भोपाल। प्रदेश की तीन विधानसभा और एक लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासी गलियारों में हलचल तेज है। आज चुनाव प्रचार का आखिरी दिन था। आज से प्रचार रथ थम गए हैं। अब नेता अपने-अपने समीकरण साधने में जुट गए हैं। बीते दिनों से कांग्रेस और भाजपा ने लगातार यहां जमकर प्रचार किया है। प्रदेश की चारों सीटों पर कुल 55 प्रत्याशी मैदान में ताल ठोक रहे हैं। इन प्रत्याशियों के बीच सबसे कड़ा मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच देखा जा रहा है।
इन सीटों पर होना है उपचुनाव
प्रदेश की खंडवा लोकसभा सीट (Khandwa Loksabha Seat Upchunav) और पृथ्वीपुर (Prathvipur Vidhansabha Upchunav), जोबट (Jobat Vidhansabha Upchunav) और रैगांव विधानसभा सीटों (Raigaon Vidhansabha Upchunav) पर उपचुनाव होना है। खंडवा सीट पर भाजपा ने कद्दावर नेता नंदकुमार सिंह चौहान बीते चुनावों में लोकसभा सांसद चुने गए थे। बीते महीनों में नंदकुमार सिंह चौहान का निधन हो गया था। इसके बाद से यह सीट खाली है। वहीं कोरोना की दूसरी लहर में निवाड़ी पृथ्वीपुर से कांग्रेस विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह (Brajendra Pratap Singh), जोबट से कांग्रेस विधायक कलावती भूरिया (Kalawati Bhuriya) और रैगांव से भाजपा विधायक जुगल किशोर बागरी का निधन हो गया था।
1-खंडवा लोकसभा सीट (Khandwa Loksabha Seat)…
ज्ञानेश्वर पाटिल V/s राजनारायण सिंह पुरनी
भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार सिंह चौहान (Nandkumar Singh Chauhan) के निधन के बाद यह सीट खाली हुई है। यहां से भाजपा ने ज्ञानेश्वर पाटिल (Gyaneswar Patil) को मैदान में उतारा है। ज्ञानेश्वर पाटिल ने सीएम शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में चुनाव का पर्चा भरा है। तो जानते हैं कौन हैं पाटिल और कैसा रहा अब तक का राजनीतिक सफर। पाटिल 1987 से अभाविप से जुड़े। इसके बाद साल 2001 में भाजपा पंचायत राज प्रकोष्ठ प्रदेश महामंत्री बनाए गए। साथ ही 2000 से 2005 तक पूर्व निमाड़ खंडवा सीट से जिला पंचायत अध्यक्ष रहे। 2012 से 2014 तक प्रदेश भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष का पद संभाला। वहीं कांग्रेस की बात करें तो खंडवा लोकसभा सीट से राजनारायण सिंह पुरनी (Rajnarayan Singh Purani) को मैदान में उतारा है। राजयनारायण सिंह को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का करीबी माना जाता है। राजनारायण सिंह मांधाता सीट से तीन बार विधायक रह चुके हैं। इसके अलावा विधानसभा चुनाव में दो बार वह हार का भी सामना कर चुके हैं।
2-जोबट विधानसभा सीट (Jobat Vidhansabha Seat)…
सुलोचना रावत V/s महेश पटेल
प्रदेश के अलीराजपुर जिले में आने वाली जोबट विधानसभा सीट पर कांग्रेस की दिग्गज नेता कलावती भूरिया (Kalavati Bhooriya) ने बीते विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज की थी। कलावती का कोरोना महामारी के भीषण काल में निधन हो गया था। इसके बाद से यह सीट खाली थी। अब इस सीट पर उपचुनाव होने हैं। इसको लेकर भाजपा और कांग्रेस ने अपने-अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है। जोबट सीट पर भाजपा ने सुलोचना रावत को मैदान में उतारा है। बता दें कि सुलोचना रावत (Sulochna Rawat) का परिवार बीते 50 साल से कांग्रेस में रहा है। कांग्रेस की तरफ से वह तीन बार विधायक रह चुकी हैं और राज्यमंत्री का पद भी संभाल चुकी हैं। अब सुलोचना भाजपा में शामिल हो गई हैं। वहीं कांग्रेस ने महेश पटेल को यहां से मैदान में उतारा है। पटेल वर्तमान में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष हैं। पटेल के पिता वेस्ता पटेल भी कांग्रेस की तरफ से विधायक रह चुके हैं।
3-रैगांव विधानसभा सीट (Raigaon Vidhansabha Seat)…
प्रतिमा बागरी V/s कल्पना वर्मा
प्रदेश के सतना जिले में आने वाली रैगांव विधानसभा सीट पर बीते विधानसभा चुनावों में भाजपा के जुगल किशोर बागरी (Jugal Kishor Vagri) ने जीत दर्ज की थी। बागरी का बीते दिनों निधन हो गया था। इसके बाद से यह सीट खाली पड़ी है। इस सीट पर भाजपा ने प्रतिमा बागरी (Pratima Vagri) को मैदान में उतारा है। प्रतिमा भाजपा के जिला संगठन की महामंत्री रह हैं। इसके अलावा प्रतिमा पहले भी महिला मोर्चा की महामंत्री रह चुकी हैं। प्रतिमा के पिता और मां दोनों एक ही कार्यकाल में जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। वहीं कांग्रेस ने कल्पना वर्मा (Kalpna Verma) पर भरोसा जताया है। कल्पना के ससुराल पक्ष में उनके बाबा विधायक रह चुके हैं। वर्तमान में कल्पना सतना से जिला पंचायत सदस्य हैं।
4-पृथ्वीपुर विधानसभा सीट (Prathvipur Vidhansabha Seat)…
नितेंद्र सिंह V/s शिशुपाल यादव
प्रदेश के निवाड़ी जिले में आने वाली पृथ्वीपुर विधानसभा सीट पर बीते विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह राठौर (Brajendra Singh Rathor) ने जीत दर्ज की थी। राठौर अपने राजनीतिक करियर में पांच बार विधायक रहे हैं। अब कांग्रेस ने उनके बेटे नितेंद्र सिंह (Nitendra Singh Rathore) को मैदान में उतारा है। नितेंद्र अपने पिता के साथ चुनावों का मैनेजमेंट संभालते रहे हैं। वहीं भाजपा ने शिशुपाल यादव (Shishupal Yadav) को यहां मैदान में उतारा है। शिशुपाल 2018 के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़े थे। अब वह भाजपा में शामिल हो गए हैं। इस बार वह भाजपा के ध्वजतले कांग्रेस के नितेंद्र सिंह को चुनौती देते नजर आएंगे।