MP Weather Update: एमपी में बीती रात राजधानी भोपाल सहित उज्जैन, इंदौर सहित 13 जिलों में बारिश हुई। मौसम में आए इस बदलाव से अचानक न्यूनतम तापमान में गिरावट आ गई है। आईएमडी ने अगले 24 घंटे में प्रदेश के 14 जिलों में भारी बारिश और ओलावृष्टि का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जिसके बाद भोपाल में बीते 10 सालों का नवंबर का रिकार्ड टूट गया है।
मावठे की बारिश से मौसम में घुली ठंडक
मावठे की बारिश से मौसम में ठंडक घुल गई है। बीती रात राजधानी में दिनभर रुक—रुक बारिश हुई। लेकिन शाम 5:30 बजे लगातार 9 बजे तक बारिश ने लोगों को परेशान कर दिया। जिसके बाद भोपाल में अधिकतम तापमान 6.9 डिग्री की गिरावट के साथ गिरकर 20.8 डिग्री पर पहुंचा है। भोपाल में दिन-रात के तापमान में सिर्फ 4.2 डिग्री का अंतर रह गया है।
29 तक भारी वर्षा और ओलावृष्टि का अलर्ट
मौसम विभाग ने 29 नवंबर तक भारी वर्षा और ओलावृष्टि का अलर्ट जारी कर दिया है। 14 जिलों के लिए ये अलर्ट जारी किया गया है।
कहां कितना तापमान
पचमढ़ी में 9.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ तापमान
दतिया में 11.1, टीकमगढ़ में 12, भोपाल में 16.6
ग्वालियर में 13.5, रायसेन में 13, जबलपुर में 13.5
इंदौर में 14.6 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज
आज यहां चलेंगी तेज हवाएं, होगी बारिश
नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, अनूपपुर, उमरिया, डिंडोरी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा और सिवनी जिले में तेज बारिश का अलर्ट है। तो वहीं
रायसेन, खंडवा, खरगोन, देवास, सीधी, रीवा, शहडोल, कटनी, मंडला, बालाघाट, दमोह और सागर जिले में हल्की बारिश होगी।
मौसम विभाग ने दी चेतावनी
- घर के अंदर रहें।
- यदि संभव हो तो यात्रा से बचें।
- सुरक्षित आश्रय पेड़ों के नीचे शरण न लें।
- कांक्रीट की दीवारों का सहारा न लें।
- इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बोर्ड से निकाल दें।
- तूफान के दौरान जल निकायों से तुरंत बाहर निकलें।
- उन सभी वस्तुओं से दूर रहें जो बिजली का संचालन करती हैं।
किसानों के लिए एडवाइजरी
- मौसम विभाग ने 29 नवंबर तक बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। तो वहीं खेतों में खड़ी फसलों को जल्द से जल्द काटने को लेकर चेतावनी जारी की है। तो वहीं सुरक्षित स्थानों पर रखने के लिए कहा गया है।
- केले के गुच्छों को बांस की डंडियों या पॉलीप्रोपाइलीन की डंडियों से सहारा दें।
- नई रोपी गई सब्जियों लता वाली सब्जियों को सहारा दें।
- बागवानी की फसलों में यांत्रिक क्षति को रोकने के लिए हेलनेट का उपयोग करें।
- सिंचाई और किसी भी प्रकार के रासायनिक छिड़काव से बचें।