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MP Weather Update:
MP Weather Update: मध्य प्रदेश में मौसम एक बार फिर करवट बदल चुका है। दक्षिणी हिस्से में सक्रिय हुए नए सिस्टम की वजह से मंगलवार से ही आंधी, बारिश और गरज-चमक का दौर शुरू हो गया है। मौसम विभाग ने बुधवार को भी इंदौर, बुरहानपुर, बैतूल, खरगोन, धार, छिंदवाड़ा, सिवनी और बालाघाट समेत 15 जिलों में हल्की बारिश और गरज-चमक का अलर्ट जारी किया है।
दिवाली की रात जबलपुर में तेज बारिश ने जहां लोगों को चौंका दिया, वहीं मंगलवार को भोपाल और आसपास के जिलों में बादल छाए रहे और हल्की बूंदाबांदी हुई। विभाग का कहना है कि अगले तीन दिन तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा, जबकि नवंबर के दूसरे सप्ताह से ठंड का असर तेजी से बढ़ने की संभावना है।
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दक्षिण-पूर्व अरब सागर में बना नया सिस्टम
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, दक्षिण-पूर्व अरब सागर में बना निम्न दवाब क्षेत्र अब एक्टिव हो चुका है। अगले 24 घंटे में इसके अवदाब में बदलने और हल्के चक्रवाती प्रभाव पैदा करने की संभावना है। इस सिस्टम का सीधा असर मध्यप्रदेश के दक्षिणी और दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों पर पड़ रहा है।
इसी वजह से इंदौर, खंडवा, खरगोन, धार, बड़वानी, देवास, हरदा, बुरहानपुर, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, बालाघाट और आलीराजपुर जिलों में हल्की से मध्यम बारिश और गरज-चमक की स्थिति बन सकती है। वहीं उत्तर और पूर्वी एमपी में मौसम साफ रहेगा और धूप खिली रहेगी।
भोपाल-इंदौर में बादल, राजगढ़ की रातें सबसे ठंडी
मौसम के बदलते मिजाज के बीच राजगढ़ प्रदेश का सबसे ठंडा जिला बन गया है। सोमवार-मंगलवार की रात में यहां का न्यूनतम तापमान 15.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं भोपाल में 17.2 डिग्री, इंदौर में 18.6 डिग्री, ग्वालियर और उज्जैन में 19.5 डिग्री और जबलपुर में 21 डिग्री दर्ज किया गया।
प्रदेश के अधिकांश जिलों में पारा 20 डिग्री से नीचे चला गया है। दिन के समय धूप खिलने के बावजूद शाम ढलते ही ठंड का असर महसूस होने लगा है। यह मौसमी परिवर्तन अक्टूबर के अंत तक जारी रहेगा।
मानसून विदा, लेकिन बारिश का दौर जारी
मौसम विभाग के मुताबिक, पूरे मध्यप्रदेश से मानसून की औपचारिक विदाई हो चुकी है। इस साल मानसून लगभग 3 महीने 28 दिन तक एक्टिव रहा। 16 जून को एंट्री और 13 अक्टूबर को विदाई के बावजूद बारिश की गतिविधियां अब भी जारी हैं।
इस बार मानसून का “हैप्पी एंडिंग सीजन” रहा। प्रदेश के 30 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई, जबकि गुना में पूरे सीजन में 65.7 इंच पानी गिरा। सबसे कम बारिश शाजापुर में 28.9 इंच (81.1%) दर्ज की गई।
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नवंबर से शुरू होगा ठंड का दौर
आईएमडी और मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, नवंबर से कड़ाके की ठंड का दौर शुरू होगा, जो जनवरी तक चरम पर रहेगा। इस बार फरवरी तक भी ठंड का असर बना रह सकता है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2010 के बाद यह सर्दी सबसे ज्यादा ठंडी महसूस हो सकती है। सर्दियों में ला-नीना परिस्थितियां बनने की संभावना जताई गई है, जिससे उत्तर-पश्चिम भारत में पश्चिमी विक्षोभ ज्यादा सक्रिय रहेंगे। इससे ठंड के साथ-साथ सामान्य से अधिक बारिश भी हो सकती है।
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