नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचने वाले भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा Neeraj Chopra ने कहा कि, वह खेल में अपना अभ्यास जारी रखेंगे और अपने ऊपर सुपर स्टार वाली सोच (सफलता का खुमार) कभी हावी नहीं होने देंगे।
चोपड़ा ने ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ चैनल को दिये साक्षात्कार में कहा कि एक खिलाड़ी के लिए ऐसी मानसिकता होना खतरनाक है और उनका पूरा ध्यान खेल पर ही रहेगा। चोपड़ा से जब पूछा गया कि इस वक्त आपके प्रशंसकों की संख्या (फैन फॉलोइंग) किसी Neeraj Chopra फिल्मी सितारे से कम नहीं है, खासकर लड़कियों में, तो उन्होंने कहा, ‘‘ देखिए ये अच्छी बात है…लेकिन मैं सबसे ज्यादा ध्यान खेल पर रखना चाहता हूं , मैं अपना पूरा ध्यान खेल पर रखना चाहता हूं।’’
उन्होंने चैनल से कहा, ‘‘ मैं इस बारे में तो यही बोलना चाहूंगा कि ये अच्छी बात है कि उनकी तरफ से इतना प्यार मिल रहा है लेकिन अब मेरा पूरा ध्यान अगले साल होने वाले एशियाई खेलों और विश्व चैंपियनशिप के अलावा आने वाले टूर्नामेंट और (अगले) ओलंपिक पर है।’’
चोपड़ा ने सोमवार को तोक्यो में भाला फेंक के फाइनल में 87.58 मीटर भाला फेंक कर स्वर्ण पदक Neeraj Chopra जीता था। यह भारत का ओलंपिक में एथलेटिक्स में पहला पदक है। वह ओलंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बने। उन्होंने पेरिस ओलंपिक के बारे में पूछे गये सवाल पर कहा, ‘‘ वह उसी समय देखेंगे, उसके बारे में उसी समय पता चलेगा लेकिन मैं अपनी तरफ से उसके लिए पूरी मेहनत करूंगा, और इस चीज से थोड़ी कोशिश करूंगा..जैसा आपने कहा कि सुपरस्टार वाली सोच वो थोड़ा न ही आए तो अच्छा रहेगा ’’
उन्होंने खेलों में ऐसी सोच को खतरनाक करार देते हुए कहा, ‘‘ बस अपनी Neeraj Chopra ट्रेनिंग अच्छे से करुंगा और उसी पर ज्यादा ध्यान रखूंगा क्योंकि मुझे लगता है वही चीज बहुत जरूरी है। खेलों में ऐसी सोच आना थोड़ा खतरनाक हो जाता है। मैं खेल पर अपना सबसे ज्यादा ध्यान रखूंगा।’’
अपने स्वर्ण पदक को मिल्खा सिंह के नाम किये जाने के बारे में पूछे जाने पर इस 23 साल के खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ मैंने उनका वह साक्षात्कार देखा था जिसमें वह कह रहे थे कि उनका एक सपना है कि कोई अपने देश का नौजवान या कोई भी लड़की वहां जाए और (एथलेटिक्स में) पदक लेकर आए और जब Neeraj Chopra ऐसा हुआ तो खासकर राष्ट्रगान पर उन्हें बहुत ज्यादा खुशी होती कि उनका सपना पूरा हो गया।’’
उन्होंने चैनल से कहा, ‘‘ जब भी चंडीगढ़ या पटियाला की तरफ जाता था तो मैं मिल्खा सिंह जी से मिलने के बारे में सोचता था। ओलंपिक के थोड़े दिन ही बचे थे तो मैं इतनी मेहनत करना चाहता था कि पदक जीत सकूं। स्वर्ण पदक तो एक को ही मिलता है और पूरे विश्व के एथलीट इसके लिए मेहनत करते हैं।’’
चोपड़ा कहा, ‘‘ उस समय मुझे यह नहीं पता था कि स्वर्ण पदक मुझे ही मिलेगा लेकिन हां मैं उसके लिए मेहनत कर रहा था। अब जब Neeraj Chopra स्वर्ण मिला है तो लगा कि हमारे देश के एथलीट जिनका बहुत अच्छा परफॉर्मेंस रहा है उसमें मिल्खा सिंह जी हैं, पीटी ऊषा मैम हैं , ये बहुत कम समय से पदक से चूक गए थे। मिल्खा जी अब हमारे बीच नहीं हैं पर वो जहां भी हैं इस चीज को देखकर खुश होंगे।’