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Naxalites Surrender IN Sukma: 8-8 लाख के इनामी नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, माओवादी लगातार कर रहे घर वापसी

Naxalites Surrender IN Sukma: सुकमा में 8-8 लाख के इनामी दो हार्डकोर नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण के सामने आत्मसमर्पण किया है.

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Harsh Verma
Naxalites Surrender IN Sukma: 8-8 लाख के इनामी नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, माओवादी लगातार कर रहे घर वापसी

   हाइलाइट्स

  • दो हार्डकोर नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
  • एसपी किरण चव्हाण के सामने आत्मसमर्पण किया
  • माओवादी लगातार कर रहे घर वापसी
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Naxalites Surrender IN Sukma: सुकमा में 8-8 लाख के इनामी दो हार्डकोर नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण के सामने आत्मसमर्पण किया है. ये नक्सली ताड़मेटला, मिनपा के साथ-साथ जिले में कई बड़ी नक्सली घटनाओं में शामिल रहे हैं. हार्डकोर नक्सली कलमू प्रकाश गांव बैयमपल्ली के थाना जगरगुंडा का रहने वाला था. ​​​

यह भी पढे़ं: अब तक 689 माओवादी कर चुके हैं सरेंडर, खून-खराबे को छोड़, कर रहे हैं घर वापसी, जानें क्या है वजह

जो नक्सल संगठन में डीवीसीएम पद पर पदस्थ था. आत्मसमर्पित हार्डकोर नक्सली कलमू नक्सलियों की किस्टाराम एरिया कमेटी का सचिव भी था.  बता दें कि आत्मसमर्पित नक्सली नागेश की पत्नी रिता ने भी एसपी के सामने सरेंडर किया है.​​​

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   माओवादी लगातार आत्मसर्मपण भी कर रहे

बता दें कि नक्सलियों की घर वापसी के लिए सरकार अभियान चला रही है. जिसके तहत माओवादी लगातार आत्मसर्मपण भी कर रहे हैं. अब तक 689 से ज्यादा माओवादी आत्मसर्मपण कर चुके हैं.

छत्तीसगढ़ के नक्सलियों को मुख्य धारा में लाने के लिए प्रशासन ने कई योजना चलाई है. इनमें से कुछ योजना ऐसी हैं, जो नक्सलियों को रोजगार तक मुहाया कराती हैं. इसी योजना के तहत अब तक प्रदेश भर में 689 से ज्यादा माओवादी आत्मसर्मपण कर चुके हैं.

   लोन वर्राटू घर वापसी का अभियान

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नक्सलियों (Naxalites Surrender IN Sukma) को मुख्य धारा में लाने के लिए प्रशासन ने लोन वर्राटू घर वापसी का अभियान शुरू किया है. सरेंडर करने वाले नक्सलियों को उनका मनचाहा रोजगार दिया जाता है. वहीं, अंदरूनी ग्रामीण इलाकों और इनामी नक्सलियों के गांवों में उनके पोस्टर लगाकर सरेंडर करने की अपील की जा रही है.

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अब सरेंडर करने वाले नक्सलियों को प्रशासन रोजगार दिलाने की दिशा में भी काम कर रहा है. उन्हें अभी तक पुलिस में ही भर्ती मिलती थी. अब वह अपनी पसंद का रोजगार और नौकरी कर सकेंगे. प्रशासन ने नक्सलियों से अपील की है कि वह सरेंडर कर मुख्य धारा में लौट आएं.

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