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हाइलाइट्स
- लंबे समय तक पानी न पीना खतरनाक
- डिहाइड्रेशन और पाचन समस्याएं बढ़ती हैं
- डायबिटीज और किडनी पर खास असर
नवरात्रि में कई लोग निर्जला व्रत रखते हैं, लेकिन लंबे समय तक पानी न पीना शरीर पर खतरनाक असर डाल सकता है। डॉक्टर और रिसर्च दोनों का कहना है कि इससे शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित होते हैं। आइए जानते हैं विस्तार से।
लंबे समय तक पानी न पीने से डिहाइड्रेशन
डॉक्टरों के मुताबिक, नवरात्रि के दौरान पानी न पीने की सबसे आम समस्या डिहाइड्रेशन है। जब शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है, तो व्यक्ति थकान, चक्कर और सुस्ती जैसी समस्याओं से जूझने लगता है। गंभीर स्थिति में उल्टी और दस्त भी हो सकते हैं। रिसर्च बताती है कि शरीर में केवल 2–3% पानी की कमी होने पर ही दिमाग की कार्यक्षमता प्रभावित होने लगती है। इससे ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत, मूड स्विंग्स और सिरदर्द जैसी परेशानियां बढ़ सकती हैं।
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पाचन तंत्र पर असर
व्रत के दौरान लोग अक्सर साबूदाना, आलू और कुट्टू जैसे भारी खाद्य पदार्थ खाते हैं। लेकिन अगर पर्याप्त पानी न पिया जाए तो यह भोजन आसानी से पच नहीं पाता। इससे कब्ज, गैस और एसिडिटी की समस्या हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, पानी की कमी आंतों में मल के जमाव को बढ़ा देती है, जिससे पाचन संबंधी दिक्कतें और गंभीर हो सकती हैं।
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डायबिटीज मरीजों के लिए खतरा
डायबिटीज के मरीजों के लिए निर्जला व्रत बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। लंबे समय तक भूखे रहने और पानी न पीने से ब्लड शुगर लेवल अचानक गिर सकता है। वहीं, व्रत तोड़ते समय मीठा खाने पर शुगर लेवल अचानक बढ़ भी सकता है। डिहाइड्रेशन इंसुलिन सेंसिटिविटी को प्रभावित करता है, जिससे ब्लड शुगर का नियंत्रण मुश्किल हो जाता है। यही कारण है कि डॉक्टर डायबिटीज के मरीजों को निर्जला व्रत रखने से मना करते हैं।
त्वचा पर बुरा असर
पानी की कमी का असर त्वचा पर भी दिखाई देता है। लंबे समय तक पानी न पीने से स्किन रूखी और बेजान हो जाती है। होंठ फटने लगते हैं और चेहरे पर झुर्रियां जल्दी दिखने लगती हैं। वैज्ञानिक अध्ययनों के मुताबिक, रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से स्किन की नमी बनी रहती है और कोलेजन प्रॉडक्शन बेहतर होता है, जिससे त्वचा स्वस्थ और चमकदार रहती है।
किडनी पर दबाव
लंबे समय तक पानी न पीने से किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। पानी की कमी के कारण पेशाब की मात्रा कम हो जाती है, जिससे शरीर में टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं। यह स्थिति यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) और किडनी स्टोन जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है।
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नवरात्रि के व्रत जहां आध्यात्मिक शांति और आत्मसंयम का प्रतीक हैं, वहीं स्वास्थ्य की अनदेखी इसमें खतरनाक साबित हो सकती है। डॉक्टरों की मानें तो व्रत के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बेहद जरूरी है। यह न केवल शरीर को हाइड्रेट रखता है बल्कि पाचन, त्वचा और किडनी को भी सुरक्षित बनाए रखता है।
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