Mrs Chatterjee Vs Norway: रानी मुखर्जी की लेटेस्ट रिलीज़ फिल्म ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ का तमाम सेलेब्स और क्रिटिक्स उनकी फिल्म को काफी पसंद कर रहे है वहीं दूसरी तरफ नॉर्वे के एम्बेसडर हंस जैकोब फ्रैडुलंद ने रानी की फिल्म ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ पर आपत्ति जताई है उन्होंने फिल्म को फिक्शनल बताते हुए कुछ सीन्स पर आपत्ति जताई है। फिल्म में दिखाया गया है कि एक इंडियन मां अपने बच्चों को वापस पाने के लिए एक विदेशी देश ( नॉर्वे) की पूरी कानूनी व्यवस्था और प्रशासन से लड़ती है। इस फिल्म का डायरेक्शन सागरिका भट्टाचार्य ने किया है और ये सच्ची कहानी पर बेस्ड है। फिल्म ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ में रानी के काम की काफी सरहाना हो रही है।
My Op-Ed in @IndianExpress today about the film #MrsChatterjeeVsNorway. It incorrectly depicts Norway’s belief in family life and our respect for different cultures. Child welfare is a matter of great responsibility, never motivated by payments or profit. #Norwaycares pic.twitter.com/FpVWmdLv5h
— Ambassador May-Elin Stener (@NorwayAmbIndia) March 17, 2023
नार्वे ने शुक्रवार को कहा कि फिल्म ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नार्वे’ कल्पना पर आधारित है और इसमें गलत तरीके से नॉर्डिक देश के पारिवारिक जीवन की मान्यताओं को प्रदर्शित किया गया है। नार्वे के राजदूत हंस याकोब फ्रीडनलुंद ने ट्वीट किया, ‘‘इसमें नार्वे की पारिवारिक जिंदगी की मान्यता और विभिन्न संस्कृतियों के प्रति हमारे सम्मान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। बाल कल्याण बहुत ही जिम्मेदारी का विषय है, कभी भुगतान और लाभ से प्रेरित नहीं होता।’’ गौरतलब है कि रानी मुखर्जी की भूमिका वाली इस फिल्म में भारतीय प्रवासी दंपती की कहानी है, जिनके बच्चों को वर्ष 2012 में बाल देखरेख केंद्र में भेज दिया गया था।