भोपाल। MP Weather Update 10 August: बीते सप्ताह भारी बारिश से मध्यप्रदेश के कई जिलों में तबाही मचा चुका मानसून अब सुस्त पड़ गया है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार फिलहाल कोई भी वेदर सिस्टम एक्टिव न होने की वजह से मानसून पर ब्रेक लग गया है। एमपी मानसून पर ब्रेक लग गया है। कम बारिश ने इन जिलों में किसानों की चिंता बढ़ा दी है। सोयाबीन की फसल खराब होने लगी है।
हालांकि कई जिलों में छुटपुट बारिश हो रही है, लेकिन कई स्थानों पर सामान्य से भी कम बारिश होने से सूखे की स्थिति बन सकती है। जिसके चलते खेतों में लगी सोयाबीन और दलहन फसलों को नुकसान हो सकता है। चलिए जानते हैं आईएमडी के अनुसार मौसम को लेकर उनका पूर्वानुमान क्या कहता है। साथ ही जानेंगे कि 15 अगस्त के बाद क्या एक बार फिर भारी बारिश शुरू होगी।
इतनी गति से चलेगी हवाएं
मौसम विभाग के अनुसार ( MP Weather Forcast) गुरूवार के पूर्वानुमान के अनुसार हवा की औसत गति 16 से 18 किमी प्रति घंटे की रह सकती है। तो वहीं सुबह का अधिकतम तापमान 30 डिग्री तो न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। आकाश की स्थिति मेघमय रहेगी।
इन जिलों में गरज-चमक के साथ बज्रपात की चेतावनी
मध्यप्रदेश में डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, सीहोर, हरदा, बुरहानपुर, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, उज्जैन में गरज—चमक के साथ बज्रपात की चेतावनी मौसम विभाग ने जारी की है। यहां पर मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया है।
बीते 24 घंटों का हाल
मौसम विभाग द्वारा जारी आंकडों के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम, उज्जैन, रीवा, सागर संभाग में कहीं-कहीं वर्ष हुई। तो वहीं शेष संभागों के जिलों में मौसम शुष्क रहा।
वर्षा के प्रमुख आंकड़े
भीमपुर 17, भैरूंदा में 6, नालछा 3.6, बरला 3.2, उदय नगर में 3.3 मिमी बारिश दर्ज की गई।
आज कैसा रहेगा मध्यप्रदेश का मौसम
मौसम विभाग के द्वारा जताए गए संभावित पूर्वानुमान के अनुसार रीवा, शहडोल, जबलपुर, संभागों के जिलों में कुछ स्थानों पर सागर संभाग भोपाल, नर्मदापुरम, इंदौर में रतलाम उज्जैन, देवास जिलों में कहीं-कहीं बारिश हो सकती है। तो वहीं ग्वालियर चंबल संभागों के जिलों में शाजापुर, आगर, मंदसौर, नीमच जिलों में मौसम शुष्क रहेगा।
ये जिले सूखे की कगार पर
आपको बता दें वैसे तो बीते दिनों प्रदेश में झमाझम बारिश हुई। लेकिन एमपी के कुछ जिले ऐसे हैं जहां सामान्य से कम बारिश हुई है। बहुत कम बारिश वाले जिलों में नीमच एवं मंदसौर है। इतना ही नहीं सतना, अशोक नगर, बड़वानी, ग्वालियर, खंडवा, खरगोन जिले ऐसे हैं जहां बहुत कम बारिश हुई है। यही कारण है कि यहां फसलों को काफी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है।
सूखने लगी फसलें
एमपी के सतना, अशोकनगर, बड़वानी, ग्वालियर, खंडवा, खरगोन, नीमच एवं मंदसौर जिलों में अभी तक 16 इंच से कम बारिश दर्ज की गई है। जिसके कारण यहां खेतों में खड़ी फसलें सूखने लगी हैं। इनमें से विशेष रूप से सोयाबीन की फसल को सबसे ज्यादा अधिक नुकसान की आशंका है।
सोयाबीन की फसल को ही सबसे अधिक नुकसान क्यों
कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो सभी फसलों में सोयाबीन ऐसी फसल है जिसकी जड़ें उथली रहती हैं। यही कारण है कि पानी की कमी से इसकी जड़े सूखने लगी है। जिससे सोयाबीन के पौधे मुरझाने लगे हैं। यही कारण है कि अब किसानों की टेंशन इसे लेकर बढ़ रही है।