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हाइलाइ्ट्स
- 3 और 4 अक्टूबर को भारी बारिश का अलर्ट
- मंडला और रायसेन में हुई सबसे ज्यादा बारिश
- 10 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश से विदा होगा मानसून
MP Heavy Rain Alert: मानसून की विदाई के बीच मध्यप्रदेश में बारिश का सिलसिला अभी थमने का नाम नहीं ले रहा। मौसम विभाग ने 3 और 4 अक्टूबर को प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
किन जिलों में अलर्ट जारी
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के मुताबिक, पश्चिमी हिस्से में लो-प्रेशर एरिया एक्टिव है और एक ट्रफ भी गुजर रही है। इसके साथ वेस्टर्न डिस्टरबेंस का असर बढ़ रहा है। यही कारण है कि 3 और 4 अक्टूबर को इंदौर, जबलपुर, नर्मदापुरम, रीवा और शहडोल संभाग के जिलों में भारी बारिश का अलर्ट दिया गया है।
| तारीख | जिले | अलर्ट विवरण |
|---|---|---|
| 3 अक्टूबर | बुरहानपुर, खंडवा, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, मंडला, शहडोल, सीधी, सिंगरौली | भारी बारिश की संभावना |
| 4 अक्टूबर | हरदा, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, पन्ना, रीवा, सतना | ढाई से साढ़े चार इंच बारिश |
10 अक्टूबर तक विदा होगा मानसून
इस साल मानसून ने प्रदेश में 16 जून को दस्तक दी थी। सामान्य से एक दिन देर से आया मानसून अब धीरे-धीरे विदा हो रहा है। अभी तक प्रदेश के 12 जिलों से मानसून विदा हो चुका है, जिनमें ग्वालियर, मुरैना, भिंड, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, नीमच, मंदसौर और रतलाम शामिल हैं। मौसम विभाग के अनुसार, 10 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश से मानसून विदा हो जाएगा।
सबसे ज्यादा और सबसे कम बारिश
| श्रेणी | जिला | बारिश (इंच) |
|---|---|---|
| सबसे ज्यादा बारिश | गुना | 65.6 |
| मंडला | 62+ | |
| रायसेन | 62+ | |
| सबसे कम बारिश | शाजापुर | 28.9 |
| खरगोन | 29.6 | |
| खंडवा | 32 |
इंदौर-उज्जैन संभाग की तस्वीर
शुरुआत में इंदौर संभाग में सामान्य से कम बारिश हुई थी। लेकिन सितंबर की तेज बारिश ने घाटा पूरा कर दिया। इंदौर में सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज की गई, जबकि उज्जैन अब भी औसत से थोड़ा पीछे है।
ग्वालियर-चंबल और सागर संभाग में सबसे बेहतर बारिश
इस बार मानसून के दौरान मध्यप्रदेश के पूर्वी हिस्सों यानी जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज हुई। लगातार सक्रिय मौसम प्रणाली के चलते छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़ और उमरिया जैसे जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी। वहीं ग्वालियर-चंबल क्षेत्र भी पीछे नहीं रहा। यहां के सभी 8 जिले सामान्य से ज्यादा बारिश वाले रहे ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर।
इसके अलावा, प्रदेश के 49 जिलों में से विभिन्न संभागों में बारिश का प्रभाव इस प्रकार रहा:
| संभाग | जिलों की संख्या | स्थिति |
|---|---|---|
| भोपाल | 5 | सामान्य से अधिक बारिश |
| इंदौर | 8 | सामान्य बारिश |
| जबलपुर | 8 | तेज बारिश |
| ग्वालियर | 5 | कोटे से ज्यादा बारिश |
| सागर | 6 | स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव |
| उज्जैन | 4 | सामान्य से कम बारिश |
| चंबल | 3 | सभी जिलों में ज्यादा बारिश |
| शहडोल | 3 | तेज बारिश, बाढ़ असर |
| रीवा | 5 | अच्छी बारिश |
| नर्मदापुरम | 3 | सामान्य बारिश |
भोपाल का अक्टूबर तापमान और रिकॉर्ड बारिश
भोपाल में अक्टूबर महीने का औसत अधिकतम तापमान 32.7 डिग्री और न्यूनतम 19.1 डिग्री सेल्सियस होता है। लेकिन पिछले 10 वर्षों में यहां का दिन का तापमान ज्यादातर 33 डिग्री से ऊपर रहा। 2015 में 37.3 डिग्री, जबकि 2012 में रिकॉर्ड 38 डिग्री दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान की बात करें तो 12 अक्टूबर 2012 को यह 11.7 डिग्री तक गिर गया था।
बारिश का रिकॉर्ड भी दिलचस्प है। साल 1955 में पूरे अक्टूबर में 7.5 इंच पानी गिरा, जबकि 6 अक्टूबर 2009 को सिर्फ 24 घंटे में 5 इंच बारिश दर्ज हुई थी।
| वर्ष | अधिकतम तापमान (°C) | न्यूनतम तापमान (°C) | बारिश का रिकॉर्ड |
|---|---|---|---|
| औसत (अक्टूबर) | 32.7 | 19.1 | सामान्य 2–3 इंच |
| 2012 | 38.0 (रिकॉर्ड) | 11.7 | — |
| 2015 | 37.3 | — | — |
| 1955 | — | — | पूरे महीने 7.5 इंच |
| 2009 (6 Oct) | — | — | 24 घंटे में 5 इंच बारिश |
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