भोपाल। MP Winter Assembly Session Today बीते सोमवार से शुरू हुए शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन है। नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव रख दिया है। इस पर चर्चा शुरू हो गई है। इसमें उन्होंने अपना संबोधन शुरू कर दिया है।
104 पन्नों का अविश्वास प्रस्ताव —
आपको बता दें कांग्रेस द्वारा जो अविश्वास प्रस्ताव रखा गया है उसमें नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह संबोधन की शुरूआत सीएम शिवराज सिंह चौहान की तारीफ से की। पर साथ ही उन्होंने कहा है कि प्रदेश में विधायकों का सम्मान नहीं किया जाता। अधिकारी निरंकुश होते जा रहे हैं। विधायकों को घंटों खड़े होना पड़ता है। कलेक्टर एसडीएम समय पर नहीं मिलते।
सदन में उठा अवैध उत्खनन का मामला
MP विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सदन में अवैध उत्खनन का मामला उठा है। कांग्रेस विधायक प्रियवत सिंह ने सवाल किया कि ‘अवैध उत्खनन मामले में 13 प्रकरण थे, 11 करोड़ का दंड लगाया था’‘अभी तक कोई रिकवरी नहीं हुई’
‘अन्य दो मामले कलेक्टर के पास लंबित हैं’ ‘अवैध उत्खनन करने वाली कंपनी को दोबारा खदान दे दी’ ‘खदान मालिक को क्या कोई बड़ा राजनीतिक संरक्षण मिला है। ‘सदन में नहीं सुना जाएगा तो विधायकी अपमानित हो रही है। क्या कलेक्टर सरकार से बढ़कर है।
अविश्वास प्रस्ताव में सरकार को घेरने कांग्रेस ने 23 विधायकों को दी जिम्मेदारी
विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव के आरोप पत्र में शामिल मुद्दों पर मप्र सरकार के मंत्रियों को घेरने के लिए 23 विधायकों को जिम्मेदारी दी है। नेता प्रतिपक्ष डॉ.गोविन्द सिंह ने विधायकों को तैयारी करने के लिए एक महीने पहले ही कह दिया था। विधायकों ने अपने विषय से संबंधित सभी सबूत और दस्तावेज भी एकत्रित कर लिए हैं।अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा में विपक्ष ने सरकार को घेरने के लिए पूरी तैयारी कर रखी है। कांग्रेस ने 51 मुद्दों पर करीब 104 पेज का आरोप-पत्र तैयार किया है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने विधायकों के साथ विधानसभा अध्यक्ष को आरोप पत्र सौंपा है। इससे पहले 2013 में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी।
इन मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष
विपक्ष ने सरकार को घेरने के लिए पूरी तैयारी कर रखी है। पोषण आहार घोटाला, शराब की अवैध बिक्री, महाकाल लोक, ईओडब्ल्यू की भूमिका, नेताओं की सुरक्षा और सम्मान में चूक, विपक्ष के विधायकों से भेदभाव, आदिवासियों के हितों की रक्षा में असफलता, प्रदेश की खराब होती वित्तीय व्यवस्था, सरकार पर लगातार बढ़ते कर्ज, कारम डैम, राम वन गमन पथ को नष्ट करने, गोशालाओं की दुर्दशा, नल जल योजना में भ्रष्टाचार, अविवाहित बेटियों और विधवा महिलाओं को पेंशन न मिलने, अनुकंपा नियुक्ति में बेटियों को नौकरी न देने जैसे मुद्दों समेत 51 बिंदुओं पर कांग्रेस सरकार पर हमला बोलने की तैयारी में है।