Nag Panchami 2022 : इस साल नागपंचमी (Nag Panchami 2022) का त्यौहार 13 अगस्त को मनाया जाएगा। नागपंचमी का त्यौहरा हर साल सावन माह की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। नागपंचमी (Nag Panchami 2022) के दिन सर्प यानी सांपों की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में सांपों को देवता के रूप में माना जाता है। इस दिन नाग पूजा की जाती है। नागपंचमी (Nag Panchami 2022) के दिन एक अनूठी पंरपरा भी निभाई जाती है। यह परंपरा उत्तरप्रदेश में निभाई जाती है। इस दिन गुड़िया को पीटने की परंपरा चली आ रही है। नागपंचमी (Nag Panchami 2022) के दिन गुड़िया को पीटा जाता है।
पंरपरा के पीछे की क्या हैं कहानी?
यूपी में नागपंचमी (Nag Panchami 2022) पर गुड़िया को पीटने को लेकर एक अनोखी कहानी है। हालांकि इस परंपरा को लेकर कई कहानियां सामने आई है। एक कथा के अनुसार राजा परीक्षित की तक्षक नाग के काटने से मौत हो गई थी। राजा की मौत के बाद राजा की चौथी पीढ़ि में तक्षक की चौथी पीढ़ी की एक बेटी का विवाह हो गया। विवाह के बाद उसने राजा की एक सेविका को अतीत की बात बात दी। उसने सेविका को बताया कि वह यह बात किसी को नहीं बताए। लेकिन सेविका ने यह बात दूसरी सेविका को बता दी। इसके बाद यह बात पूरे नगर में फैल गई।
जब इस बात का पता तक्षक के राजा को पता चली तो वह क्रोधित हो उठे। और नगर के चौराहे पर नगर की सभी महिलाओं को इकट्ठा करने का आदेश दे दिया। राजा ने महिलाओं को कोड़ों से पिटवाकर सभी को मौत के घाट उतार दिया। राजा ने सभी महिलाओं को इसलिए मरवा दिया क्योंकि राजा इस बात से नाराज था कि महिलाओं के पेट में कोई बात नहीं पचती। इसी के चलते उनकी पीढ़ी से जुड़ी बात पूरे राज्य में फैल गई।
एक कहानी यह भी?
परंपरा को लेकर एक दूसरी कहानी भी है। यह कथा भोलेनाथ के एक भक्त से जुड़ी हुई है। कहानी के अनुसार भोलेनाथ का एक भक्त रोज शिव मंदिर में पूजा करता था। और नाग देवता के दर्शन करता था। भक्त रोजाना नागदेवता को दूध भी पिलाता था। जिसके चलते दोनों के बीच प्रेम हो गया। कहानी के अनुसार नाग को भक्त से इतना प्यार हो गया था कि वह भक्त को देखकर अपनी मणि छोड़कर उसके पास पहुंच जाता था। एक दिन सावन महीने में भक्त अपने साथ अपनी बहन को लेकर मंदिर में गया। जैसे ही भक्त मंदिर में पहुंचा तो नाग उसके पैरों से लिपट गया। नाग को ऐसा करते देख भक्त की बहन डर गई। बहन को लगा की नाग उसे कहीं काट न ले। इसलिए बहन ने नाग को मार डाला। इसके बाद भक्त ने बहन को नाग और उसके प्रेम के बारे में पूरी कहानी बताई। कहानी सुनकर बहन रोने लगी। इसके बाद मंदिर में उपस्थित लोगों ने कहा की नाग भगवान का रूप होते है और तुमने नगा को मार दिया, इसलिए तुम्हे इसका दंड मिलना चाहिए। तभी से लेकर आज तक गुड़िया को पीटने की परंपरा चली आ रही हैं हालांकि, नागपंचमी (Nag Panchami 2022) के दिन जीवीत लड़की को नहीं पीटा जाता, बल्कि उसकी जगह गुड़िया को पीटा जाता है।