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गृह विभाग लाएगा शीतकालीन सत्र में विधेयक: सार्वजनिक स्थानों पर CCTV अनिवार्य, किराएदारों और मकान मालिकों के लिए खास नियम

MP Winter Session Bill: Madhya Pradesh Tenant landlord CCTV requirements इंदौर में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सरकार ने सार्वजनिक और व्यावसायिक स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य कर दिया है

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Aman jain
MP Winter Session Bill

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MP Winter Session Bill: इंदौर में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सरकार ने सार्वजनिक और व्यावसायिक स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य कर दिया है।

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यह प्रावधान मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के तहत सार्वजनिक स्थलों पर सीसीटीवी लगाने की उप विधि के तहत किया गया है। इसके साथ ही गृह विभाग लोक सुरक्षा अधिनियम लाने की तैयारी कर रहा है।

इस योजना के तहत शीतकालीन सत्र में कुल 4 विधेयक प्रस्तुत किए जाएंगे, जिनके प्रारूप तैयार कर विधि एवं विधायी विभाग को भेजे गए हैं।

इन जगह CCTV अनिवार्य

प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि कॉलेजों, स्कूलों, मॉल, रेस्टोरेंट, अस्पतालों और ऐसे स्थानों पर जहां 100 से अधिक लोग एकत्र होते हैं, वहां सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य होगा।

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इस संबंध में प्रस्तावित विधेयक को दिसंबर के शीतकालीन सत्र में विधायिका में पेश किया जा सकता है।

संस्थान संचालकों पर होगी ये जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में इंदौर संभाग की समीक्षा बैठक में इस प्रस्ताव को शीघ्र लागू करने के निर्देश दिए थे। इंदौर में नगर पालिक निगम अधिनियम की उप-विधि के तहत यह व्यवस्था पहले ही लागू हो चुकी है।

अब गृह विभाग पूरे प्रदेश में इसे लागू करने के लिए एक अलग कानून की तैयारी कर रहा है। इस नए कानून के तहत संस्थानों के संचालकों पर यह जिम्मेदारी होगी कि वे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग को कम से कम दो महीने तक सुरक्षित रखें।

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इस कानून का उद्देश्य सार्वजनिक स्थलों पर सुरक्षा को मजबूत करना और कानून-व्यवस्था को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करना है।

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किराएदारी अधिनियम होगा लागू

नगरीय विकास एवं आवास विभाग किराएदारी अधिनियम को लागू करने की तैयारी कर रहा है, जिसका उद्देश्य मकान मालिक और किराएदार के अधिकारों को स्पष्ट रूप से बताना होगा।

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इस अधिनियम के तहत, किराए पर रहने वाले व्यक्ति को अनुबंध में निर्धारित समय के बाद मकान खाली करना होगा। यदि किराएदार ऐसा नहीं करता तो मकान मालिक शिकायत कर किराया प्राधिकारी से बेदखली की कार्रवाई करा सकेगा।

यह कानून दोनों पक्षों के अधिकारों और जिम्मेदारियों को संतुलित तरीके से सुनिश्चित करेगा।

किराएदारी अधिनियम के तहत यदि किराएदार की मृत्यु हो जाती है तो उसके उत्तराधिकारी को उस स्थान पर रहने का अधिकार होगा, लेकिन उन्हें भी अनुबंध के नियमों का पालन करना होगा।

इसके अलावा मकान मालिक को किराएदार को तंग करने की अनुमति नहीं होगी। मकान मालिक को जल, विद्युत, पाइप गैस, मार्ग, लिफ्ट, सीढ़ियों की सफाई, पार्किंग, स्वच्छता और सुरक्षा सुविधाओं की आपूर्ति को बाधित करने का अधिकार नहीं होगा।

इसके साथ ही किराएदार के परिसर में प्रवेश के लिए मकान मालिक को कोई अधिकार नहीं मिलेगा। यह सभी प्रावधान मकान मालिक और किराएदार के बीच एक निष्पक्ष और स्पष्ट संबंध सुनिश्चित करेंगे।

प्रदेश में आएगा नया फायर एक्ट

प्रदेश में नया फायर एक्ट तैयार किया गया है, जिसे भारत सरकार के निर्देश पर जल्द लागू किया जाएगा। यह एक्ट पहले 2016 में तैयार किया गया था, लेकिन 2019 में माडल एक्ट को कैबिनेट से मंजूरी नहीं मिल पाई थी।

अब इसे नए सिरे से तैयार किया गया है, ताकि प्रदेश में आग सुरक्षा से संबंधित नियमों को और सख्त किया जा सके। नए एक्ट का उद्देश्य विभिन्न प्रकार के जोखिमों से बचाव को सुनिश्चित करना और सुरक्षित वातावरण प्रदान करना है।

नए फायर एक्ट में कई महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल किए गए हैं। इसमें प्रॉपर्टी टैक्स और भवनों में फायर सेस लगाने का प्रस्ताव है। यदि कोई भवन मालिक आग की सूचना प्रशासन को नहीं देता, तो उसे सजा दी जाएगी।

इसके अतिरिक्त राज्य स्तर पर फायर-इमरजेंसी सर्विस बनाने और नए अग्निशमन सेवा केंद्र खोलने की योजना है। बहुमंजिला इमारतों की जांच, अग्निकांड से बचाव के उपाय और अग्निशमन प्रक्रिया में रुकावट डालने पर अर्थदंड और सजा के प्रावधान भी एक्ट में शामिल किए गए हैं।

इन प्रावधानों का उद्देश्य आग से सुरक्षा को और सख्त करना और आपातकालीन स्थितियों में प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है।

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Madhya Pradesh CCTV rules Madhya Pradesh landlords tenants
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