MP Heavy Rain Alert July 2025: मध्यप्रदेश में इस समय मानसून में बारिश का सबसे मजबूत सिस्टम एक्टिव है। रविवार को भोपाल, इंदौर, ग्वालियर समेत 30 से ज्यादा जिलों में तेज बारिश का सिलसिला जारी रहा। रविवार की बारिश कई लोगों के लिए आफत बनकर आई। प्रदेश के अधिकांश जिलों में लगातार हो रही तेज बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। नर्मदा नदी समेत कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है और अधिकांश बड़े डैम ओवरफ्लो हो गए हैं। ग्वालियर में बारिश की वजह से आज सोमवार को स्कूलों में छुट्टी घोषित की गई है। जिले में डेढ़ माह में ही औसत बारिश का पूरा कोटा पूरा हो चुका है।
कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने आज सोमवार को कई जिलों में अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। सोमवार को ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, निवाड़ी और टीकमगढ़ जिलों में भारी बारिश का यलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इन इलाकों में अगले 24 घंटों में 8 इंच तक बारिश हो सकती है।
इसके अलावा, नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा, राजगढ़, खंडवा, हरदा, विदिशा, सागर, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट और छतरपुर जैसे जिलों में भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले तीन दिन तक इसी तरह का बारिश भरा मौसम बना रहेगा।
लगातार बारिश से डैम ओवरफ्लो
प्रदेश में जारी मूसलाधार बारिश का असर अब नदियों और बांधों पर साफ दिखाई देने लगा है। कई बड़े डैम ओवरफ्लो हो गए हैं, जिससे सुरक्षा के लिहाज से गेट खोलकर पानी छोड़ा गया है।
- खंडवा स्थित इंदिरा सागर बांध के 10 गेट आधा मीटर खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। साथ ही 2 गेट एक मीटर तक खोले गए हैं। यहां से 3460 क्यूमेक्स पानी छोड़ा गया।
- ओंकारेश्वर डैम के 9 गेट खोलकर 3510 क्यूमेक्स पानी नर्मदा नदी में छोड़ा गया।
- तवा डैम, इटारसी में 3 गेट 7-7 फीट तक खोले गए हैं।
- शिवपुरी के अटल सागर (मड़ीखेड़ा) बांध के भी 6 गेट खोल दिए गए हैं।
इस बीच, मंडला में नर्मदा नदी का जलस्तर चेतावनी सीमा को पार कर गया, जिससे माहिष्मती घाट स्थित छोटा रपटा पुल पूरी तरह डूब गया है। जल स्तर में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है।
ग्वालियर में बारिश बनी मुसीबत
मध्यप्रदेश में बीते सप्ताह लगातार हो रही तेज बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। ग्वालियर जिले में नदी-नाले उफान पर हैं, जिससे कई रास्ते बंद हो गए हैं। यहां बैसली नदी में अचानक आए तेज बहाव में बहे बुजुर्ग की मौत हो गई। यह घटना उटीला क्षेत्र के टिहोली गांव के पास हुई। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और करीब एक किलोमीटर दूर सकतपुरा के पास बुजुर्ग का शव बरामद कर लिया।
बारिश की गंभीरता को देखते हुए ग्वालियर प्रशासन ने सोमवार, 28 जुलाई को जिले के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है। मानसून शुरू होने के सिर्फ डेढ़ महीने के भीतर ही जिले में पूरे सीजन की औसत बारिश पूरी हो चुकी है, जिससे जलभराव और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
बारिश के पीछे सक्रिय मौसम सिस्टम
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के मुताबिक, प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में रविवार को कम दबाव का क्षेत्र (लो प्रेशर एरिया) सक्रिय रहा। साथ ही, दो ट्रफ लाइनें भी एक्टिव रहीं, जिसकी वजह से कई जिलों में अति भारी से भारी बारिश दर्ज की गई।
मौसम विभाग का अनुमान है कि यही सिस्टम अगले 2 से 3 दिनों तक सक्रिय रहेगा, जिससे प्रदेश के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है। यानी, जुलाई का अंत भी भारी बारिश के साथ होने की संभावना है।
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24 घंटे में श्योपुर में 1 इंच बारिश
मौसम विभाग के अपडेट के अनुसार, श्योपुर जिले में बीते 24 घंटे में 1 इंच बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा मध्यप्रदेश के 30 से अधिक जिलों में मध्यम से भारी बारिश हुई है।
बारिश वाले प्रमुख जिले इस प्रकार हैं: बैतूल, भोपाल, धार, गुना, ग्वालियर, इंदौर, रतलाम, नर्मदापुरम, दतिया, छिंदवाड़ा, अशोकनगर, मंदसौर, खंडवा, मुरैना, शिवपुरी, उज्जैन, विदिशा, सागर, मंडला, जबलपुर, छतरपुर (नौगांव), सिवनी, टीकमगढ़, बालाघाट, सीहोर, देवास, शाजापुर, राजगढ़ और आगर-मालवा। लगातार हो रही बारिश ने इन जिलों में नदियों का जलस्तर बढ़ा दिया है और कई स्थानों पर सड़कों व पुलों पर जलभराव की स्थिति बन गई है।
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