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MS Dhoni's Captain Cool Trademark Controversy
MS Dhoni's Captain Cool Trademark Controversy: पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) के 'Captain Cool' को ट्रेडमार्क कराने के प्रयास को दिल्ली के वकील अशुतोष चौधरी ने चुनौती दी है। उनका तर्क है कि यह शब्द सामान्य (generic) और प्रशंसनीय अभिव्यक्ति (laudatory expression) है, जिसे कई खिलाड़ियों के लिए दशकों से इस्तेमाल किया जा रहा है। केवल सेलिब्रिटी पहचान इस शब्द पर एकाधिकार (monopoly) की वैधता नहीं बनाती।
ट्रेडमार्क लॉ के तहत नहीं बनती विशिष्टता
विरोध (Captain Cool Trademark Controversy) में कहा गया है कि 'Captain Cool' कोई ऐसा विशिष्ट चिह्न (distinctive mark) नहीं है जो एकमात्र व्यक्ति या संस्था से जुड़ा हो। यह शब्द आम बोलचाल और खेल पत्रकारिता (sports journalism) में लंबे समय से चलता आ रहा है। धोनी द्वारा वर्ग 41 ट्रेडमार्क आवेदन (Class 41 trademark application) के तहत इसे रजिस्टर कराना Trade Marks Act, 1999 के मानकों को पूरा नहीं करता।
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धोनी की ‘Prior Use’ की दलील पर भी उठे सवाल
धोनी के वकीलों ने आवेदन में 2008 से इस शब्द के उपयोग का दावा किया है, लेकिन विरोध पक्ष का कहना है कि कोई हलफनामा या सबूत नहीं (no affidavit or proof) इस बारे में पेश नहीं किया गया। इस संशोधन को आवेदन के कई दौर की आपत्तियों के बाद किया गया है, जो प्रक्रियागत अनियमितता (procedural irregularity) दर्शाता है।
विरोध में यह भी कहा गया है कि श्रीलंका के पूर्व कप्तान अर्जुन रणतुंगा समेत कई खिलाड़ियों को अतीत में Captain Cool कहा गया है। इस शब्द की तुलना “The Wall” और “God of Cricket” जैसे गैर-स्वामित्व विशेषण (non-proprietary epithets) से की गई है, जो पब्लिक डोमेन में हैं और किसी के द्वारा ट्रेडमार्क नहीं किए जा सकते।
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कोई स्पष्ट व्यावसायिक उपयोग नहीं, सिर्फ पॉपुलैरिटी नहीं है काफी
विरोध याचिका (Captain Cool Trademark Controversy) में कहा गया कि धोनी के पास इस शब्द का कोई लगातार वाणिज्यिक उपयोग (consistent commercial use) या प्रमोशन का प्रमाण नहीं है। सिर्फ व्यक्ति की पॉपुलैरिटी ट्रेडमार्क कानून में अधिकार नहीं बनाती, जब तक उसका ठोस बाजार मान्यता (market recognition) न हो।
कानूनी प्रक्रिया में पक्षपात का आरोप
विरोध में ट्रेडमार्क रजिस्ट्री पर भी सवाल उठाए गए हैं। कहा गया कि बिना लंबित rectification proceeding के निपटारे और बिना पूर्व स्वामी को सूचना दिए मार्क को मंजूरी देना नियमों का उल्लंघन है और preferential treatment due to fame का संकेत देता है।
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