भोपाल। एक बार फिर नगरीय निकाय चुनाव Nagariya Nikay Election 2021 टल सकते है। बताया जा रहा है कि 3 मार्च को अंतिम वोटर लिस्ट जारी हो सकती है। इसके बाद बच्चों के एग्जाम आ रहे है। अगर बच्चों के एग्जाम शुरू हो गए तो शायद ही नगरीय निकाय चुनाव हो पाए। वही जानकारी ये भी आ रही है कि भाजपा संगठन पुराने प्रदर्शन को दोहराने के हिसाब से अभी तैयारियां पूरी नहीं हुईं हैं। पार्टी का एक बड़ा वर्ग अब भी चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है।
दो माह के लिए चुनाव टाले जा सकते
अगर दो माह के लिए चुनाव आगे बढ़ जाते है तो जून माह तक नगरीय निकाय चुनाव कराए जा सकते है। हालांकि नगरीय निकाय चुनाव टाले जाने को लेकर किसी भी अधिकारी का बयान सामने नहीं आया है।,लेकिन उम्मीद लगाई जा रही है कि दो माह के लिए चुनाव टाले जा सकते है।
जल्द से जल्द चुनाव कराने के निर्देश
उधर मध्य प्रदेश में नगर निकायों और पंचायतों के लंबे समय से टलते आ रहे चुनावों को लेकर एक दिन पहले ही मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने मामले से जुड़े पक्षों में सहमति बनने के बाद प्रदेश सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को जल्द से जल्द चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं।
उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति सुजॉय पॉल और न्यायमूर्ति शैलेंद्र शुक्ला ने बृहस्पतिवार को दो याचिकाओं का निपटारा करते हुए ये निर्देश जारी किए। मामले से जुड़े वकीलों को इन याचिकाओं पर खंडपीठ का लिखित आदेश शुक्रवार को प्राप्त हुआ। अदालत ने आदेश में कहा, ‘(संबद्ध पक्षों के बीच) सहमति बनी है कि याचिकाओं का निपटारा इन निर्देशों के साथ किया जा सकता है कि प्रतिवादी (प्रदेश सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग) नगर निकायों और पंचायतों के निर्वाचन की प्रकिया तेज करेंगे तथा ये चुनाव जल्द से जल्द संपन्न कराएंगे।’
पीठ ने याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सामने आए तथ्यों और प्रदेश सरकार तथा राज्य निर्वाचन आयोग के जवाब पर गौर करने के बाद कहा कि संबद्ध पक्ष स्थानीय निकाय चुनाव कराने को लेकर सहमति पर पहुंच चुके हैं।
गौरतलब है कि प्रदेश में नगर निकायों और पंचायतों के चुनाव साल भर से ज्यादा समय से लंबित हैं। इंदौर के पूर्व पार्षद भारत पारख और पड़ोसी धार जिले के निवासी तोलाराम गामड़ ने उच्च न्यायालय में अलग-अलग याचिकाएं दायर कर कहा था कि प्रदेश में निकाय चुनाव कराने में विलंब से संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन हो रहा है।