Advertisment

Navratri Ashtami 2022 : कब है अष्टमी और नवमीं तिथि, यहां नोट कर लें संधि पूजा की तारीख

Navratri Ashtami 2022 : कब है अष्टमी और नवमीं तिथि, यहां नोट कर लें संधि पूजा की तारीख navratri-ashtami-pooja-2022-when-is-ashtami-and-navami-date-note-here-the-date-of-sandhi-puja-pds

author-image
Preeti Dwivedi
Navratri Ashtami 2022 : कब है अष्टमी और नवमीं तिथि, यहां नोट कर लें संधि पूजा की तारीख

नई दिल्ली। नवरात्रि के आठवें दिन Navratri Ashtami Pooja 2022 मां महागौरी का पूजन किया जाएगा। shardiya navratri 2022 नवरात्रि या दुर्गोत्सव के आठवां दिन दुर्गाष्टमी के रूप में जाना जाता है। मान्यता अनुसार sandhi puja 2022 यह दिन सबसे शुभ माना जाता है। इसे महा अष्टमी भी कहते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इस दिन लोग अपनी कुल देवी की पूजा करते है। इस बार शारदीय नवरात्री की अष्टमी तिथि 3 अक्टूबर 2022 को मनाई जाएगी। आखिर क्यों है इस दिन की महत्ता। आइए जानते हैं इससे संबंधित कुछ खास बातें।

Advertisment

वंश वृद्धि के लिए होगी कुल देवी की पूजा
दुर्गाष्टमी पर कई लोग कुल देवी का पूजन करते हैं। सबकी अपनी परंपरा अनुसार सप्तमीए अष्टमी और नवंमी पर भी होता है लेकिन अधिकतर घरों में अष्टमी पूजन किया जाता है। पंडित राम गोविन्द शास्त्री के अनुसार कुल देवी वंश को आगे बढ़ाने वाली होती हैं। इसलिए इस वंश वृद्धि घर के कुल की सलामती के लिए कुल देवी का पूजन किया जाता है।

यह रही दुर्गा अष्टमी की कथा
कथा अनुसार दो राक्षसों शुंभ और निशुंभ द्वारा देवताओं को हराए जानें के बाद देवलोक पर आक्रमण कर दिया गया। इसके बाद चंड व मुंड सेनापतियों को भेजा गया। तब इसी दिन यानी अष्टमी पर इस दौरान देवताओं की प्रार्थना पर मां पार्वती द्वारा देवी चंडी की रचना की गई। तब मां चंडी ने चंड और मुंड का वध किया। इसी दौरान मां पार्वत द्वारा चंडी देवी को चामुंडा नाम दिया गया।

इन शक्तियों की होती है पूजा
महाअष्टमी पूजन का हमारे धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन मां के 64 योगिनियों, मां के 8 रूपों यानि मां की अष्ट शक्तियों की पूजा की जाती है। मां के विभिन्न रूपों में मां की विभिन्न शक्तियाँ का स्वरूप झलकता है। इस दौरान मां ब्राह्मी, माहेश्वरी, कौमारी, वैष्णवी, वारही, नरसिंही, इंद्राणी और चामुंडा आठ शक्तियों की पूजा की जाती है।

Advertisment

संधि पूजा का है खास महत्व
अष्टमी पूजन पर संधि पूजा का विशेष महत्व है। संधि जैसे नाम से ही स्पष्ट है जब दो तिथियों का मिलन होता है। उसे संधि कहते हैं। इसी तरह जब अष्टमी तिथि समाप्त होती है और नवमी तिथि शुरू होती है। उस समय को संधि पूजा कहते हैं। इसी समय पर संधि पूजा की जाती है। ये पूजा इसलिए खास मानी जाती है कि इस संधि के दौरान ही देवी चामुंडा माता ने चंड और मुंड राक्षसों का वध किया था।

Navratri 2022 : श्राद्ध के बाद होगी शारदीय नवरात्रि की शुरूआत, नोट कर लें डेट, पूजा, विधि, मंत्र और सामग्री की लिस्ट

Diwali School Holiday In October 2022 : अक्टूबर में बच्चों की बल्ले-बल्ले! दीपावली, दशहरा के साथ मिलेंगी लंबी छुट्टियां, यहां चेक करें पूरी लिस्ट

Advertisment

shardiya navratri Navratri 2022 navratri 2022 date navratri kab hai 2022 shardiya navratri 2022 shardiya navratri 2022 date 2022 shardiya navratri ashtami navmi tithi 2022 navratri day 8 2022 religion 2022 shardiya navratri 2022 date time shardiya navratri 2022 kab hai shardiya navratri 2022 kab se shardiya navratri 2022 kalash sthapana time shardiya navratri 2022 kalash sthapana vidhi shardiya navratri 2022 start date shardiya navratri ashtami kab hai shardiya navratri kab hai 2022 shardiya navratri kab se shuru hai
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें