हाइलाइट्स
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न्याय मांगा तो SDM ने बुजुर्ग को दी सजा
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कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने जनसुनवाई में सुनी पीड़ा
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किसान को कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने दिलाया न्याय
रिपोर्ट – कमलेश सारडा
Neemuch Kisan SDM: नीमच में न्याय मांगने वाले बुजुर्ग किसान को SDM से ऊंची आवाज में बात करने पर 6 घंटे थाने बैठाने का मामला सामने आया था। जनसुनवाई में कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने किसान को बुलाकर उसकी पीड़ा सुनी और तत्काल प्रभाव से अधिकारियों को किसान की समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए। इसके बाद तहसीलदार सहित पुलिस प्रशासनिक अमले ने किसान के खेत की ओर दौड़ लगा दी और किसान की समस्या का समाधान किया।
किसान को 6 घंटे थाने में बैठाया
नीमच के अडमालिया गांव के किसान जगदीश चंद्र बैरागी 18 मार्च को जनसुनवाई में अपनी जमीन पर बंटाकन और सीमांकन की शिकायत लेकर पहुंचे थे। इसी दौरान जनसुनवाई में SDM से तेज आवाज में बात करने पर SDM संजीव साहू ने पुलिस बुलाकर थाने भिजवा दिया। जहां 6 घंटे बाद थाने से किसान को छोड़ा गया।
‘किसान को पुलिस अभिरक्षा में रखा गया था’
पूरे मामले में कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने बताया किसान जनसुनवाई में आकर अपनी समस्या से परेशान होकर आत्महत्या की बात कर रहे थे इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से उसे पुलिस अभिरक्षा में रखा गया था।
कलेक्टर ने सुनी किसान की पीड़ा
कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने बुजुर्ग किसान को बुलाकर उसकी पीड़ा सुनी और तहसीलदार सहित प्रशासनिक अमले को किसान की समस्या के समाधान के निर्देश दिए।
किसान के खेत पर पहुंचा प्रशासनिक अमला
2 तहसीलदार गिरदावर पटवारी सहित पुलिस अमला किसान जगदीश चंद्र बैरागी के खेत पर पहुंचा और अधिकारियों ने बताया कि किसान का बंटाकन तो कर दिया गया है, लेकिन मौके पर खड़ी फसल होने के चलते विवादित फसल को पंचायत की सुपुर्दगी में देने का निर्णय किया गया। आगामी 15 दिनों में सीमांकन कर किसान की समस्या का निराकरण कर दिया जाएगा।
कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने ये कहा
नीमच कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने कहा कि किसान का मामला सुलझाने के लिए आज टीम गांव भेजी गई थी। फसल के कारण काम पूरा नहीं हो पाया, लेकिन 15 दिन बाद काम कर दिया जाएगा। दोनों पक्षों से बात हो गई है और वे संतुष्ट हैं। इस तरह किसान की परेशानी का हल प्रशासन ने निकालने की कोशिश की है और भरोसा दिलाया है कि उसे जल्द ही न्याय मिलेगा।
किसान ने ये कहा
किसान जगदीश बैरागी ने कहा कि कलेक्टर साहब ने मुझे बुलाया था और मेरी बात सुनी। अधिकारी मेरे खेत पर आए और काम शुरू किया। मैं संतुष्ट हूं। कलेक्टर साहब का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने मेरी आवाज सुनी।