MP Heavy Rain: मध्यप्रदेश में हो रही झमाझम बारिश से हालात गंभीर हो गए हैं। बीते 24 घंटे में 50 से अधिक जिलों में मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई जिलों में सड़कें टूट गई हैं, नर्मदा समेत कई नदियां उफान पर है, और ग्रामीण क्षेत्र पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। बारिश में मंडला, शिवपुरी, श्योपुर और नरसिंहपुर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। मौसम विभाग ने आगामी दिनों के लिए भी सतर्क रहने की चेतावनी दी है। रविवार को 21 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है। साथ ही कई जिलों में बारिश का रेड-ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने आज रविवार 6 जुलाई को 21 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। रविवार को भोपाल, मंडला, डिंडौरी, बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, बैतूल, राजगढ़, विदिशा और गुना में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। अन्य जिलों में भी जोरदार बारिश का दौर बना रहेगा। अगले 24 घंटे में 8 इंच तक पानी गिर सकता है।
बाढ़ जैसे हालात, कई शहर जलमग्न
मध्यप्रदेश में सक्रिय मानसूनी सिस्टम ने तबाही मचा दी है। लगातार हो रही भारी बारिश से प्रदेश के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। शनिवार को भोपाल सहित 34 जिलों में मूसलाधार बारिश दर्ज की गई, जिससे जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया। श्योपुर, मंडला, पन्ना, जबलपुर, डिंडौरी और छतरपुर जिलों में भारी बारिश से हाहाकार मचा हुआ है।
उफान पर नर्मदा नदी, तेजी से बढ़ रहा जलस्तर
भारी बारिश से प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। सभी नदियां उफान पर हैं। मंडला में नर्मदा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है, जिससे महिष्मति घाट के पास स्थित रपटा पुल पानी में डूब गया है। जिले में पिछले 24 घंटों में लगभग 83.8 मिमी बारिश दर्ज की गई है। भारी बारिश को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट पर है।
शिवपुरी के कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात
शिवपुरी जिले के कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात हैं। शिवपुरी के बैराड़ क्षेत्र के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। घरों में पानी घुस गया है और जोराई गांव की सड़क पर खड़ी गाड़ियां तक डूब गईं।
श्योपुर जिले के बेनीपुरा गांव में क्वारी नदी का पानी गांव के अंदर तक पहुंच चुका है। श्योपुर के कई गांवों में हालात गंभीर बने हुए है। बेनीपुरा गांव में क्वारी नदी का पानी घुसने से कई घर जलमग्न हो गए, जिससे गृहस्थी का सामान बर्बाद हो गया। यहां गुप्तेश्वर मंदिर में भी पानी भर गया है। वहीं अगरा-पालपुर मार्ग की बाढ़ वाली पुलिया पार करते समय बाइक सवार लोग हादसे का शिकार होने बच गए, लोगों ने उन्हें समय रहते बचा लिया।
जोहिला डैम के दो गेट खोले गए
उमरिया जिले में बन्ना नाला और सिंदुरी नदी में जलस्तर बढ़ने से ग्रामीण क्षेत्रों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। यहां संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र के जोहिला डैम के दो गेट खोले गए हैं। प्रत्येक गेट को एक-एक मीटर तक खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे नीचे बसे गांवों में बाढ़ की संभावना बनी हुई है। रविवार को बरगी बांध के गेट खोले जाने की तैयारी है, जिससे नर्मदा नदी के किनारों पर 4 से 5 फीट तक जलस्तर बढ़ सकता है। ऐसे में घाटों पर रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है।
पुलिया धंसी, सड़कें बंद
नरसिंहपुर में भी नर्मदा नदी उफान पर है, यहां नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। नरसिंहपुर जिले में शनिवार सुबह स्टेट हाईवे-22 पर एक पुलिया धंस गई, जिससे यह मुख्य मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया। लोगों को लंबा चक्कर लगाकर अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ रहा है। प्रशासन ने किनारों पर स्थित दुकानदारों और रहवासियों से किनारों से दूर रहने की अपील की है।
डिंडौरी जिले में जबलपुर-अमरकंटक नेशनल हाईवे पर खेतों की मिट्टी बारिश के साथ बहकर सड़क पर आ गई, जिससे वाहन कीचड़ में फंसने लगे हैं। कई जगह ट्रैफिक पूरी तरह जाम हो गया है।
भारी बारिश के बाद सागर की नदियों में बाढ़ आने से सड़कें बंद हो गई है। बेगमगंज और ग्यारसपुर की ओर जाने वाले मार्ग पर भी नदियों के उफान के कारण यातायात पूरी तरह बंद हो गया है। प्रशासन ने वैकल्पिक मार्गों के उपयोग की सलाह दी है।
बारिश का कहर, 5 लोगों की मौत
मध्य प्रदेश में भारी बारिश और आकाशीय बिजली का कहर देखने को मिला। मऊगंज में बिजली गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई। शनिवार शाम तेज बारिश के दौरान पेड़ के नीचे खड़े तीन लोग अचानक बिजली की चपेट में आ गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इधर, शहडोल जिले के केशवाही के मझौली क्षेत्र में भी तेज बारिश के दौरान एक कच्चे मकान की दीवार भराभर ढह गई। इस हादसे में बुजुर्ग पति-पत्नी की दर्दनाक मौत हो गई है।
तीन सक्रिय सिस्टम से भारी बारिश
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि फिलहाल प्रदेश में तीन बेहद सक्रिय मौसम प्रणाली (स्ट्रॉन्ग सिस्टम) काम कर रही हैं, दो ट्रफ लाइनें और एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम। इन एक्टिव सिस्टम्स के कारण आने वाले चार दिनों तक भारी बारिश होने की संभावना है, और यह मौसमी सिस्टम इस साल का सबसे शक्तिशाली माना जा रहा है।
MP के 34 जिलों में बनी बाढ़ की स्थिति
शनिवार को मध्यप्रदेश के 34 से अधिक जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई। इनमें प्रमुख जिलों में भोपाल, सीधी, उमरिया, जबलपुर, सागर, नरसिंहपुर, शिवपुरी, शहडोल, इंदौर, आगर-मालवा, राजगढ़, विदिशा, मऊगंज, रीवा, सतना, मंडला, रतलाम, दमोह, छतरपुर, सिवनी, बालाघाट, बैतूल, गुना और खरगोन शामिल हैं।
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार:
- सीधी में करीब 2 इंच
- सागर में लगभग 2.5 इंच
- रीवा–सतना में 1 इंच
- मंडला में 0.75 इंच,
- भोपाल, उज्जैन, रायसेन, रतलाम, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर में लगभग 0.5 इंच बारिश हुई।
अन्य जिलों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई।