/bansal-news/media/post_attachments/PRD_BansalNews/DDF-5.webp)
Retired IAS Alok Shukla Surrender
हाइलाइट्स
आलोक शुक्ला ने कोर्ट में सरेंडर
ED ने मांगी 14 दिन की रिमांड
अनिल टुटेजा की भी होगी गिरफ्तारी
Retired IAS Alok Shukla Surrender: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नान घोटाले (NAN Scam) में बड़ा मोड़ आ गया है। आरोपी रिटायर्ड IAS आलोक शुक्ला (Retired IAS Alok Shukla) ने शनिवार को ईडी कोर्ट (ED Court) में तीसरी बार सरेंडर कर दिया। सरेंडर की प्रक्रिया कड़ी सुरक्षा के बीच हुई, जहां CRPF जवान तैनात रहे। कोर्ट ने सरेंडर आवेदन स्वीकार कर लिया है और अब ईडी ने उन्हें 14 दिन की कस्टोडियल रिमांड (Custodial Remand) पर लेने की मांग की है।
[caption id="attachment_899687" align="alignnone" width="1139"]
19 सितंबर को आलोक शुक्ला कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचे थे।[/caption]
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के बाद गिरफ्तारी संभव
आलोक शुक्ला इससे पहले 18 और 19 सितंबर को भी कोर्ट पहुंचे थे। 18 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Order) का आदेश अपलोड न होने की वजह से कोर्ट ने सरेंडर स्वीकार नहीं किया। 19 सितंबर को ईडी के वकील केस डायरी लेकर नहीं पहुंचे, जिसके चलते सुनवाई टल गई। लेकिन शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी उपलब्ध होने के बाद आखिरकार उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया।
कोर्ट में सुनवाई जारी है और संभावना है कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन (SC Guidelines) के तहत ईडी उन्हें पहले दो हफ्तों के लिए कस्टडी में लेगी और उसके बाद न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में भेजा जाएगा।
https://twitter.com/BansalNews_/status/1970045193513484710
अनिल टुटेजा पर भी शिकंजा कसने की तैयारी
सूत्रों के मुताबिक, नान घोटाले के दूसरे बड़े आरोपी रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा (Retired IAS Anil Tuteja) के खिलाफ भी कार्रवाई तय है। ईडी ने उनके लिए प्रोडक्शन वारंट (Production Warrant) का आवेदन कोर्ट में लगाया है। वारंट मंजूर होने के बाद ईडी उन्हें भी रिमांड पर ले सकती है। इस पर भी सुनवाई कुछ ही देर में होनी है।
[caption id="attachment_899692" align="alignnone" width="1104"]
Retired IAS Anil Tuteja[/caption]
तय समय सीमा में जांच पूरी करे ED- सुप्रीम कोर्ट
नान घोटाले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने ईडी और ईओडब्ल्यू (EOW) को जांच पूरी करने की समय सीमा तय की है। कोर्ट ने ईडी को 3 महीने और ईओडब्ल्यू को 2 महीने में जांच पूरी करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि लंबित मामलों का निपटारा तय समय पर होना चाहिए ताकि न्यायिक प्रक्रिया (Judicial Process) लंबी खिंचने से बचे।
क्या है नान घोटाला?
नान घोटाला (NAN Scam 2015) फरवरी 2015 में उजागर हुआ था, जब एसीबी और ईओडब्ल्यू (ACB/EOW) ने नागरिक आपूर्ति निगम (Nagrik Aapoorti Nigam - NAN) के 25 परिसरों पर छापे मारे। इस दौरान 3.64 करोड़ रुपये नकद जब्त हुए। साथ ही, चावल और नमक के नमूनों की जांच में यह पाया गया कि उनकी गुणवत्ता बेहद खराब थी और वे मानव उपभोग (Unfit for Human Consumption) के लिए अनुपयुक्त थे।
आरोप है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Public Distribution System - PDS) में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ और भ्रष्ट अधिकारियों ने जनता के लिए आने वाले राशन से आर्थिक लाभ उठाया। इस केस में आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा सहित कई अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार, मिलीभगत और वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगे।
ये भी पढ़ें: CG Nan Scam: ईडी की गिरफ्तारी से बचने कोर्ट पहुंचे थे रिटायर्ड IAS डॉ. आलोक शुक्ला, अब SC के आदेश के बाद होगा सरेंडर
राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल
यह मामला न केवल छत्तीसगढ़ की राजनीति (Chhattisgarh Politics) बल्कि प्रशासनिक ईमानदारी के लिए भी एक बड़ा इम्तिहान है। जैसे-जैसे केस आगे बढ़ रहा है, राज्य की सियासत में भी हलचल बढ़ रही है। विपक्ष लगातार सरकार और एजेंसियों की भूमिका पर सवाल उठा रहा है, जबकि सरकार का कहना है कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी (Transparent Investigation) होगी।
ये भी पढ़ें: CG Professor Bharti: प्रोफेसर भर्ती पर उठे सवाल, शोध केंद्र की कमी से अभ्यर्थी परेशान, 595 पदों पर होनी है भर्ती
/bansal-news/media/agency_attachments/2025/10/15/2025-10-15t102639676z-logo-bansal-640x480-sunil-shukla-2025-10-15-15-56-39.png)
Follow Us
चैनल से जुड़ें