सतना। हमारा देश आस्था और विभिन्न संस्कृतियों का देश है। जहां, छोटे से लेकर बड़े-बड़े हजारों मंदिर हैं। जिनमें कई मंदिर विश्व पर्यटन स्थल भी हैं। लेकिन गांव कस्बे में कई मंदिर ऐसे भी हैं जहां, छत तक नहीं हैं। इसके कई कारण हैं। अमरपाटन में एख ऐसा मंदिर है। जहां, छत बनवाने से व्यक्ति की मौत हो जाती है। क्या है ये रहस्य।
600 साल से भी ज्यादा पुरान है मंदिर
अमरपाटन में दक्षिणमुखी हनुमान जी भगवान का मंदिर है। यह मंदिर अमरपाटन के पपरा पहाड़ में स्थित है। बताया जाता है कि 600 साल पुराने इस मंदिर में आज भी भगवान बिना छत के रहते हैं। ऐसा कहा जाता है कि, इस मंदिर मे छत निर्माण करवाने वाले की या तो मौत हो जाती है। या फिर वह मानसिक रूप से पागल हो जाता है।
हनुमान जी खुली छत के नीचे करते हैं प्रार्थना
कहा जाता है कि, भगवान हनुमान जी महाराज खुली छत के नीचे तपस्या करते हैं और खुले आसमान के नीचे रहना ही पसंद करते हैं। शायद यही वजह है की निर्माण कभी पूरा नहीं हो पाता है।
हर मनोकामना होती है पूरी
यहां पेड़ों मे सैकड़ों नारियल बंधे हैं, लोगों की मान्यता है। कोई भी भक्त यहां कपड़े में रखकर नारियल पेड़ से बांधकर जो भी मन्नत मांगता है। हनुमानजी महाराज उसकी मनोकमना पूरी करते हैं।
हनुमान जी की मुर्ति हुई थी प्रकट
कहा जाता है कि सैकड़ों साल पहले जंगल के बीचों-बीच हनुमान जी की मुर्ति प्रकट हुई थी। पहले कोई पुजारी दो दिन से ज्यादा यहां नहीं रुक पाता था। लेकिन एक दिन एक महाराज आये और उन्होने ने हनुमान जी के चरणों मे अपना जीवन अर्पित करने की बात कही। तब से इस मन्दिर मे पूजा पाठ की शुरुआत हुई और अब हर मंगलवार शनिवार यहां भक्तों का तांता लगा रहा रहता है।
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