नई दिल्ली। खोजी पत्रकारों के वैश्विक नेटवर्क ‘ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट’ यानी OCCRP ने अपनी नई रिपोर्ट जारी की है। जिसमें आरोप लगाया गया है कि खनन तथा तेल के कारोबार से जुड़ी कंपनी वेदांता ने वैश्विक महामारी के दौरान अहम पर्यावरण नियमों को कमजोर करने के लिए ‘‘गलत तरीके से लॉबिंग’’ की है।
गैर-लाभकारी संगठन ने कहा कि भारत सरकार ने सार्वजनिक परामर्श के बिना कुछ परिवर्तनों को मंजूरी दी और उन्हें ‘‘अवैध तरीकों’’ से लागू किया गया।
वेदांता ने नहीं दी प्रतिक्रिया
इधर वेदांता के प्रवक्ता ने इस मामले पर तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की है। रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘ एक मामले में, वेदांता ने यह सुनिश्चित करने के लिए दबाव डाला कि खनन कंपनियां नई पर्यावरणीय मंजूरी के बिना 50 प्रतिशत तक अधिक उत्पादन कर सकें।’’
छह विवादास्पद तेल परियोजनाओं को मिली मंजूरी
OCCRP की रिपोर्ट में दावा किया गया कि वेदांता की तेल व्यवसाय कंपनी, केयर्न इंडिया ने भी सरकारी नीलामी में हासिल किए गए तेल ब्लॉकों में ‘ड्रिलिंग’ के लिए सार्वजनिक सुनवाई रद्द करने की पैरवी भी की। तब से स्थानीय विरोध के बावजूद राजस्थान में केयर्न की छह विवादास्पद तेल परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
अडाणी समूह पर भी लगा आरोप
इससे पहले OCCRP ने अडाणी समूह पर गुपचुप तरीके से अपने ही कंपनियों के शेयरों में निवेश का आरोप लगाया था।
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