हाइलाइट्स
- एमपी विधानसभा बजट सत्र का 5वां दिन।
- कांग्रेस ने मंडला एनकाउंटर का मुद्दा उठाया।
- सरकार पर जांच नहीं कराने का लगाया आरोप।
MP News: मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन मंडला एनकाउंटर के मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस ने इस मामले पर अलग से चर्चा करने की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने स्पष्ट किया कि सदन नियम प्रक्रिया के अनुसार चलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार का जवाब आने के बाद ही इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी।
कांग्रेस विधायकों ने उठाए सवाल
सदन में कांग्रेस विधायक ओमकार मरकाम ने मंडला में हुए नक्सली एनकाउंटर को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने एक आदिवासी युवक की हत्या की है। कांग्रेस विधायकों ने आदिवासियों की मौत के मामले में चर्चा न किए जाने का विरोध करते हुए सदन में हंगामा किया। उन्होंने कहा कि सरकार एनकाउंटर की निष्पक्ष जांच नहीं करा रही है।
कांग्रेस विधायकों ने किया बहिष्कार
कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के रवैये को तानाशाही बताते हुए सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया। वे नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर निकल गए। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मामले पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव आया है और नियम प्रक्रिया के अनुसार ही चर्चा की जाएगी।
जबलपुर के टिमरी मर्डर पर भी चर्चा
जबलपुर के टिमरी में हुए मर्डर को लेकर कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लगाया। उन्होंने कहा कि पिता के जवान बेटों की हत्या हुई है और प्रशासन ने संवेदनशून्यता दिखाई है। उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार नरसंहार की धारा लगाएगी?
राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने जवाब देते हुए कहा कि जो धाराएं लगनी थीं, लगा दी गई हैं। उन्होंने कहा कि नरसंहार शब्द का उपयोग 1947 की घटनाओं को याद करके किया जा रहा है। बीजेपी विधायक गोपाल भार्गव ने पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता देने की बात कही।
सरकार का रुख
मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि यह मामला जाति या वर्ग का नहीं, बल्कि अपराधियों का नृशंस कार्य है। उन्होंने कहा कि कानून ने अपना काम किया है और अधिकतम धाराएं लगाई गई हैं। बीजेपी विधायक अभिलाष पांडे ने बच्चों की शिक्षा पर जोर दिया, जबकि कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने पीड़ित परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की।
मंडला एनकाउंटर पर विवाद
मंडला जिले में हॉक फोर्स के साथ हुई मुठभेड़ में एक बैगा आदिवासी युवक की मौत को लेकर विवाद गहरा गया है। कांग्रेस और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने इसे फर्जी एनकाउंटर बताया है। घटना 9 मार्च को कान्हा भोरमदेव के जंगल में हुई थी। परिजनों का कहना है कि मृतक युवक मानसिक रूप से कमजोर था और मजदूरी करता था।
हॉक फोर्स और नक्सलियों के बीच गोलीबारी
मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों की तरफ से 120 राउंड और हॉक फोर्स की तरफ से 90 राउंड फायरिंग हुई। पोस्टमार्टम के बाद युवक का शव परिजनों को सौंप दिया गया। अंतिम संस्कार के दौरान लोगों ने प्रदर्शन कर एनकाउंटर को फर्जी बताया। मामले की निष्पक्ष जांच की मांग उठ रही है।
प्रशासन ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए
प्रशासन ने इस घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। मंडला के खटिया थाना क्षेत्र में हुई इस घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल है। कांग्रेस और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी सरकार पर निशाना साध रही हैं और निष्पक्ष जांच की मांग कर रही हैं।
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