हाइलाइट्स
- नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ युवाओं का उग्र प्रदर्शन
- संसद भवन में घुसे प्रदर्शनकारी, झड़प में 14 से ज्यादा की मौत
- भारत-नेपाल बॉर्डर पर SSB ने चौकसी बढ़ाई
Nepal Gen-Z Revolution Protest Against Social Media Ban: भारी विरोध प्रदर्शन के बाद नेपाल में सोशल मीडिया फिर से शुरू कर दिया गया है। नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ युवाओं का आक्रोश अब जन-आंदोलन का रूप ले चुका है। राजधानी काठमांडू और अन्य शहरों में हजारों की संख्या में युवा प्रदर्शन कर रहे थे। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि संसद भवन में दस हजार से ज्यादा प्रदर्शनकारी घुस गए और पुलिस को आंसू गैस व पानी की बौछार का इस्तेमाल करना पड़ा। नेपाली मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, काठमांडू में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में 16 लोगों की मौत हो गई, तो वहीं 200 से ज्यादा लोग घायल हुए। हालात काबू से बाहर न जाएं, इसके लिए सरकार ने कर्फ्यू लगाने के साथ-साथ इंटरनेट और फोन सेवाएं भी घंटों तक बंद कर दी गईं। नेपाल में दोपहर 3:15 बजे के बाद बिना वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) इस्तेमाल किए ही सारे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पहले की तरह चल रहे हैं।
मामला बढ़ता देख नेपाल प्रशासन ने संसद भवन, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, पीएम आवास के पास के इलाकों में कर्फ्यू का ऐलान कर दिया। साथ ही, काठमांडू प्रशासन यह आदेश दिया कि कोई भी अगर तोड़फोड़ करता है तो उसे देखते ही गोली मार दिया जाए।
क्यों उठा ये आंदोलन
नेपाल सरकार ने 4 सितंबर 2025 को फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, एक्स, वॉट्सऐप सहित 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगा दिया था। सरकार का तर्क है कि इन कंपनियों ने नेपाल में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया और स्थानीय कार्यालय भी स्थापित नहीं किया। 2024 में बनाए गए नए कानून के तहत सभी सोशल मीडिया कंपनियों को टैक्सपेयर के रूप में पंजीकरण कराना और लोकल ऑफिस खोलना अनिवार्य था।
हालांकि, इस कदम को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताते हुए युवाओं ने 8 सितंबर से ‘Gen-Z रिवोल्यूशन’ के नाम से प्रदर्शन शुरू कर दिया।
संसद तक पहुंचा गुस्सा
काठमांडू की सड़कों पर रविवार को सबसे बड़ा प्रदर्शन देखने को मिला। हजारों युवा बैरिकेड तोड़कर संसद भवन परिसर तक पहुंच गए। पुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। हालात बिगड़ते देख चार जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। अब किसी भी प्रकार की सभा, रैली या जुलूस पर रोक है।
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गोलीबारी में एक की मौत, 80 घायल
दमाक इलाके में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प के दौरान गोलीबारी हुई। इसमें एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई और करीब 80 लोग घायल हो गए। घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
बॉर्डर पर अलर्ट, SSB ने बढ़ाई चौकसी
नेपाल में हिंसा और विरोध प्रदर्शन को देखते हुए भारत-नेपाल सीमा पर भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। सूत्रों के मुताबिक, SSB ने सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा और सर्विलांस को मजबूत किया है ताकि कोई अप्रिय स्थिति न बने।
युवाओं के साथ मेयर, सरकार पर आरोप
काठमांडू के मेयर ने खुले तौर पर युवाओं के आंदोलन का समर्थन किया है। वहीं प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने चेतावनी दी है कि कानून का उल्लंघन करने वालों को इसके गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। आलोचकों का कहना है कि सरकार इस बैन के जरिए न केवल फर्जी खबरों और अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण करना चाहती है, बल्कि यह कदम विपक्ष और राजतंत्र समर्थकों के प्रदर्शनों को दबाने की कोशिश भी हो सकता है।
#WATCH | Nepal: Thousands of people protest in Kathmandu against the ban on Facebook, Instagram, WhatsApp and other social media sites, leading to clashes between police and protesters. pic.twitter.com/klrP1HRJQd
— ANI (@ANI) September 8, 2025
टिकटॉक कैसे बचा प्रतिबंध से
सरकार ने साफ किया है कि बैन तभी हटेगा जब सोशल मीडिया कंपनियां नेपाल में ऑफिस खोलेंगी और रजिस्ट्रेशन कराएंगी। अब तक टिकटॉक समेत वाइबर, निम्बज, विटक और पोपो लाइव ने नेपाल सरकार के साथ रजिस्ट्रेशन पूरा किया है। यही कारण है कि ये प्रतिबंध से बचे हुए हैं।
Nepal: संसद में घुसे प्रदर्शनकारी, भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ हंगामा#NepalProtest #AntiCorruption #SocialMediaBan #Kathmandu #ParliamentBreach #CurfewInNepal #PoliceAction #BreakingNews pic.twitter.com/oJg2oNvKs1
— Bansal News Digital (@BansalNews_) September 8, 2025
FAQs
Q. नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया पर बैन क्यों लगाया?
नेपाल सरकार ने 4 सितंबर 2025 को फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप, एक्स (ट्विटर) सहित 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाया। इसका कारण यह था कि इन कंपनियों ने नेपाल में स्थानीय कार्यालय स्थापित नहीं किया और न ही सरकार के साथ रजिस्ट्रेशन कराया। 2024 में बनाए गए कानून के अनुसार, सोशल मीडिया कंपनियों को टैक्सपेयर के रूप में पंजीकरण कराना और लोकल ऑफिस खोलना अनिवार्य है। सरकार का दावा है कि यह कदम फर्जी खबरों, उकसाने वाले कंटेंट और अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए उठाया गया।
Q. नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कैसे शुरू हुआ?
सोशल मीडिया बैन के बाद 8 सितंबर से युवाओं ने “Gen-Z रिवोल्यूशन” नाम से विरोध प्रदर्शन शुरू किया। धीरे-धीरे यह आंदोलन काठमांडू और अन्य शहरों में फैल गया। हजारों की संख्या में युवा सड़कों पर उतरे और संसद भवन तक पहुंच गए। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस, पानी की बौछार और गोलीबारी तक का इस्तेमाल किया। इस दौरान एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई और लगभग 80 लोग घायल हो गए।
Q. नेपाल के सोशल मीडिया बैन से कौन-कौन से प्लेटफॉर्म प्रभावित हुए और कौन से बचे रहे?
नेपाल सरकार ने फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, वॉट्सऐप, रेडिट और एक्स सहित कुल 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को बैन कर दिया है। सरकार का कहना है कि यह बैन तब तक जारी रहेगा जब तक ये कंपनियां नेपाल में अपना ऑफिस नहीं खोलतीं और रजिस्ट्रेशन पूरा नहीं करतीं। फिलहाल, केवल टिकटॉक, वाइबर, निम्बज, विटक और पोपो लाइव जैसे ऐप्स ने सरकार के साथ पंजीकरण कराया है, इसलिए इन पर प्रतिबंध लागू नहीं हुआ।
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