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Monsoon Withdrawal MP: मध्य प्रदेश में एक बार फिर मौसम ने करवट ले ली है। मानसून सीजन लगभग खत्म होने की कगार पर है, लेकिन कई जिलों में फिर से बारिश का सिलसिला शुरू हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में 10 अक्टूबर तक मानसून की विदाई होने की संभावना है। इससे पहले भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम और बैतूल जैसे जिलों में अगले 2–3 दिनों तक बूंदाबांदी और कहीं-कहीं तेज बारिश के आसार हैं।
साइक्लोनिक सर्कुलेशन से हो रही बारिश
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मौसम विभाग ने बताया है कि प्रदेश के पूर्वी हिस्से में लो प्रेशर एरिया (निम्न दबाव का क्षेत्र) सक्रिय है। इसी कारण साइक्लोनिक सर्कुलेशन के चलते बारिश हो रही है। इस सिस्टम के प्रभाव से रविवार और सोमवार को भी कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
कब विदा होगा मानसून?
मध्य प्रदेश में इस साल मानसून ने 16 जून को दस्तक दी थी। अब तक प्रदेश के 12 जिलों — उज्जैन, ग्वालियर, शिवपुरी, श्योपुर, मुरैना, मंदसौर, भिंड, गुना, आगर मालवा, दतिया, रतलाम और नीमच — से मानसून की विदाई हो चुकी है।
अशोकनगर और राजगढ़ के कुछ हिस्सों से भी मानसून लौट चुका है।
मौसम विभाग के अनुसार, 10 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश से मानसून विदा हो जाएगा।
3 दिन और जारी रहेगा बारिश का दौर
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि 10 अक्टूबर से पहले प्रदेश के कई इलाकों में बूंदाबांदी और रुक-रुककर बारिश देखने को मिलेगी। अगर सिस्टम मजबूत रहा तो कुछ जगहों पर तेज बारिश भी हो सकती है।
शनिवार को भोपाल, इंदौर, बैतूल, दतिया, छतरपुर, रीवा, सागर, सतना, सीधी, उमरिया, राजगढ़, देवास, आगर-मालवा और शाजापुर में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। रविवार को भी कई जिलों में बारिश का अलर्ट जारी है।
भोपाल में मानसून के बाद मौसम ने लिया यू-टर्न
भोपाल में मानसून सीजन बीतने के चार दिन बाद ही मौसम ने फिर पलटी मारी। शनिवार दोपहर बाद आसमान में बादलों का जमावड़ा हुआ और शाम तक तेज बौछारें पड़ीं।
शहर में 7 मिमी बारिश दर्ज की गई और इसके चलते तीन बड़े डेम — कोलार, कलियासोत और भदभदा — के गेट एक साथ खोले गए।
- कोलार डेम का एक गेट सुबह 8 बजे खोला गया।
- भदभदा डेम का गेट रात 8:30 बजे खोला गया।
- कलियासोत डेम के दो गेट रात 8:40 बजे खोले गए।
इस सीजन में भोपाल के तीनों डेमों के गेट दसवीं बार खुले, जबकि केवल केरवा डेम के ऑटोमैटिक गेट अब तक नहीं खुले हैं।
मौसम विभाग की रिपोर्ट: मानसून की वापसी अब तक
अब तक मानसून ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर और रतलाम से विदा हो चुका है।
राजगढ़ और अशोकनगर के कुछ हिस्सों से भी मानसून लौट चुका है।
हालांकि, मौसम विभाग ने कहा है कि वर्तमान परिस्थितियां मानसून की विदाई के लिए पूरी तरह अनुकूल नहीं हैं, लेकिन 10 अक्टूबर तक यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
कौन से जिले रहे सबसे ज्यादा और सबसे कम बारिश वाले
इस बार प्रदेश में गुना जिले में सबसे ज्यादा बारिश हुई 65.6 इंच। इसके बाद मंडला और रायसेन में 62 इंच से अधिक, जबकि श्योपुर और अशोकनगर में 56 इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की गई। वहीं, सबसे कम बारिश वाले टॉप-5 जिले रहे
- शाजापुर (28.9 इंच)
- खरगोन (29.6 इंच)
- खंडवा (32 इंच)
- बड़वानी (33.5 इंच)
- धार (33.6 इंच)
इंदौर और उज्जैन संभाग में भी सुधरी स्थिति
इस मानसूनी सीजन की शुरुआत में इंदौर और उज्जैन संभाग में बारिश की स्थिति कमजोर रही थी।
लेकिन सितंबर में हुई भारी बारिश से इंदौर का कोटा पूरा हो गया और संभाग के अन्य जिलों में भी स्थिति बेहतर हुई।
हालांकि, उज्जैन में अब भी सामान्य बारिश का आंकड़ा पूरा नहीं हो पाया है।
ग्वालियर-चंबल और सागर संभाग में खूब बरसा मानसून
प्रदेश के पूर्वी हिस्से जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में इस बार मानसून खूब सक्रिय रहा।
यहां कई बार स्ट्रॉन्ग सिस्टम बने, जिससे भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति बनी। इसी तरह ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में भी कोटे से अधिक वर्षा हुई है। यहां के सभी 8 जिलों ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर में रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई।
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भोपाल का अक्टूबर रिकॉर्ड
भोपाल में अक्टूबर महीने का औसत अधिकतम तापमान 32.7 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 19.1 डिग्री सेल्सियस रहता है।
2012 में अक्टूबर में रिकॉर्ड 38°C तापमान दर्ज हुआ था। वहीं, 12 अक्टूबर 2012 को न्यूनतम तापमान 11.7°C तक गिर गया था।
1955 में अक्टूबर में 7.5 इंच बारिश हुई थी और 6 अक्टूबर 2009 को 24 घंटे में 5 इंच पानी गिरा था।
इंदौर का तापमान और बारिश का रिकॉर्ड
इंदौर में पिछले 10 सालों में अक्टूबर में दिन का तापमान कई बार 35–36°C तक पहुंचा है, जबकि रात का तापमान 14–16°C के बीच रहा। अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में यहां ठंड का असर बढ़ जाता है। साल 2013 में अक्टूबर में 4 इंच बारिश हुई थी, जबकि पिछले साल सिर्फ 1 इंच 22 अक्टूबर 2000 को दिन का तापमान 37.8°C और 22 अक्टूबर 1999 को न्यूनतम तापमान 6.2°C दर्ज किया गया था जो अब तक का रिकॉर्ड है।
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