नई दिल्ली। अगस्त का पहला Nag Panchmi 2022 Upay महीना शुरू हो गया है। इसी के साथ त्योहारों kaal sarp yog की शुरूआत भी हो जाएगी। जिसमें सबसे kundli me kaise dekhe kaal sarp yog पहले आने वाली है Sawan Month नागपंचमी। जी mp hindi news भगवान शिव के श्रृंगार भगवान नागराज का पर्व मनाया जाएगा। ये दिन पूजन कई मायनों में खास है। इस दिन किए गए कई उपाय आपको जीवन में सफलता दिला life style सकते हैं। साथ ही अगर आपको कालसर्प दोष है तो इसके लिए ये दिन बेहद खास होने वाला है।
जी हां आपको बता दें हर साल नागपंचमी nagpanchmi का त्योहार सावन माह के शुक्ल पक्ष की Nag Panchmi puja ke niyam 2022 पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता के पूजन से विशेष लाभ मिलता है। जिन mp hindi news जातकों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है। वे इस दिन इस दोष के निवारण के लिए पूजन जरूर कराते हैं। सनातन धर्म में सर्पों को एक विशेष स्थान प्राप्त है। पंडित रामगोविंद शास्त्री के Lord Shiv अनुसार नाग देवताओं की पूजा के लिए कुछ दिनों को काफी शुभ माना जाता है जिसमें से एक श्रावण मास Sawan Somwar 2022 Ke Upay की पंचमी तिथि है। इस दिन नाग देवताओं की पूजा करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
नाग पंचमी शुभ मुहूर्त Nag Panchami Shubh Muhurat
नाग पञ्चमी मंगलवार: अगस्त 2, 2022 को
नाग पञ्चमी पूजा मूहूर्त : सुबह 06ः05 से 08ः41 मिनट तक
अवधि: 02 घण्टे 36 मिनट्स
पञ्चमी तिथि प्रारम्भ:अगस्त 02, 2022 को सुबह 05ः13 मिनट से शुरू
पञ्चमी तिथि समाप्त: अगस्त 03, 2022 को पूरे दिन और रात 2ः16 तक रहेगी।
1 नाग पञ्चमी पूजा मन्त्र nag panchmi mantra
सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतलेण्
ये च हेलिमरीचिस्था येऽन्तरे दिवि संस्थिताः॥
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिनःण्
ये च वापीतडगेषु तेषु सर्वेषु वै नमः॥
श्लोक का अर्थ:
अर्थ : इस संसार में, आकाश, स्वर्ग, झीलें, कुएं, तालाब तथा सूर्य.किरणों में निवास करने वाले सर्प, हमें आशीर्वाद दें और हम सभी आपको बार-बार नमन करते हैं।
2 नाग पञ्चमी पूजा मन्त्र
अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्
शङ्ख पालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्
सायङ्काले पठेन्नित्यं प्रातःकाले विशेषतः
तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्॥
अर्थ : नौ नाग देवताओं के नाम अनन्त, वासुकी, शेष, पद्मनाभ, कम्बल, शङ्खपाल, धृतराष्ट्र, तक्षक तथा कालिया हैं। अगर रोजाना सुबह नियमित रूप से इनका जप किया जाए। तो नाग देवता आपको सभी पापों से सुरक्षित रखेंगे और आपको जीवन में विजयी बनायेंगे।
नाग पंचमी के दिन इन बातों का रखें खास ख्याल –
- नागपंचमी के दिन सुबह स्नान करके नागदेवता की पूजा करनी चाहिए।
- इस दिन नाग देवताओं की पूजा करने से सर्प दोष दूर हो जाता है। उन्हें जल चढ़ाकर मंत्रों का जाप करना चाहिए।
- नाग पंचमी के दिन सुई धागे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और ना ही इस दिन लोहे के बर्तन में खाना बनाना चाहिए।
- अगर कुंडली में राहु और केतु भारी हैं तो इस दिन सांपों की पूजा जरूर करें। ध्यान रहें कि इस दिन नाग देवता को दूध चढ़ाते समय पीतल के लोटे का इस्तेमाल करना चाहिए।
- नाग पंचमी के दिन उस जमीन को बिल्कुल भी नहीं खोदना चाहिए जहां सांपों का बिल हो, ना ही इस दिन सांप को मारना चाहिए। अगर आपको कहीं सांप दिख जाता है तो उसे जाने दें।
- पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार इस दिन तवा नहीं चढ़ाते हैं। ऐसा करने के पीछे एक मान्यता है जिसके अनुसार तवा का तलवा नाग देवता के फन के समान होता है। इसलिए उनके प्रतीक के रूप में नाग देवता को कष्ट न हो इसलिए तवा नहीं चढ़ाते।
- इस दिन पान भी नहीं खाया जाता।
- चावल खाना भी इस दिन वर्जित है।
नागपंचमी के उपाय – Nag Panchmi Ke Upay
हिंदू धर्म में प्राचीन काल से नागों और सर्पों की पूजा का विधान है। पौरिणिक मान्यता के अनुसार नागपंचमी के दिन अनंत या शेष नाग, वासुकि, तक्षक, कर्कोटक, पद्म, महापद्म, शंख और कुलिक नाग का स्मरण और पूजन करना चाहिए। आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं जिन्हें नाग पंचमी के दिन करने से सर्प दोष से मुक्ति और धन- सम्पदा की प्राप्ति होती है..
1 — इस दिन घर के मुख्य द्वार पर गोबर या मिट्टी से नाग देवता की आकृति बना कर उनका पूजन करें। ऐसा करने से नाग देवता प्रसन्न होकर सर्प दोष, सर्प भय से मुक्ति प्रदान करते हैं साथ ही घर में समृद्धि का आगमन होता है।
2— नाग पंचमी के दिन चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा बनवा कर शंकर जी के मंदिर में या नाग देवता के मंदिर में चढ़ाने से कुण्डली से सर्प दोष तो दूर ही होता है, साथ ही धन लाभ भी होता है।
3 — नाग पंचमी के दिन चांदी के नाग-नागिन और स्वास्तिक का पूजन करें। नाग-नागिन के जोड़े को दूध चढ़ाएं और स्वास्तिक पर बेल पत्र अर्पित कर ऊं नागेन्द्रहाराय नमः मंत्र का जाप करें। इन अभिमंत्रित नाग-नागिन के जोड़े को भगवान शिव को अर्पित कर दें और स्वास्तिक को गले में धारण करें। ऐसा करने से सर्प भय से मुक्ति मिलती है।
4- कुण्डली में राहु-केतु की महादशा के कारण बिगड़ते काम को बनाने के लिए चांदी या पंच धातु के नाग-नागिन का जोड़ा शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए।
सपनों के अपशगुन से बचने के उपाय —
अगर आपको सपनों में नाग—नागिन के जोड़े दिखाई देते हैं। तो इसके अपशगुन से बचने के उपाय करने का आपको अच्छा मौका मिलने वाला है। जी हां 13 अगस्त को नागपंचमी है। और इससे बचने का उपाय करने का इससे अच्छा अवसर आपको नहीं मिलेगा। तो आइए जानते है इससे बचने के उपाय। पंडित रामगोविन्द शास्त्री बताते हैं कि हिन्दी पंचांग के अनुसार सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागपंचमी का त्योहार मनाया जाता है।
सावन सोमवार की रात जरूर करें ये उपाय –
सावन सोमवार की रात में भगवान शिव शंकर के किसी ऐसे मंदिर पर जाएं जहां पूजा करने के लिए लोगों का आवागमन कम हो तथा वह सूनसान स्थान पर स्थिति हो। रात में वहां जाकर मंदिर की सफाई करें। उसके बाद भगवान शिव के सामने देशी गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं। अब वहीँ पर बैठकर भगवान शिव के मंत्र ऊं नमः शिवाय का कम से कम 108 बार जाप करें। इसके बाद उनके सम्मुख बहुत ही श्रद्धा भाव से अपनी मनोकामना बोलें। मान्यता है कि ऐसा करने गरीब से गरीब इंसान भी मालामाल बन सकता है।
यह करें उपाय —
यदि आपको बार-बार सपने में सांप दिखाई देते हैं तो इससे बचने के लिए चांदी के 2 नाग और 1 स्वास्तिक बनवाएं। नाग और स्वास्तिक को अलग-अलग थाली में रख कर इनकी पूजा करें। नागों को कच्चा दूध पिलायें और स्वास्तिक पर बेलपत्र चढ़ाएं। इसके बाद दोनों थाल को सामने रखकर ‘ऊं नागेंद्रहाराय नम:’ का जाप करें। इसके बाद किसी मंदिर में जाकर चांदी के नागों को शिवलिंग पर अर्पित करें और स्वास्तिक को गले में धारण करें। यह उपाय नाग पंचमी के दिन करें बहुत लाभ होगा।
नोट: इस लेख में दी गई सभी सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।