Bastar Naxalite News: नक्सल प्रभावित बस्तर के लोगों ने दिल्ली में बड़ा आंदोलन छेड़ दिया है। नक्सलियों से पीड़ित लोगों ने दिल्ली के जंतर-मंतर में आंदोलन शुरू कर दिया है। नक्सलवाद खत्म करने के लिए इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाना चाहते हैं। इसी को लेकर वे आंदोलन कर रहे हैं।
बस्तर के नक्सल पीड़ितों का छत्तीसगढ़ (Bastar Naxalite News) के सीएम विष्णुदेव साय ने हौसला दिया है। इसके बाद हिम्मत कर बस्तर के लोग आंदोलन के लिए दिल्ली पहुंचे हैं। वे यहां पर अपनी मांग नक्सलवाद खत्म हो की कर रहे हैं। नक्सलवाद को लेकर सीएम ने कई बार इन पीड़ितों से बात भी की है।
सुनों नक्सली हमारी बात आंदोलन शुरू
नई दिल्ली जंतर-मंतर (Bastar Naxalite News) में बस्तर के नक्सल पीड़ितों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। उन्होंने ‘केंजा नक्सली मनवा माटा’ (सुनो नक्सली हमारी बात) आंदोलन शुरू किया है। इन पीड़ितों का सीएम साय ने हौसला अफजाई किया है। इस पर ये पीड़ित दिल्ली पहुंचे हैं।
सीएम साय ने की पीड़ितों से बात
बस्तर के नक्सल (Bastar Naxalite News) प्रभावित जिलों के पीड़ितों से सीएम विष्णुदेव साय ने कई बार बात की। उनकी समस्याओं को जड़ से खत्म करने के लिए प्रदेश में किए जा रहे प्रयास की बात कही। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि जल्द ही प्रदेश नक्सल मुक्त हो जाएगा।
राष्ट्रीय स्तर पर समस्या पहुंचाने आंदोलन
बस्तर के नक्सल (Bastar Naxalite News) प्रभावित पीड़ितों ने बस्तर से नक्सल को खत्म करने के लिए राष्ट्रीय स्तर आंदोलन शुरू कर दिया है। इस आंदोलन के साथ ही नक्सलवाद के मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने के लिए इस आंदोलन की शुरुआत की है।
मुख्यमंत्री साय ने नक्सल पीड़ितों की पीड़ा को समझते हुए उन्हें अपनी आवाज़ दिल्ली तक पहुंचाने के लिए प्रेरित किया और इस महत्वपूर्ण कदम के लिए उनका हौसला बढ़ाया।
मुख्यमंत्री साय ने बस्तर क्षेत्र में माओवादी हिंसा से प्रभावित ग्रामीणों से कई बार संवाद किया और उनके दुख-दर्द को नजदीक से समझा। उन्होंने महसूस किया कि इन पीड़ितों की समस्याओं को केवल राज्य तक सीमित नहीं रखा जा सकता और इसे राष्ट्रीय स्तर पर उठाने की आवश्यकता है।
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ग्रामीणों की हत्या कर रहे नक्सली
बस्तर इलाके में हालत यह है कि नक्सलियों (Bastar Naxalite News) की अनुमति के बिना ग्रामीण कोई अपने लिए निर्णय नहीं ले सकते हैं। इसके कारण इस इलाके में शिक्षा का स्तर शून्य के बराबर ही माना जाता है।
वहीं जब भी इलाके में नक्सली मुठभेड़ होती है तो उस इलाके व क्षेत्र के ग्रामीण ही चपेट में आते हैं। नक्सली ग्रामीणों को बेवजह ही पुलिस से मुखबिरी की शक में मार देते हैं। इससे निर्दोष ग्रामीण सहमे रहते हैं।
विकास में वाधा बने नक्सली
बस्तर संभाग समेत छत्तीसगढ़ (Bastar Naxalite News) के सभी नक्सल प्रभावित जिलों में अभी भी विकास नहीं पहुंच पाया है। हालत यह है कि कई गांवों आज भी ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं और आवश्यकताओं के लिए तरस रहे हैं। बारिश के दिनों में तो हालत यह हो जाती है कि गांवों में पैदल चलना भी दुभर हो जाता है।
इतना ही नहीं, नक्सलियों के प्रभाव के कारण कई नदी, नालों पर पुल-पुलियाओं का निर्माण नहीं हो पाया। इसके कारण कई गांव पिछले दिनों बाढ़ की चपेट में आने के बाद लोग जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को मजबूर थे। इस बीच कई लोगों की इस बाढ़ में बहने से मौत भी हो गई है।
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