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हाइलाइट्स
MPPSC साल में सिर्फ 5 एग्जाम लेगा
ESB अब गेट जैसी एक बड़ी परीक्षा लेगा
मेरिट लिस्ट से सीधे विभागीय भर्ती होगी
MPPSC News: मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया में बड़ा परिवर्तन होने जा रहा है। अब तक हर पद के लिए अलग-अलग परीक्षा कराने की लंबी प्रक्रिया को खत्म करते हुए सरकार एक नई व्यवस्था लागू करने जा रही है। इस नई व्यवस्था के तहत मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) साल में केवल 5 प्रमुख परीक्षाएं कराएगा, जबकि कर्मचारी चयन मंडल (ESB) यानी पूर्व का व्यापम सिर्फ एक बड़ी परीक्षा लेगा। इस बदलाव से न सिर्फ अभ्यर्थियों को बार-बार परीक्षा देने की परेशानी से राहत मिलेगी बल्कि भर्ती प्रक्रिया भी अधिक पारदर्शी और तेज होगी।
सरकार स्तर पर इस बदलाव का ड्राफ्ट लगभग तैयार हो चुका है। दिवाली के बाद 23-24 अक्टूबर को मुख्य सचिव (Chief Secretary) स्तर की उच्च स्तरीय समिति के सामने इसका प्रेजेंटेशन रखा जाएगा। समिति से चर्चा के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
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मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग[/caption]
एमपीपीएससी की साल में सिर्फ पांच परीक्षाएं होंगी
अब एमपीपीएससी हर पद के लिए अलग परीक्षा नहीं कराएगा। नई प्रणाली के तहत आयोग सिर्फ पांच मुख्य श्रेणियों में परीक्षाएं आयोजित करेगा। इनमें राज्य सेवा परीक्षा (State Service Exam) सबसे प्रमुख होगी, जो सभी अभ्यर्थियों के लिए खुली रहेगी। इसके अलावा इंजीनियरिंग, यांत्रिकी और माइनिंग क्षेत्र की एक संयुक्त परीक्षा होगी। मेडिकल क्षेत्र से संबंधित सभी पदों के लिए एक अलग परीक्षा कराई जाएगी। उच्च शिक्षा विभाग के पदों के लिए भी स्वतंत्र परीक्षा होगी और बाकी बचे वर्गों के पदों को अन्य वर्ग (Other Category) परीक्षा में शामिल किया जाएगा।
अभी तक एमपीपीएससी साल में 15 से 20 परीक्षाएं आयोजित करता है। उदाहरण के तौर पर 2025 में 19 परीक्षाओं का कैलेंडर जारी किया गया था। लेकिन नई व्यवस्था लागू होने के बाद यह संख्या घटकर केवल पांच रह जाएगी। इससे आयोग पर बोझ कम होगा और परीक्षा कैलेंडर (Exam Calendar) अधिक व्यवस्थित हो जाएगा।
ईएसबी अब गेट (GATE) की तर्ज पर लेगा एक बड़ी परीक्षा
कर्मचारी चयन मंडल यानी ईएसबी अब पूरे साल में सिर्फ एक ही बड़ी परीक्षा आयोजित करेगा। यह परीक्षा ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (Graduate Aptitude Test in Engineering- GATE) की तर्ज पर होगी। जिस तरह गेट परीक्षा इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी और विज्ञान विषयों के लिए एक राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा होती है, उसी तरह ईएसबी की यह परीक्षा सभी विभागों के लिए एक समान पात्रता परीक्षा (Eligibility Test) के रूप में काम करेगी।
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मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल।[/caption]
इस परीक्षा की मेरिट लिस्ट तैयार कर पोर्टल पर जारी की जाएगी। अभ्यर्थी आवेदन के समय अधिकतम पांच विभागों की प्राथमिकता दे सकेगा। परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों की कट ऑफ लिस्ट (Cut-off List) दो साल तक मान्य रहेगी। यानी अगर किसी ने 2025 में परीक्षा दी है तो वह 2027 तक उस स्कोर के आधार पर विभागीय भर्ती के लिए आवेदन कर सकता है।
अगर कोई अभ्यर्थी चाहे तो हर साल परीक्षा में दोबारा बैठकर अपनी रैंकिंग सुधार सकता है। इससे उसे अगले भर्ती चक्र में बेहतर अवसर मिलेंगे।
ऐसे होगी नई व्यवस्था में विभागीय भर्ती
नई प्रणाली में अब किसी विभाग को अलग से परीक्षा कराने की जरूरत नहीं होगी। उदाहरण के लिए अगर नगरीय प्रशासन विभाग (Urban Administration Department) में सहायक ग्रेड-2 (Assistant Grade-2) के पदों की भर्ती करनी है तो विभाग ईएसबी की जारी मेरिट लिस्ट से ही चयन करेगा। विभाग अपने स्तर पर भर्ती का विज्ञापन निकालेगा जिसमें केवल वे उम्मीदवार आवेदन कर सकेंगे जो ईएसबी परीक्षा में क्वालिफाई हुए हैं।
इसके बाद जो उम्मीदवार आवेदन करेंगे, उनकी मेरिट लिस्ट विभाग खुद तैयार करेगा और चयन उसी आधार पर किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में न कोई इंटरव्यू होगा, न ओपन भर्ती परीक्षा। इससे भर्ती प्रक्रिया तेज, पारदर्शी और निष्पक्ष बनेगी।
भर्ती का विज्ञापन हर साल जारी होगा और आयु की गणना अगले साल की 1 जनवरी से की जाएगी। उदाहरण के तौर पर अगर विज्ञापन 2025 में जारी होता है तो आयु सीमा की गणना 1 जनवरी 2026 से की जाएगी।
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अभ्यर्थियों और सरकार दोनों को होगा फायदा
इस नई व्यवस्था से अभ्यर्थियों को सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि उन्हें हर पद के लिए अलग-अलग परीक्षा देने की जरूरत नहीं होगी। एक बार ईएसबी परीक्षा में क्वालिफाई होने के बाद वे दो साल तक पात्र रहेंगे। अगर वे अगली परीक्षा में बैठते हैं और बेहतर अंक लाते हैं तो उनकी नई रैंकिंग से भर्ती के लिए आवेदन कर सकते हैं।
सरकार के लिए भी यह व्यवस्था लाभदायक होगी। बार-बार परीक्षा कराने, प्रश्नपत्र तैयार करने, सेंटर प्रबंधन और रिजल्ट प्रक्रिया में लगने वाला समय और खर्च दोनों घटेगा।
साथ ही, पारदर्शिता भी बढ़ेगी क्योंकि हर क्वालिफाई अभ्यर्थी का अंक पोर्टल पर सार्वजनिक रहेगा। कोई विभाग या अधिकारी परीक्षा परिणाम से छेड़छाड़ नहीं कर पाएगा। भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म (Digital Platform) पर आधारित होगी, जिससे गड़बड़ी की संभावना लगभग समाप्त हो जाएगी।
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फाइल फोटो।[/caption]
हर साल 30 सितंबर तक विभाग बताएंगे अपनी वैकेंसी
नई भर्ती व्यवस्था के तहत सभी विभागों को हर साल 30 सितंबर तक अपनी जरूरत यानी वैकेंसी (Vacancy) की जानकारी देनी होगी। इसके आधार पर ईएसबी परीक्षा आयोजित करेगा। इसका मतलब यह हुआ कि भर्ती प्रक्रिया अब तय समय-सारणी (Fixed Schedule) के अनुसार चलेगी।
परीक्षा और परिणाम का पूरा कैलेंडर तय होगा जिससे उम्मीदवारों को पहले से तैयारी की दिशा तय करने में आसानी होगी। साथ ही, चयन प्रक्रिया का समय घटेगा क्योंकि अलग-अलग परीक्षाओं की जगह अब एक ही परीक्षा होगी।
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फाइल फोटो।[/caption]
ईएसबी की नई परीक्षा से 90 प्रतिशत भर्ती का काम निपटेगा
अधिकारियों के मुताबिक, पहले ईएसबी की परीक्षाएं सात श्रेणियों में बंटी थीं जिन्हें घटाकर पांच किया गया था। अब नई व्यवस्था में इसे और सरल करते हुए एक ही बड़ी परीक्षा के रूप में लागू किया जा रहा है। इस एक पात्रता परीक्षा से राज्य की लगभग 90 प्रतिशत भर्ती आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकेगा।
बाकी 10 प्रतिशत भर्ती, जो विषय विशेषज्ञता (Subject Expertise) से जुड़ी होती है, उसके लिए अलग परीक्षा कराई जा सकेगी। यह परीक्षा भी ईएसबी ही कराएगा लेकिन केवल संबंधित विभाग की डिमांड पर।
उच्च स्तरीय समिति के सामने ड्राफ्ट जाएगा
सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) के अपर मुख्य सचिव संजय शुक्ला ने बताया कि भर्ती परीक्षाओं की संख्या कम करने पर काफी काम किया जा चुका है। प्रारंभिक ड्राफ्ट लगभग तैयार है और दिवाली के बाद उच्च स्तरीय समिति के सामने इसका प्रेजेंटेशन रखा जाएगा। समिति की सहमति मिलने के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
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मध्यप्रदेश में पुलिसकर्मियों द्वारा करप्शन के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। सिवनी के पुलिस हवाला कांड के बाद मंदसौर में भी ऐसा ही केस सामने आया है। जहां डोडाचूरा तस्करों से पैसा लेकर छोड़ने का खुलासा हुआ है। जिसके बाद शामगढ़ थाना प्रभारी धर्मेंद्र शिवहरे समेत 4 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। ये कार्रवाई ग्राम आंकली में एनडीपीएस एक्ट (NDPS Act) के केस और एक अन्य शिकायत के आधार पर की गई है। मामले में टीआई धर्मेंद्र शिवहरे के अलावा सब इंस्पेक्टर अविनाश सोनी, हेड कॉन्स्टेबल दिलीप बघेल और कॉन्स्टेबल मनीष पंवार को पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें।
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