हाइलाइट्स
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शिक्षकों के 9 हजार पदों पर होगी भर्ती
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एमपी में लगती है सबसे ज्यादा फीस
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सरकार ने नहीं दिया सटीक जवाब
MPESB Bharti Fee Policy 2024: मध्यप्रदेश में कर्मचारी चयन मंडल ने सरकारी भर्तियों के लिए साल का एग्जाम कैलेन्डर (MPESB New Exam Calendar 2024) जारी कर दिया है।
जिसके मुताबिक मंडल अगस्त महीने में करीब 9 हजार शिक्षकों की भर्ती करेगा। लेकिन बड़ा सवाल ये कि भर्ती के लिए परीक्षार्थियों से फीस लेने का फॉर्मूला क्या होगा? ये अभी तय नहीं है।
सवाल तो ये भी उठता है कि मध्यप्रदेश में भर्ती परीक्षा (MPESB Bharti Fee Policy 2024) सबसे महंगी क्यो हैं? जबकि राजस्थान में परीक्षा के लिए वन टाइम फीस लगती है।
वहीं गुजरात में सिर्फ 100 रुपए लगते हैं, लेकिन मध्यप्रदेश में मोहन सरकार कौनसा फॉर्मूला तय करेगी।
MPESB Bharti Fee Policy 2024: इस महीने होगी 9 हजार शिक्षक भर्ती, एग्जाम फीस का फॉर्मूला तय नहीं, जानें सरकार का जवाब#MPESB #MPESBRecruitment #Recruitment #MPNews #TeachersRecruitment
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पूर्व सीएम शिवराज ने वन टाइम फीस का किया था आदेश जारी
आपको बता दें कि इसे लेकर 20 अप्रैल 2024 को तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि कर्मचारी मंडल की परीक्षाओं में उम्मीदवार से साल में वन टाइम एग्जाम फीस ली जाएगी।
ये आदेश उस वक्त तत्कालल प्रभाव से लागू भी हो गया था, जिसकी समय सीमा 20 अप्रैल 2024 को खत्म हो गई है।
जानें सरकार का जवाब
इसके बाद कर्मचारी चयन मंडल ने सरकार को चिट्ठी लिखकर पूछा की एग्जाम में फीस को लेकर क्या फॉर्मूला होगा। इस पर सरकार ने कहा कि इसके लिए पॉलिसी बनाई जा रही है।
इसके साथ ही 3 जुलाई हो विधानसभा में बजट सत्र के दौरान वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने भी अपने बजट भाषण में ऐलान किया कि भर्ती परीक्षाओं (MPESB Bharti Fee Policy 2024) में फीस को लेकर सरकार पॉलिसी बनाएगी।
हालांकि इस मामले पर कोई खुलकर इसलिए कुछ नहीं कहना चाह रहा, क्योंकि फीस स्ट्रक्चर (MPESB Bharti Fee Policy 2024) को लेकर पड़ने वाले वित्तीय प्रभाव का आकलन किया जा रहा है।
एमपी में लगती है सबसे ज्यादा फीस
मध्यप्रदेश में भर्ती परीक्षाओं के लिए जो फीस लगती है, वह अन्य राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा है।
बता दें कि भर्ती परीक्षा लेने वाले कर्मचारी मंडल (पुराना नाम व्यापमं) ने स्टूडेंट्स से ली गई फीस का करीब 400 करोड़ रुपए फिक्स डिपॉजिट में रखा है।
पड़ताल में पता चला कि कर्मचारी चयन बोर्ड एक स्टूडेंट से औसतन 500 रुपए एप्लिकेशन फीस भरवाता है।
जबकि एग्जाम कराने समेत दूसरे बंदोबस्त के लिए 250 रुपए का खर्च आता है। बाकी बचा पैसा बचत खाते में जाता है।
इस साल बना कर्मचारी चयन मंडल
कर्मचारी चयन मंडल 13 अक्टूबर 2022 को बना था, इससे पहले इसे व्यवसायिक परीक्षा मंडल के नाम से जाना जाता था।
कर्मचारी चयन मंडल ने 2008 से मई 2024 तक 293 परीक्षाएं करवाईं, जिनमें सवा तीन करोड़ उम्मीदवार शामिल हुए थे।
साल 2008 से 2022 तक यानी कि 15 सालों में व्यापमं में परीक्षाओं के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या 2.21 करोड़ थी, लेकिन एग्जाम में 1.86 करोड़ स्टूडेंट्स ही शामिल हुए थे। 34 लाख आवेदकों ने एग्जाम ही नहीं दिए।
एग्जाम कराने में जितना खर्च नहीं, उससे 3 गुना ज्यादा कमाई
बता दें कि कर्मचारी चयन मंडल के लिए परीक्षा आयोजित कराना मुनाफे का सौदा है। मंडल परीक्षा कराने पर छात्रों से लाखों रुपए वसूलता है।
मंडल (व्यापमं) ने साल 2011-12 में परीक्षा शुल्क से 98.30 करोड़ रुपए की कमाई की।
धांधली का धीरे-धीरे हुआ खुलासा
बात साल 2013 की है, जब व्यापमं महाघोटाले का खुलासा होना शुरू हुआ। इसके बाद बाद पता चला कि यहां हर एग्जाम में धांधली हो रही है।
कहीं एग्जाम सेंटर पर नकल तो कहीं एडवांस मिलने की बात सामने आ रही है। तो कहीं OMR शीट के मूल्यांकन में गड़बड़ी हो रही है।
इस महीने में होगी भर्ती
मध्यप्रदेश सरकार ने 11 हजार टीचर औऱ 7500 पुलिस भर्ती का ऐलान कर दिया है। मंडल ने अगस्त महीने में 9 हजार टीचरों की भर्ती के लिए परीक्षा का केलेंडर (MPESB New Exam Calendar 2024) जारी किया है। लेकिन अभी फीस का फॉर्मूला तय नहीं होने के कारण छात्रों से कितनी फीस (MPESB Bharti Fee Policy 2024) वसूली जाए, इसकी स्थिति अभी साफ नहीं हुई है।
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