Nepal News: नेपाल में प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड ने शुक्रवार यानी 12 जुलाई को अपने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो वह संसद में विश्वासमत हासिल करने में नाकाम रहे थे। फ्लोर टेस्ट में उन्हें 275 में से मात्र 63 सांसदों का साथ ही मिला।
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नेपाल की नेशनल असेंबली के 194 सांसदों उनके खिलाफ वोट किया था। उन्हें सरकार बचाने के लिए 138 सांसदों के समर्थन की जरूरत थी जिसमें वे नाकाम रहे हैं।
नेपाल के प्रधानमंत्री पद से हटे पुष्प कमल दहल: विश्वास मत की परीक्षा में हारे, चीन समर्थक ओली बन सकते हैं PM
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जुलाई महीने की शुरुआत में नेपाल की दूसरी सबसे बड़ी और चीन समर्थक केपी शर्मा ओली की पार्टी CPN-UML ने प्रधानमंत्री प्रचंड की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल से गठबंधन तोड़ने का फैसला किया था।
इसके बाद उनकी सरकार अल्पमत में आ गई थी। नेपाल के संविधान के आर्टिकल 100 (2) के तहत उन्हें एक महीने में बहुमत साबित करना था।
वे आज इसमें फेल हो गए। आज पुष्प कमल दहल नेपाल के प्रधानमंत्री पद से हट गए हैं।
केपी शर्मा ओली बन सकते हैं नए प्रधानमंत्री
नेपाल में पिछले सप्ताह पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल ने प्रचंड सरकार से समर्थन वापल ले लिया था।
ओली और नेपाली कांग्रेस (नेकां) के नेताओं ने प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के शुक्रवार को होने वाले शक्ति परीक्षण से पहले नई गठबंधन सरकार के गठन पर मंथन किया था।
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो नेकां के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने पहले ही ओली को नेपाल के अगले प्रधानमंत्री के रूप में अपना समर्थन दिया है।
ऐसा माना जा रहा है कि नेपाल के अगले प्रधानमंत्री ओली बन सकते हैं।
नहीं चला ज्यादा समय तक गठबंधन
नेपाल में 20 नवंबर 2022 को आम चुनाव हुए थे। इस चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था।
275 सीटों में से नेपाली कांग्रेस ने 89 जीती, CPN-UML ने 78 और प्रचंड की कम्युनिस्ट पार्टी ने 32 सीटें जीती थीं।
इन तीनों बड़ी पार्टियों में सबसे कम सीटें जीतने के बावजूद प्रचंड 25 दिसंबर, 2022 को गठबंधन के सहारे प्रधानमंत्री बन गए थे।
उन्हें देउबा की नेपाली कांग्रेस का समर्थन मिल गया था हालांकि, ये गठबंधन ज्यादा समय तक नहीं टिक पाया, 15 महीने बाद ही मार्च 2024 में दोनों में फूट के बाद गठबंधन टूट गया।