Naxalite of Bastar: आदिवासी नेता सुरजु टेकाम की गिरफ्तारी के बाद, क्षेत्रीय आदिवासी आगामी चुनावों को लेकर खिलाफत के स्वर गुनगुना रहे हैं। कलवर गांव में ग्रामीणों ने चेतावनी भरे लहजे मे कहा है कि ‘चुनाव के पहले यदि सुरजु की रिहाई नहीं होती तो बस्तर मानपुर इलाके के कई गांवों के ग्रामीण, चुनावों का बहिष्कार कर देंगे, मतदान में हिस्सा नहीं लेंगे’।
इस सख्त लहजे के बाद दिमाग में एक सवाल आना तो तय है कि आखिर कौन है सुरजु टेकाम और नक्सल प्रभावित (Naxalite of Bastar) इलाकों में इतना लोकप्रिय क्यों है। आइए जानते हैं।
छत्तीसगढ़ और नक्लवाद
साल था 2000 का 1 नवंबर के दिन जब फिर से मध्य प्रदेश का पुनर्गठन किया गया तो, इस वार छत्तीसगढ़ को मध्यप्रदेश से अलग कर भारत का 26वां राज्य बनाया गया, छत्तीसगढ़ राज्य तो बना लेकिन, यहां नक्सल प्रभावित इलाकों की परेशानी वैसी ही बनी हुई थी।
नक्सल प्रभावित (Naxalite of Bastar) जिले को केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से पैसा तो मुहैया करवाया जाता, पर इन पैसों का इस्तेमाल कहां हो रहा था। इसकी जानकारी किसी को नहीं थी।
बात यहीं खत्म नहीं होती, दैनिक भास्कर में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार इन पैसों का कुछ हिस्सा नक्सलियों के पास भी पहुंचा था। दरअसल नक्सलवादी सरकारी नीतियों से सहमत नहीं थे। खनन जैसी सरकारी नीतियों का लगातार विरोध कर रहे थे।
कौन है सुरजु टेकाम
इसी विरोध में अलगाववादी आवाज को बुलंद करने वाला था सुरजु टेकाम, ये वही सुराज टेकाम था जो कम्युनिस्ट पार्टी के नेता चारू मजूमदार और कानू सान्याल के सशस्त्र आंदोलन को अपना आदर्श मान रहा था। लेकिन, ट्राइबल लीडर सूरज टेकाम नक्सलियों गतिविधियों (Naxalite of Bastar) में भी शामिल रहे।
जब सूरजू टेकाम की गिरफ्तारी हुई तो खुलासा हुआ कि उसके नक्सलियों से संबंध हैं। वो पहले भी नक्सल गतिविधियों में शामिल रह चुका है।
पुलिस ने दबिश दी तो उसके घर से विस्फोटक, डेटोनेटर, बारूद, नक्सली पर्चे,नक्सली साहित्य और कॉर्डेक्स वायर को बरामद किया था। जिसके आधार पर सूरजू टेकाम को अरेस्ट किया गया था। लेकिन, 5 बार जेल जा चुके सुरजू टेकाम की लोकप्रियता की वजह ये नहीं थी।
दिया था विवादित बयान
लोकप्रियता की वजह वनी विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान दिया गया विवादित बयान, सुरजू टेकाम ने बयान दिया था कि ‘भाजपा नेताओं को देखते ही काट डालो’ इसको लेकर पुलिस की लगातार टेकमा पर नजर बनी हुई थी।
खुले मंच से दी थी भाजपा नेताओं को धमकी
आदिवासी नेता सुरजू टेकाम नक्सल मामले में कई बार जेल जा चुका है। वहीं एक बार मानपुर मुख्यालय में सुरजू टेकाम ने एक सभा में खुले मंच से भाषण देते हुए कहा था कि ‘भाजपा नेता चुनाव में वोट मांगने आता है तो वहीं काट डालो।’
इसके बाद जिले के भाजपा नेताओं ने सुरजू टेकाम पर एफआईआर दर्ज करने के लिए मानपुर थाने का घेराव करते हुए विरोध प्रदर्शन किया था। ऐसे ही कई मामलों में नेता सुरजू टेकाम जेल जा चुका है
विरोध करने वालों को मिलती थी नक्सली धमकी
लेकिन टेकमा इन विरोध के स्वर को दबाता रहा था। इसलिए आए दिन विवादित बयान देने और समाज विरोधी हरकतें करने के आदी सुरजू का जो कोई भी या संगठन विरोध करता तो उसको नक्सलियों की ओर से धमकी भरा पत्र भेजा जाता था। सुरजू के खिलाफ लिखने वाले कई पत्रकारों को भी नक्सली धमका चुके हैं।
दशहरा उत्सव का करता था विरोध
हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक दशहरा पर रावण दहन की परम्परा है। सुरजू लगभग हर दशहरे के वक्त आदिवासियों को भड़काता रहा है। उसने अनेक बार रावण दहन करने पर राम का पुतला जलाने तक की धमकी दी है।
पिछले पांच साल उसके हौसले रहे बुलंद
पिछले पांच साल जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार रही, उस दौरान सुरजू टेकाम के हौसले काफी बुलंद रहे। उसने इस दौरान न सिर्फ भाजपाइयों को खुले मंच से धमकी दी बल्कि कांग्रेस के मंचों का भी ऐसे कामों के लिए इस्तेमाल किया।
पर अब जब सुरजू टेकमा हिरासत में है तब भी, लोकप्रियता बनी हुई है। लोग लगातार कह रहे हैं कि ‘चुनाव के पहले यदि सुरजु की रिहाई नहीं होती तो बस्तर मानपुर इलाके के कई गांवों के ग्रामीण, चुनावों का बहिष्कार कर देंगे।
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