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Mulayam Singh Yadav Death : उत्तरप्रदेश की राजनीति का वो सितारा आज देवलोक के लिए गमन कर गया। जिसने राजनीति में कभी हार नहीं मानी, हम बात कर रहे हैं यूपी की राजनीति के भीष्म पितामहा, पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संरक्षक नेताजी मुलायम सिंह की। मुलायम सिंह के राजनीति में विपक्षीयों से भी गहरे रिश्ते रहें है। मुलायम सिंह यादव की राजनीति के कई ऐसे किस्से और घटनाएं हैं जिन्हें आज भी सुना और पढ़ा जाता है। ऐसी ही एक घटना उनके साथ भी घटी थी जब नेताजी पर 9 गोलियां चली थी। हालांकि इस घटना में वे बड़ी मुश्किल से बचे थे।
मुलायम पर चली थी 9 गोलियां
दरअसल, हम बात कर रहे है, 4 मार्च 1984 की। जब मुलायम सिंह इटावा में रैली कर रहे थे। रैली करने के बाद वह अपने दोस्त से मिलने महिखेड़ा पहुंचे थे, इसके बाद वह मैनपुरी के लिए जा ही रहे थे कि उनके काफिले पर गोलीबारी शुरू हो गई। दो बाइक सवारों ने उनकी गाड़ी पर ताबातोड़ हमला कर दिया था। बदमाशों के निशाने पर मुलायम सिंह निशान थे। हालंाकि मुलायम सिंह के सुरक्षाकर्मियों ने हमलावारों को मुंहतोड़ जबाव दिया। सुरक्षाकर्मियों की जबावी कार्रवाई में एक हमलावरा को मार गिराया जबकि दूसरा घायल हो गया था। सुरक्षाकर्मियों ने किसी तरह घेरा बनाकर मुलायम सिंह यादव को सुरक्षित नजदीक के कुर्रा पुलिस थाने ले गए। कुछ इस तरह से मुलायम सिंह की जान बच सकी थी। जिस वक्त मुलायम सिंह यादव पर हमला हुआ था, उस वक्त यूपी की राजनीति में मुलायम सिंह यादव का कद तेजी से बढ़ रहा था।
प्रधानमंत्री बनने से चूके थे मुलायम
कहते है दिल्ली की कुर्सी का रास्ता उत्तरप्रदेश से गुजरकर जाता है। क्योंकि यूपी में सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटें है ऐसे में देश की राजनीति में यूपी का हमेशा दबदबा रहा है। एक बार मुलायम भी इसी रास्ते से गुजर पीएम की कुर्सी तक पहुंचने वाले थे, लेकिन मुलायम सिंह 1996 में पीएम बनने से चूक गए थे। दरअसल उस समय हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार हुई थी और 161 सीटें जीतने वाली भाजपा ने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाई थी।
13 दिनों बाद गिरी सरकार
लेकिन हालात ऐसे बने की सरकार 13 दिनों बाद ही गिर गई थी। इसके बाद गठबंधन की सरकार बनने की बारी आई और वीपी सिंह, ज्योति बसु के नाम पीएम पद के लिए सामने आए लेकिन ये दोनों ही नेता रेस से बाहर हो गए तो मुलायम सिंह यादव और लालू प्रसाद यादव का नाम इस रेस में आगे हो गया, लेकिन लालू प्रसाद यादव और शरद यादव के विरोध के चलते उनकी पीएम बनने की तमन्ना पूरी नहीं हो सकी। बाद में एचडी देवगौड़ा और आईके गुजराल पीएम बने और इनकी सरकार में मुलायम सिंह यादव रक्षा मंत्री रहे।
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