Aaj Ka Mudda: छत्तीसगढ़ में 1 जून से 3 जून तक राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन होने जा रहा है। रायगढ़ में होने जा रहे इस कार्यक्रम में देश भर की मंडलियों शामिल होंगी, लेकिन अब इस कार्यक्रम के आयोजन को लेकर सियासत शुरू हो गई है। रामायण महोत्सव से भाजपा को क्या है आपत्ति और कांग्रेस कैसे दे रही है जवाब।
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कण कण में राम तो फिर राम सिर्फ बीजेपी के ही क्यों हो कांग्रेस के भी हों।। कुछ इसी फार्मूले पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस और सीएम भूपेश बघेल भी चल रहे हैं। राम वनगमऩ पथ हो या फिर या गोधन योजना सरकार ने इन पर भरपूर तव्वजों दी है। अब राज्य सरकार रायगढ़ में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन करने जा रही है और खुद सीएम ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को महोत्सव में शामिल होने के लिए पत्र भी लिखा है। हालांकि, बीजेपी इस आयोजन पर तंज कस कर इसे चुनावी बता रही है।
सीएम भूपेश बघेल ने स्थानीय और लोक संस्कृति को लेकर काफी काम किया है और इस आयोजन को भी वो उसी की एक कड़ी बता रहे है। जाहिर है, राम सबके तारण हार हैं और सियासत भी इसे खूब समझती है, लेकिन राम की जनता को राम के कौन से भक्त पंसद आते है ये देखना महत्वपूर्ण होगा।
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