देवास। प्रदेश के देवास जिले के नेमावर के एक खेत में 10 फीट गहरे में दफन पांच लाशों का राज बाहर आ गया। इस जघन्न हत्याकांड के खुलासे के बाद नेमावर अब राजनीति का अड्डा बन गया है। कांग्रेस और गोंडवाना समेत अन्य दलों के नेता यहां राजनीति चमकाने भी पहुंचे हैं। हाल ही में पीसीसी चीफ कमलनाथ ( Pcc Chief Kamalnath) ने भी नेमावर का दौरा किया था। नेमावर के खेतों में पुलिस ने 10 फीट गहरे गड्ढ़ों में से पांच लाशों को बाहर निकाला है। इतना ही नहीं हत्यारों ने पुलिस को गुमराह करने की भी पूरी कोशिश की। हालांकि पुलिस की सूझबूझ के सामने हत्यारों के मंसूबे कामयाब नहीं हुए। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद आरोपियों की धरपकड़ कर गिरफ्तार कर लिया है। इस हत्याकांड (Nemawar Hatyakand) के खुलासे के बाद पूरे प्रदेश समेत पूरे देश में सनसनी फैल गई है। इसको लेकर उच्च स्तरीय जांच की भी मांग की जा रही है। आइए जानते हैं इस जघन्न हत्याकांड की पूरी कहानी…
यह है पूरी कहानी…
देवास (madhya pradesh dewas district) जिले में एक छोटा सा कस्बा है, नाम है नेमावर। इंदौर (Indore) से करीब 128 किमी दूर इस कस्बे में करीब 1,241 परिवार निवास करते हैं। हत्याकांड की यह कहानी (Nemawar Hatyakand story) तब रची जा रही थी जब प्रदेश समेत पूरा देश कोरोना की दूसरी लहर (Corona Second Wave) के प्रकोप सो जूझ रहा था। 11 मई के करीब के दिनों में कोरोना अपने प्रचंड दौर में था और रोजाना सैकड़ों शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा थ। इसी बीच यहां रहने वाले सुरेंद्र सिंह चौहान (Surendra Singh Chauhan) और रूपाली का प्रेम प्रसंग चल रहा था। दोनों के बीच काफी दिनों से संबंधों को लेकर झगड़ा चल रहा था। दरअसल रूपाली (Rupali) के प्रेमी सुरेंद्र का बीते दिनों किसी अन्य लड़की के साथ रिश्ता तय हो गया था। सुरेंद्र शादी करने जा रहा था। इस बात से उसकी प्रेमिका रूपाली नाराज थी और दोनों के बीच झगड़ा चल रहा था। 11 मई को सुरेंद्र का जन्मदिन था। इसी रात शादी की बात को लेकर उसकी प्रेमिका रूपाली से उसका झगड़ा हो गया।
झगड़े के बाद रूपाली ने एक फर्जी इंस्टाग्राम आईडी बनाई और सुरेंद्र की मंगेतर की फोटो उसके मोबाइल नंबर के साथ उसपर अपलोड कर दी। फोटो अपलोड होते ही सुरेंद्र की मंगेतर के पास फोन आने लगे। इस बात की जानकारी जब सुरेंद्र को लगी तो उसने रूपाली से बदला लेने की सोची। सुरेंद्र ने 13 मई को रूपाली को फोन किया और मिलने के लिए अपने खेत पर बुलाया। जब रूपाली खेत पर पहुंची तो सुरेंद्र ने उसकी हत्या कर दी। इतना ही नहीं सुरेंद्र ने रूपाली की हत्या करने के बाद रुपाली की मां, बहन और चचेरे भाई-बहन को भी खेत पर बुलाया और सभी की निर्मम हत्या कर दी। सुरेंद्र ने इसकी पहले से ही योजना बना रखी थी। सुरेंद्र पांचों की हत्या कर खेत में 10 फीट गहरा गड्ढ़ा किया और उसी में शवों को दफन कर दिया। सुरेंद्र ने इसके लिए पहले ही तैयारी कर रखी थी और अपने साथ में खात और नमक भी लाए थे। ताकि शवों को जल्दी गलाया जा सके।
ऐसे हुआ खुलासा…
हत्या के बाद आरोपी होशियारी से बचने के उपाय खोजने लगे। इधर रूपाली (Rupali) के भाई संतोष और बहन भारती जो बाहर नौकरी करते हैं, रूपाली और अपने परिजनों से बात नहीं कर पा रहे थे। 1-2 दिन बीतने के बाद भी जब रूपाली के भाई-बहर का घरवालों से संपर्क नहीं हो पाया तो वह घर पर आ धमके। घर पहुंचते ही रूपाली के घर पर कोई नहीं मिला। इसके बाद रूपाली के भाई-बहन ने थाने पहुंचकर परिजनों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस आरोपियों की तलाश कर ही रही थी कि मामले में नया मोड़ आया। दरअसल इसी दौरान रूपाली की बहन भारती के पास रूपाली के फोन से मैसेज आया। इस मैसेज में भारती से कहा गया कि वह रूपाली और घरवालों की तलाश न करें। मैसेज में साफ लिखा कि रूपाली ने शादी कर ली है और वह बहुत खुश है। इस मैसेज पर रूपाली की बहन भारती को शक हुआ तो भारती ने इसकी सूचना पुलिस को दी।
पुलिस ने रूपाली (Rupali) के फोन की लोकेशन ट्रेक करना शुरू कर दी। साथ ही पुलिस ने मानवतस्करी के शक में भोपाल, सीहोर और खंडवा के रेड लाइट में भी पूछताछ की। पुलिस को रूपाली के फोन की लोकेशन लगातार बदलती दिख रही थी। पुलिस की फोन ट्रेसिंग के दौरान पुलिस को एक बार फोन की लोकेशन इंदौर के पास बने चोरल डैम पर दिखी। इस बात के बाद पुलिस को शक हुआ कि अगर कोई व्यक्ति घरवालों से छिपने की कोशिश कर रहा है तो वह पिकनिक स्पॉट पर क्यों जाएगा। इसके बाद पुलिस को शक हुआ कि कोई जांच को भटकाने का प्रयास कर रहा है।
जांच के दौरान पुलिस ने शक के आधार पर सुरेंद्र के एक दोस्त को हिरासत में लिया। पुलिस ने जब सुरेंद्र के दोस्त से सख्ती से पूछताछ की दोस्त ने पूरा सच उगल दिया। इसके बाद पुलिस के सामने पूरे हत्याकांड का राज खुल गया। पुलिस ने इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी सुरेंद्र, उसके भाई वीरेंद्र, विवेक तिवारी, मनोज, करण, राजकुमार और राकेश को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही खेत पर पहुंचकर लाशों को भी निकाल लिया है।
गर्माई राजनीति…
दरअसल नेमावर हत्याकांड के बाद से यहां सियासी सहानुभूति भी देखने को मिल रही है। हाल ही में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने नेमावर पहुंचकर पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात की थी। साथ ही सरकार ने पूरे मामले की सीबीआई जांच की भी मांग की है। कमलनाथ ने कांग्रेस की तरफ से पीड़ितों के परिवार को 5-5 लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है। वहीं मृतकों का परिवार गोंड जाति से ताल्लुक रखता है। ऐसे में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (Gondwana Gantantrik party) के मुखिया बलबीर सिंह तोमर की तरफ से भी पुलिस पर मामले की जांच का दबाव बनाया जा रहा था।