मुंबई। Maharashtra Politics: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता प्रफुल्ल पटेल ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी टूटी नहीं है और 30 जून को विधायक दल और संगठनात्मक इकाइयों ने अजित पवार को सर्वसम्मति से पार्टी अध्यक्ष नियुक्त किया है।
पटेल ने दावा करते हुए कही बात
पटेल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्होंने 40 से अधिक विधायकों के हलफनामों के साथ भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) को एक अर्जी सौंपी है, जिसमें अजित पवार की नियुक्ति के बारे में सूचित किया गया है और ‘‘पार्टी के नाम और चिह्न’’ पर दावा किया गया है। उन्होंने दावा किया कि बृहस्पतिवार को दिल्ली में शरद पवार द्वारा आयोजित राकांपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक आधिकारिक नहीं थी। राकांपा के वरिष्ठ नेता पटेल ने कहा कि पार्टी का संगठनात्मक ढांचा पूरी तरह से ‘‘त्रुटिपूर्ण’’ था।
उन्होंने कहा, ‘‘तीस जून को ‘देवगिरी’ (मुंबई में अजित पवार का आधिकारिक आवास) पर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें विधायक, पदाधिकारी और पार्टी कार्यकर्ता मौजूद थे। उन्होंने सर्वसम्मति से अजित पवार को अपना नेता नियुक्त किया।’’
जानें किसे क्या सौंपी जिम्मेदारी
उन्होंने कहा कि नियुक्ति के तुरंत बाद, अजित पवार ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को बताया कि प्रफुल्ल पटेल को पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि अजित पवार को राकांपा विधायक दल का नेता नियुक्त किया गया, अनिल पटेल विधानसभा में पार्टी सचेतक बने रहेंगे और विधान परिषद सभापति को सूचित किया गया कि अमोल मिटकरी को परिषद में सचेतक नियुक्त किया गया है।
पटेल ने कहा, ‘‘(मूल) राजनीतिक दल का निर्धारण कौन करेगा? यह भारत के निर्वाचन आयोग के अधिकार क्षेत्र में है, जबकि विधायकों को लेकर कार्रवाई विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में है।’’ उन्होंने कहा कि पार्टी के संविधान के अनुसार जयंत पाटिल पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष नहीं हैं और बागी नेताओं को अयोग्य ठहराने के अनुरोध के साथ महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को दी गई उनकी याचिका अमान्य है।
फैसले अवैध और लागू नहीं होते
उन्होंने कहा कि शरद पवार समूह द्वारा अजित पवार गुट के नेताओं को निष्कासित या अयोग्य ठहराने के फैसले अवैध हैं और ये लागू नहीं होते हैं। पटेल के बयानों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, शरद पवार खेमे से जुड़े राकांपा प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने कहा कि यदि पार्टी संगठन की संरचना दोषपूर्ण थी, तो ‘कार्यकारी अध्यक्ष’ के रूप में उनकी (प्रफुल्ल पटेल) नियुक्ति और ‘राष्ट्रीय अध्यक्ष’ के रूप में अजित पवार की नियुक्ति भी अमान्य है।शरद पवार गुट के एक अन्य नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि यदि प्रफुल्ल पटेल दावा कर रहे हैं कि पार्टी अलग हुए गुट की है, तो उन्हें नई नियुक्तियां करने की आवश्यकता क्यों महसूस हुई।