हाइलाइट्स
- हरदा की अजनाल नदी के पास हुआ हादसा
- नर्मदा की सहायक नदी है हरदा की अजनाल
- पटाखों को नदी—नहरों में फेंकने से बढ़ा प्रदूषण का खतरा
Harda Factory Blast Impact: मध्य प्रदेश के हरदा जिला मुख्यालय में हुए पटाखा फैक्ट्री विस्फोट की भयावहता ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। अब इसमें नये तथ्य सामने आने लगे हैं।
हरदा ब्लास्ट (Harda Factory Blast Impact) से बनी स्थितियों की वजह से प्रदेश की जीवनदायनी नर्मदा नदी पर प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं माना जा रहा है कि सहायक नदी भी अपना रास्ता बदल सकती है।
आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर पटाखा फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट से नर्मदा कैसे प्रदूषित हो सकती है। सहायक नदी अपना रास्ता कैसे बदल सकती है। तो आइये आपको बताते हैं हादसे का नर्मदा कनेक्शन।
हादसे वाली जगह से 700 मीटर दूरी पर अजनाल नदी
हरदा के बैरागढ़ क्षेत्र के अंतर्गत जिस जगह पर ब्लास्ट (Harda Factory Blast Impact) हुआ, वहां से हरदा जिले की सबसे बड़ी नदी अजनाल दांयी ओर से 600 मीटर और बांयी ओर से 700 मीटर की दूरी पर बह रही है।
अजनाल है नर्मदा की सहायक नदी
अजनाल नदी रहटगांव के जंगलों से होते हुए हरदा पहुंचती है। हरदा से करीब 19 किमी दूर अजनाल नदी बिच्छौलामल के पास इंदिरा सागर बांध में जाकर नर्मदा में मिल जाती है।
यह जगह नर्मदा के प्रसिद्ध हंडिया—नेमावर घाट से बामुश्किल 13 किमी ही दूर है।
नर्मदा में प्रदूषण की ये वजह
हरदा में ब्लास्ट (Harda Factory Blast Impact) इतना बड़ा था कि कई किमी दूर तक कंपन महसूस किये गए। बड़ा ब्लास्ट होने से पत्थर सहित अन्य मटेरियल एक से डेढ़ किमी दूर तक उछटकर गए।
इससे घटना स्थल से 600—700 मीटर की दूरी पर मौजूद अजनाल नदी में भी ये जाने की संभावना है। इसके अलावा जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण नदी और नहरों में जब्त किये गए पटाखे लगातार मिल रहे हैं।
इससे हानिकारक केमिकल अजनाल नदी को तो प्रदूषित (Harda Factory Blast Impact) करेगा ही। साथ ही अजनाल का पानी नर्मदा में मिलने से यह नर्मदा के पानी को भी प्रदूषित कर देगा।
नदी के रास्ते में हो सकता है परिवर्तन
पर्यावरणविद् डॉ. सुभाष सी पांडेय ने हरदा में हुए विस्फोट (Harda Factory Blast Impact) से भविष्य में अजनाल नदी के बहाव के मार्ग में परिवर्तन का अंदेशा जताया है।
डॉ. पांडेय के अनुसार हरदा की पटाखा फैक्ट्री में हुआ विस्फोट, क्लस्टर बम एक्सप्लोजन था, जो कई सौ सुतली बमों के एकसाथ फटने के अलावा टीएनटी (ट्राइनाइट्रोटॉलीन) की वजह से भी होने का अनुमान है।
घटना स्थल से ढाई किमी दूर तक दीवारों में आई दरारों से पता चलता है कि एक्सप्लोजन से लगभग 300 डेसीबल का धमाका हुआ होगा, जिससे रिएक्टर स्केल पर 5 तीव्रता आर्टिफिशियल भूकंप आया होगा।
बेसमेंट में हुए इस एक्सप्लोजन से धरती के भीतर को ब्रेक आने की आशंका (Harda Factory Blast Impact) है, जिसके कारण कुछ मीटर की दूरी पर बह रही नर्मदा को सहायक नदी अजनाल के रिवस्कोर्स (बहाव मार्ग) में भविष्य में बदलाव आ सकते हैं।
वॉटर एक्ट 1974 को सीधा उल्लंघन
अजनाल नदी मानव निर्मित न होकर प्राकृतिक नदी है जो रहटगांव के पास के जंगलों से निकलती है। वहीं नर्मदा मध्य प्रदेश के साथ गुजरात के लिये महत्वपूर्ण हैं। जिसका धार्मिक महत्व भी बहुत अधिक है।
नर्मदा की सहायक नदी के इतने करीब अवैध पटाखा फैक्ट्री का संचालन कई सवालों को खड़ा करता है। नदी को प्रदूषित करना वॉटर एक्ट 1974 का सीधा उल्लंघन है। जिसमें जुर्माना और सजा का प्रावधान है।