पुडुचेरी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ बनाने में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है, इसलिए जरूरी है कि यह क्षेत्र दुनिया में उभरती प्रौद्योगिकी का उपयोग करे।प्रधानमंत्री ने यहां आयोजित दो दिवसीय 25वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन करने के बाद यह भी कहा कि आज दुनिया भारत को आशा भरी निगाहों से देख रही है कि क्योंकि देश का, जन से मन तक, सामर्थ्य से लेकर सपनों तक और चिंतन से लेकर चेतना तक सब कुछ युवा है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए भारत आज जो कहता है, दुनिया उसे आने वाले कल की आवाज मानती है। आज जो भारत सपने देखता है, जो संकल्प लेता है, उसमें भारत के साथ-साथ विश्व का भी भविष्य दिखाई देता है।’’ कोविड की वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर इस महोत्सव का आयोजन डिजिटल माध्यम से किया गया है। इस अवसर पर युवा व खेल मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन रंगास्वामी और पुडुचेरी की उप राज्यपाल तमिलसाई सौंदरराजन भी मौजूद थे।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर “मेरे सपनों का भारत” और “अनसंग हीरोज़ ऑफ इंडियन फ्रीडम मूवमेन्ट” (भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम महानायक) पर चयनित निबंधों का विमोचन किया। एक लाख से अधिक युवाओं ने इन दो विषयों पर निबंध लिखे थे, जिनमें से कुछ को चुना गया है।उन्होंने सूक्षम, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के एक प्रौद्योगिकी केंद्र का भी उद्घाटन किया। इसे लगभग 122 करोड़ रुपये के निवेश से पुडुचेरी में निर्मित किया गया है।
Inaugurating the National Youth Festival. Watch. https://t.co/gQTuE89cnx
— Narendra Modi (@narendramodi) January 12, 2022
प्रधानमंत्री ने ओपन एयर थियेटर युक्त एक प्रेक्षागृह पेरुनथलैवर कामराजर मनिमण्डपम का भी उद्घाटन किया। उन्होंने कहा, ‘‘आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में एमएसएमई सेक्टर की बहुत बड़ी भूमिका है। बहुत जरूरी है कि हमारे एमएसएमई उस उच्च प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करें जो आज दुनिया को बदल रही है। इसलिए देश में आज एक बहुत बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। पुडुचेरी में बना एमएसएमई प्रौद्योगिकी केंद्र, उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।’’
मोदी ने कहा कि मनिमण्डपम सभागृह के उद्घाटन से इस केंद्र शासित प्रदेश के युवाओं को अपनी प्रतिभा को निखारने व दिखाने का एक मंच मिलेगा।उन्होंने कहा, ‘‘आज दुनिया भारत को आशा और विश्वास की दृष्टि से देखती है क्योंकि भारत का जन भी युवा है, भारत का मन भी युवा है। भारत अपने सामर्थ्य से भी युवा है, भारत अपने सपनों से भी युवा है। भारत अपने चिंतन से भी युवा है, भारत अपनी चेतना से भी युवा है। भारत युवा है क्योंकि भारत ने हमेशा आधुनिकता को स्वीकार किया है और भारत के दर्शन ने परिवर्तन को अंगीकार किया है। भारत वह है जिस की प्राचीनता में भी नवीनता है।’’
उन्होंने कहा कि आज भारत के युवा में अगर श्रम का सामर्थ्य है तो भविष्य की स्पष्टता भी है और इसलिए भारत आज जो कहता है, दुनिया उसे आने वाले कल की आवाज मानती है।