नई दिल्ली। खेल मंत्रालय ने डोपिंग के दागी खिलाड़ियों और कोच को राष्ट्रीय खेल पुरस्कार National Sports Award का पात्र बनाया है, बशर्ते उन्होंने अपना प्रतिबंध पूरा कर लिया हो। इस फैसले से मुक्केबाज अमित पंघाल जैसे खिलाड़ियों को फायदा होगा जो 2012 में ‘असावधानी’ के कारण उल्लंघन के चलते राष्ट्रीय खेल पुरस्कार के लिए दावेदारी पेश नहीं कर पाए।
इस साल के सम्मान के लिए जारी सर्कुलर में National Sports Award मंत्रालय ने कहा है कि डोपिंग अपराध के लिए सजा पाने वाले खिलाड़ी निलंबन पूरा होने पर पात्र होंगे लेकिन इस समय के दौरान की उनकी उपलब्धियों पर पुरस्कार के लिए विचार नहीं किया जाएगा। खेल पुरस्कारों की अगले कुछ दिन में घोषणा किए जाने की उम्मीद है।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘(खिलाड़ी) सजा/निलंबन/प्रतिबंध का समय पूरा करने के बाद पुरस्कार के लिए नाम पर विचार किए जाने के पात्र होंगे। उपरोक्त निलंबन/सजा के दौरान की उपलब्धियों पर विचार नहीं किया जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘खिलाड़ी जिनके खिलाफ जांच लंबित है/चल रही है उनके नाम पर विचार National Sports Award नहीं किया जाएगा।’’
विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले भारत के एकमात्र पुरुष मुक्केबाज एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता पंघाल को दो बार अर्जुन पुरस्कार के लिए नामित किया गया लेकिन डोप उल्लंघन के कारण उनके नाम पर विचार नहीं किया गया। 2012 में ‘चिकन पॉक्स’ के उपचार के दौरान वह डोप National Sports Award उल्लंघन के दोषी पाए गए थे।
पच्चीस साल के इस ओलंपियन ने कहा था कि डोप उल्लंघन उनसे युवा National Sports Award स्तर पर अंजाने में हुआ था। पिछले साल उन्हें खेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया था। मंत्रालय ने इसी तरह डोपिंग के दागी कोच के लिए भी नियमों में राहत दी है लेकिन भारतीय खेलों में अपने खिलाड़ियों के डोपिंग उल्लंघन के लिए कोच को बामुश्किल सजा दी जाती है।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) द्वारा एकत्रित किए गए नमूने के National Sports Award आधार पर अगर कोई कोच विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी द्वार प्रतिबंधित ड्रग्स/प्रतिबंधित पदार्थों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने का दोषी पाया जाता है तो अपनी सजा पूरी करने के बाद वह द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए पात्र होगा।’’