Mysterious Kamrunag Lake: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की हसीन वादियों के बीच एक ऐसी झील है जिसमें आज भी अरबों रुपए का खजाना भरा पड़ा है। इस झील में छिपा खजाना कुछ वर्षों पुराना नहीं बल्कि महाभारत काल का बताया जाता है। आज तक किसी ने झील से खजाना निकालने की कोशिश भी नहीं की। इतना ही नहीं ऐसा कहा जाता है कि, यहां मांगी गई लोगों की हर मुराद भी पूरी होती है। आइए जानते हैं इस झील से जुड़े रहस्यों और यहां की मान्यताओं के बारे में…
यह झील हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले से करीब 51 किलोमीटर दूर करसोग घाटी में मौजूद है। इसका नाम कमरूनाग झील है। पहाड़ी रास्तों से होकर इस झील तक पहुंचा जा सकता है। यह रास्ता बेहद मुश्किल भी है।
हर मन्नत पूरी करने हैं कमरूनाग बाबा
यहां पत्थर से बनी कमरूनाग बाबा की एक प्राचीन मूर्ति है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं और इस मूर्ति की पूजा कर मन्नत भी मांगते हैं। कहा जाता है कि, यहां जो भी मन्नत मांगी जाती है वह पूरी होती है। इसके बाद श्रद्धालु खुशी होकर इस झील में सोने-चांदी के जेवर चढ़ाते हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक, बाबा कमरूनाग सालभर में एक बार यहां के लोगों को जरूर दर्शन देते हैं। जून के महीने में बाबा प्रकट होते हैं और अपने भक्तों के कष्टों का निवारण करते हैं।
विशाल मेले का होता है आयोजन
जून में यहां सरानाहुली मेला भी आयोजित किया जाता है। इस मौके पर बाबा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ यहां उमड़ती है। मनचाहा वर पाने के लिए भी लोग झील में सोने-चांदी के गहनें डालते हैं। मान्यता है कि, जो भी दान स्वरूप इस झील में गहने डालता है बाबा उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। सदियों से यह परंपरा निभाई जा रही हैं।
इसी वजह से झील में अरबों का खजाना इक्कट्ठा हो गया है। हालांकि कोई भी इन गहनों को निकालने की कोशिश भी नहीं करता है। माना जाता है, अगर कोई ऐसा प्रयास करता है तो उसका सर्वनाश हो जाता है। इसी डर से कोई भी झील से गहने या अन्य सामान निकालने की कोशिश नहीं करता। चढ़ावे की वजह से ही समुद्रतल से करीब नौ हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित इस झील में सोने चांदी के जेवर पानी से बिल्कुल साफ झलकते हैं।
विशेष नाग पूजा भी की जाती है
मेले के समय यहां नाग देवता की भी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। ये भी मान्यता है कि, नाग देवता खजाने की रक्षा करते हैं। नाग देवता के चलते आज तक इसे कोई छू भी नहीं पाया।