दर चेक करें: पुरानी और नई दरें (जैसे 18% से 12%) देखकर फर्क पहचानें।
- दुकानदार से पूछें: साफ पूछें कि रेट में GST घटने का फायदा शामिल है या नहीं।
- पुराना पैक- पुरानी पैकिंग पर नया रेट बताया गया है या नहीं, ये जांचें।
- पुराना और नया बिल मिलाएं: एक ही सामान के पुराने और नए बिल की कीमतों की तुलना करें।
उदहारण से समझें
मान लीजिए आपने एक टूथपेस्ट खरीदा जिसकी पैकिंग जुलाई में हुई थी, और उस पर ₹55 MRP लिखी है। अब 22 सितंबर से GST दर घट गई है और वही टूथपेस्ट नई दर के हिसाब से ₹50 का होना चाहिए। अगर कंपनी ने पैकिंग पर नया स्टिकर नहीं लगाया, और दुकानदार ₹55 ही ले रहा है, तो आप सवाल कर सकते हैं।
ग्राहक क्या करें?
अगर आपको संदेह है कि आप जो सामान खरीद रहे हैं, वह पुराने दामों पर बिक रहा है, तो आपको सबसे पहले MRP चेक करना चाहिए। पैकेजिंग पर ध्यान दें, क्या उस पर नया स्टिकर लगा है? अगर हां, तो उस पर “New MRP after GST reduction” लिखा होगा। अगर आपको स्टिकर या पैकेजिंग पर कोई बदलाव नहीं दिखता, तो दुकानदार से यह पूछें कि क्या इस सामान पर नई जीएसटी दर लागू हुई है। अगर फिर भी आपको सही जानकारी नहीं मिलती है, तो आप राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
उपभोक्ता हेल्पलाइन पर कैसे करें शिकायत?
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन का टोल-फ्री नंबर 1915 या 1800-11-4000 है। इस नंबर पर कॉल करके आप अपनी शिकायत अधिकारियों को सीधे बता सकते हैं। आपकी शिकायत का रजिस्ट्रेशन कर लिया जाएगा और आपको एक शिकायत संख्या प्रदान की जाएगी।
जीएसटी रिफॉर्म्स के बाद उपभोक्ताओं को राहत मिली है, लेकिन यह जरूरी है कि हम सही जानकारी रखें। पुराने और नए दामों में फर्क को पहचानने के लिए पैकेजिंग, स्टिकर, और दुकानदार से पूछना अहम है। इस तरह, हम सुनिश्चित कर सकते हैं कि हम सही दाम पर सामान खरीद रहे हैं और किसी भी धोखाधड़ी से बच रहे हैं। साथ ही, यह भी याद रखें कि अगर आपको लगता है कि दुकानदार पुराने दामों पर सामान बेच रहा है, तो आप सरकारी हेल्पलाइन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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