नई दिल्ली। दुनिया में कई ऐसी अजीबोगरीब जगह हैं जिनके बारे में लोग बड़े चाव से पढ़ना या जानना चाहते हैं। ऐसी ही एक जगह है। बरमूडा ट्रायंगल (Bermuda Triangle)। आपने फिल्मों में, या इंटरनेट पर इस जगह के बारे में जरूर देखा या सुना होगा। लोग इस जगह के बारे में अलग-अलग राय रखते हैं। कम ही लोग हैं जो इसकी सही जानकारी रखते हैं। कहा जाता है कि इस जगह को लेकर हकीकत कम और अफवाहें ज्यादा फैली हैं। आइए आज हम आपको बरमूडा ट्रायंगल से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी बताते हैं।
1964 में शुरू हई थी चर्चा
साल 1964 में पहली बार बरमूडा ट्रायंगल की चर्चा दुनिया भर में शुरू हुई थी। अमेरिकी ऑथर विंसेंट गैडिस ने अर्गोसी मैग्जीन में इस ट्रायंगल का जिक्र किया था। उन्होंने इस शब्द का इस्तेमाल एटलांटिक महासागर में एक ट्रायंगल नुमा इलाके के बारे में बताते हुए किया था जो अमेरिका के फ्लोरियाडा के काफी नजदीक था। बतादें कि बरमूडा ट्रायंगल की कोई बाउंड्री नहीं है, बस जानकारों ने एक अदृश्य ट्रायंगल के जरिए इसके बारे में बताया है।
शैतान का ट्रायंगल
इसे डेविक्स ट्रायंगल यानी शैतान का ट्रायंगल भी कहा जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार साल 1945 में अमेरिकन नेवी के 5 हवाईजहाज इस ट्रंगल में घुस गए थे। इस घटना के बाद उन हवाईजहाजों का और 14 सैनिकों का कोई अता-पता नहीं चल पाया था। 80 के दशक में इस ट्रांयगल के आस-पास से करीब 25 छोटे-बड़े प्लेन और पानी के जहाज अचानक से गायब हो गए थे।
अब कुछ नहीं होता गायब
इन घटनाओं के बाद लोगों ने कहा कि इस इलाके में भूत रहते हैं या फिर ये इलाका सीधे एलियंस के संपर्क में है। वहीं कई लोगों ने दावा किया कि बरमूडा ट्रायंगल का गुरूत्वाकर्षण बल काफी ज्यादा है इस कारण से सब चीजें पानी के नीचे खिंची चली जाती हैं। हालांकि, आज के समय में बरमूडा ट्रायंगल से होकर कई जहाज गुजरते हैं मगर अब एक भी गायब नहीं होता है।
वैज्ञानिकों ने क्या कहा?
वैज्ञानिकों का दावा है कि इस इलाके को लेकर पुराने वक्त में सच्चाई कम और अफवाहें ज्यादा उड़ीं हैं। यही कारण है कि लोग इस जगह को रहस्यमयी समझने लगे। वैज्ञानिकों ने कहा कि समुद्र के किनारे जब प्लेन क्रैश होता है या शिप डूबती है तो ज्यादा से ज्यादा मलबा पानी के नीचे चला जाता है। जिसे खोज पाना मुश्किल होता है। द कन्वर्जन वेबसाइट के अनुसार अमेरिका में जमीन पर हुए प्लेन हादसों की सख्या बरमूडा ट्रायंगल में हुए हादसों से कहीं ज्यादा है। यूं तो वैज्ञानिकों की बात तार्किक है मगर अभी तक बरमूडा ट्रायंगल को लेकर कोई ठोस जवाब नहीं मिल पाया है।