हाइलाइट्स
- पृथ्वी पर सकुशल लौटी सुनीता विलियम्स।
- स्पेस स्टेशन से लौटने के सफर में 17 घंटे लगे।
- सुनीता विलियम्स के पैतृक गांव में जश्न।
Nasa Astronauts Sunita Williams: नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स करीब नौ महीने तक अंतरिक्ष में रहने के बाद बुधवार तड़के 3:28 बजे फ्लोरिडा के तट पर समुद्र में सकुशल लैंड हो गईं।
उनके साथ विलमोर, निक हेग और रूस के एलेक्जेंडर गोरबुनोव भी थे। यह दल भारतीय समयानुसार मंगलवार सुबह 10:35 बजे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से स्पेसएक्स के ‘ड्रैगन’ कैप्सूल से पृथ्वी के लिए रवाना हुआ था। अंतरिक्ष यात्रियों ने करीब 17 घंटे की यात्रा की।
टेकऑफ से पहले की चुनौती
टेकऑफ से पहले जापानी अंतरिक्ष यात्री ताकुया ओनिशी ने कैप्सूल और स्पेस स्टेशन के बीच हैच सील पर धूल के कुछ कण देखे। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सील पूरी तरह एयरटाइट रहे, इन कणों को हटाना जरूरी था।
ओनिशी ने यह काम पूरा किया, जिसके बाद टेकऑफ को हरी झंडी दी गई। इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का स्पेसक्राफ्ट ‘ड्रैगन’ 10 बार अंतरिक्ष यात्रियों को सकुशल स्पेस स्टेशन ले जा चुका है और 10 बार वापस भी लौट चुका है। इसका सक्सेस रेट 100% रहा है।
286 दिनों तक अंतरिक्ष में फंसे रहे
सुनीता विलियम्स और विलमोर को स्पेस स्टेशन पर सिर्फ आठ दिन बिताने थे, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण वे 286 दिनों तक वहां फंसे रहे। इस दौरान उन्होंने 4,500 बार पृथ्वी की परिक्रमा की।
नासा के अधिकारी रॉब नावियास ने कहा, ‘यह अंतरिक्ष में सबसे लंबा मिशन नहीं है, लेकिन यह निश्चित रूप से एक चुनौतीपूर्ण अनुभव था।’ सुनीता विलियम्स अपने तीन मिशन में कुल मिलाकर 609 दिन अंतरिक्ष में बिता चुकी हैं। इस लिहाज से वे नौवें नंबर पर हैं। रूस के ओलेग कोनोनेन्को 1,110 दिन के साथ इस सूची में टॉप पर हैं।
पृथ्वी पर वापसी के बाद की स्थिति
बुधवार तड़के जब सुनीता विलियम्स और विलमोर पृथ्वी पर उतरे, तो वे अपने पैरों पर खड़े नहीं हो पा रहे थे। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि वे लंबे समय से शून्य गुरुत्वाकर्षण में थे। उन्हें स्ट्रेचर पर अस्पताल ले जाया गया।
नासा के अनुसार, उनकी रिकवरी प्रक्रिया तत्काल शुरू कर दी गई है। डॉक्टरों के मुताबिक, पहले चरण में चलने, लचीलापन बढ़ाने और मांसपेशियों को मजबूत करने पर ध्यान दिया जाएगा। पूरी तरह से सामान्य होने में छह हफ्ते तक लग सकते हैं।
पीएम मोदी का सुनीता विलियम्स को पत्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 मार्च को सुनीता विलियम्स को एक पत्र लिखा। उन्होंने ‘भारत की बेटी’ के प्रति अपनी चिंता व्यक्त की। लिखा- “भले ही आप हजारों मील दूर हैं, आप हमारे दिलों के करीब हैं।
भारत के लोग आपकी अच्छी सेहत और मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। आपकी वापसी के बाद हम भारत में आपका स्वागत करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। भारत के लिए यह गर्व की बात होगी कि वह अपनी सबसे प्रतिष्ठित बेटियों में से एक की मेजबानी करे।”
सुनीता विलियम्स की यह उपलब्धि न केवल अमेरिका बल्कि भारत के लिए भी गर्व का विषय है। उनकी वापसी और सफलता ने एक बार फिर साबित किया कि मानवीय साहस और तकनीकी प्रगति के बल पर कोई भी चुनौती पार की जा सकती है।
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