Narendra Dabholkar Murder Case CBI Verdict: नरेंद्र दाभोलकर मर्डर केस (Narendra Dabholkar Murder Case) में 11 साल बाद अहम फैसला आया है। पुणे सीबीआई की विशेष अदालत ने 2 आरोपियों को दोषी मानते हुए उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई है।
हालांकि मर्डर केस का मुख्य आरोपी और मास्टरमाइंड (Narendra Dabholkar Murder Case) डॉ. विनोद तावड़े को बरी कर दिया गया है। साथ ही विक्रम भावे और संजीव पुनालकेर को भी सबूतों की कमी होने के कारण बरी कर दिया गया है।
Activist Narendra Dabholkar murder case | A Special Court in Pune acquits accused Virendrasinh Tawde, Sanjeev Punalekar and Vikram Bhave. Accused Sachin Andure and Sharad Kalaskar sent to life imprisonment.
Narendra Dabholkar was shot in Pune on August 20, 2013.
— ANI (@ANI) May 10, 2024
बता दें कि सीबीआई (Narendra Dabholkar Murder Case) ने शरद कालस्कर और सचिन अंडूरे को उम्र कैद की सजा सुनाई है। साथ ही इन दोनों आरोपियों पर 5-5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
नरेंद्र दाभोलकर महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक थे, जिसकी हत्या 20 अगस्त 2013 को सुबह गोली मारकर कर दी थी। इस केस की जांच पहले पुणे पुलिस कर रही थी, लेकिन बाद में इस केस को सीबीआई को सौंप दिया गया था।
वहीं, जांच पड़ताल पूरी करने के बाद 2016 में चार्जशीट दाखिल की गई थी। जबकि 8 साल सुनवाई, गवाही और दलीलों को सुनने के बाद आज 10 मई को फैसला सुनाया गया है।
11 साल में 22 गवाहों से की गई पूछताछ
दोभालकर मर्डर (Narendra Dabholkar Murder Case) केस 2014 में सीबीआई को सौंपा गया था, जिसके बाद 11 साल तक 22 गवाहों के पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए गए थे। सीबीआई ने केस की जांच पड़ताल करते हुए 100 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाली थी।
वहीं, पुणे और ठाणे की जेल में बंद कैदियों से भी इस मामले को लेकर पूछताछ की गई थी। सीबीआई (Narendra Dabholkar Murder Case) ने केस लेने के करीब 2 साल बाद जून 2016 में हिंदू दक्षिणपंथी संगठन सनातन संस्था के मेंबर डॉ. वीरेंद्र तावड़े को सीबीआई ने हिरासत में लिया और जिस पिस्तौल से नरेंद्र दाभोलकर की गोली मारकर हत्या की गई थी, उसको बरामद किया।
साथ ही जिस काली बाइक का इस्तेमाल हत्या करने में की गई थी उसको भी सीबीआई ने तभी बरामद कर लिया था।
सीबीआई की विशेष अदालत ने सुनाया फैसला
इसके बाद सीबीआई (Narendra Dabholkar Murder Case) ने चार्जशीट में विनोद तावड़े और सारंग अकोलकर को गोली चलाने वाला बताया था। इसके बाद सचिन अंडूरे और शरद कालस्कर को हिरासत में लेकर सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की गई थी।
इस सप्लीमेंट्री चार्जशीट (Narendra Dabholkar Murder Case) में दोनों को शूटर बताया गया था। इसके अलावा सीबीआई ने वकील संजीव पुनालेकर और विक्रम भावे को सहयोगियों के रूप में पकड़ था, जिसके बाद से विनोद तावड़े, सचिन अंडूरे और शरद कालस्कर जेल में बंद थे।
जबकि संजीव पुनालेकर और विक्रम भावे को जमानत पर रिहा किया हुआ था। आपको बता दें कि इस हाइप्रोफाइल केस का फैसला सीबीआई की विशेष अदालत के जज एए जाधव ने सुनाया था।
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