हाइलाइट्स
- नेहा राठौर की याचिका पर लखनऊ हाईकोर्ट में सुनवाई टली
- हजरतगंज थाने में एक एफआईआर दर्ज
- एफआईआर की वैधता पर विचार
Neha Singh Rathore Sedition Case: लोक गायिका नेहा सिंह राठौर की ओर से उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए दाखिल याचिका पर आज (12 मई) लखनऊ हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में सुनवाई नहीं हो पाई। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति बी.आर. सिंह की खंडपीठ द्वारा की जा रही है। नेहा ने 7 मई को याचिका दायर की थी, जिस पर पिछली सुनवाई के दौरान अगली तारीख 12 मई तय की गई थी।
हजरतगंज थाने में एक एफआईआर दर्ज
नेहा राठौर पर लखनऊ के हजरतगंज थाने में एक एफआईआर दर्ज की गई है। शिकायत कवि अभय प्रताप सिंह द्वारा दर्ज कराई गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि नेहा ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर ऐसी पोस्ट की, जो कथित तौर पर दो समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने वाली थी।
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एफआईआर में यह भी कहा गया है कि नेहा की पोस्ट से देश की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नुकसान पहुंचा है और उसे पाकिस्तान के मीडिया में भारत-विरोधी प्रचार के रूप में इस्तेमाल किया गया।
नेहा राठौर का पलटवार
एफआईआर दर्ज होने के बाद नेहा राठौर ने एक वीडियो जारी कर सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने कहा, “सरकार ने मेरे खिलाफ एफआईआर कर दी, लेकिन पहलगाम हमले के आतंकियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? अगर हिम्मत है तो जाकर उनके सिर वापस लाओ।”
एफआईआर की वैधता पर विचार
सुनवाई में हाईकोर्ट एफआईआर की वैधता पर विचार कर सकता है। अगर कोर्ट को लगता है कि एफआईआर में प्रथम दृष्टया कोई आपराधिक मामला नहीं बनता, तो इसे रद्द भी किया जा सकता है। वहीं, राज्य सरकार और पुलिस की तरफ से भी पक्ष रखा जाएगा।
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