इस्लामाबाद। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को पूर्व प्रधानमंत्री एवं पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) प्रमुख नवाज शरीफ को बड़ी राहत प्रदान करते हुए अल-अजीजिया और एवेनफील्ड भ्रष्टाचार मामलों में उनकी दोषसिद्धि के खिलाफ दायर अपील बहाल कर दी।
शरीफ जनवरी में संभावित आम चुनावों में हिस्सा लेने के लिए अपना नाम मुकदमे से हटवाना चाहते हैं। लगभग चार साल के आत्म-निर्वासन के बाद 21 अक्टूबर को लंदन से पाकिस्तान लौटने के बाद शरीफ अपने छोटे भाई और पीएमएल-एन अध्यक्ष शहबाज शरीफ के साथ दूसरी बार उच्च न्यायालय में पेश हुए।
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक और न्यायमूर्ति मियांगुल हसन औरंगजेब की खंडपीठ ने देर शाम फैसला सुनाया, जिसे आज दिन में सुरक्षित रख लिया गया था। पीठ ने अल-अजीजिया स्टील मिल्स और एवेनफील्ड भ्रष्टाचार मामलों में सुरक्षात्मक जमानत और सजा के खिलाफ अपील अपील बहाल करने संबंधी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया।
उनकी पार्टी ने अपीलों की बहाली का जश्न मनाते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘न्याय कायम होने पर पूरे पाकिस्तान को बधाई।’’ बड़ी संख्या में शरीफ के समर्थक अदालत भवन के बाहर एकत्र हुए और उनके पक्ष में नारे लगाये।
उन्हें 24 अक्टूबर तक सुरक्षात्मक जमानत दी गई थी, जब वह आत्मसमर्पण करने के लिए अदालत में उपस्थित हुए और एवेनफील्ड और अल-अजीजिया स्टील संयंत्र मामलों में अपनी अपील बहाल करने के लिए याचिका भी दायर की। अदालत ने शुरुआती सुनवाई के बाद राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) को नोटिस जारी किया था और सुनवाई आज तक के लिए स्थगित कर दी थी।
एनएबी अभियोजक ने सुनवाई के दौरान अदालत को सूचित किया कि भ्रष्टाचार-निरोधक निगरानी संस्था को 73-वर्षीय शरीफ की गिरफ्तारी में कोई दिलचस्पी नहीं है। यद्यपि शरीफ के वकील ने अपील को बहाल करने पर जोर दिया। एनएबी ने शरीफ के वकीलों की याचिका का विरोध करने से भी इनकार कर दिया। अदालत ने बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की कार्यवाहक सरकार ने अल-अजीजिया भ्रष्टाचार मामले में शरीफ की सात साल की सजा को मंगलवार को निलंबित कर दिया था। शरीफ को अल-अजीजिया स्टील मिल्स भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराया गया था और दिसंबर, 2018 में सात साल जेल की सजा सुनाई गई थी।
उन्हें जुलाई, 2018 में एवेनफील्ड संपत्ति मामले में एक जवाबदेही अदालत द्वारा भी दोषी ठहराया गया था और 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और जेल में डाल दिया गया, लेकिन जमानत मिलने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया, जबकि दोषसिद्धि के फैसले के खिलाफ उनकी अपील लंबित थी। उनकी बेटी मरयम नवाज को भी मामले में सात साल जेल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन सितंबर 2022 में उन्हें भी उनके पति मुहम्मद सफदर के साथ बरी कर दिया गया था। उच्च न्यायालय ने दिसंबर 2020 में दोनों मामलों में नवाज शरीफ को भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया। शरीफ को 2017 में अयोग्य ठहराया गया था और बाद में 2018 में भ्रष्टाचार के दो मामलों में दोषी ठहराया गया था।
उन्होंने हमेशा किसी भी गलत काम के आरोपों से इनकार किया है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने आरोप लगाया है कि शरीफ को उन सभी मामलों में अदालतों से क्लीन चिट मिलने के बाद ईसीपी चुनाव की तारीख देगी। पीपीपी और जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ‘पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ’ (पीटीआई) दोनों ने शरीफ को सैन्य प्रतिष्ठान का ‘नया लाडला’ (पसंदीदा) कहा है।
खान की पार्टी ने कहा कि शरीफ चार साल के निर्वासन के बाद सैन्य प्रतिष्ठान के आशीर्वाद के कारण देश लौटे। सैन्य प्रतिष्ठान ने उन्हें अगला प्रधानमंत्री बनाने का आश्वासन दिया है। शरीफ एकमात्र पाकिस्तानी राजनेता हैं जो तख्तापलट वाले देश के रिकॉर्ड तीन बार प्रधानमंत्री बने।
ये भी पढ़ें:
Latur Fire: 4 मंजिला इमारत में लगी भीषण आग, हादसे में इतने लोग हुए शिकार
Kupwara Encounter: कुपवाड़ा में घुसपैठ की कोशिश नाकाम, लश्कर-ए-तैयबा के 5 आतंकी ढेर