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ग्वालियर में देश का इकलौता यमराज का मंदिर है... जो पौने तीन सौ साल पुराना है... इस मंदिर की स्थापना सिंधिया राजवंश ने की थी... पौराणिक कथा है कि यमराज की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने वरदान दिया था कि तुम हमारे गण माने जाओगे और दीपावली से एक दिन पहले नरक चौदस पर जो भी तुम्हारी पूजा-अर्चना और अभिषेक करेगा... सांसारिक कर्म से मुक्ति मिलने के बाद उसकी आत्मा को कम से कम यातनाएं सहनी होंगी...साथ ही उसे स्वर्ग की प्राप्ति होगी...तभी से नरक चौदस पर यमराज की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है...यमराज का ये मंदिर शहर के बीचोंबीच फूल बाग इलाके में मारकंडेश्वर मंदिर में स्थित है... मंदिर के पुजारी आचार्य महेश शर्मा बताते हैं कि यमराज की रूप चतुर्दशी को नरक चौदस भी कहा जाता है...
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