Advertisment

MP Upchunav: BJP के इन 2 मंत्रियों को देना होगा इस्तीफा, 21 अक्टूबर के बाद नहीं रहेंगे मंत्री

author-image
krishna
MP Upchunav: BJP के इन 2 मंत्रियों को देना होगा इस्तीफा, 21 अक्टूबर के बाद नहीं रहेंगे मंत्री

भोपाल। निर्वाचन आयोग ने आज बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है।वहीं अभी मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनाव की तारीख का ऐलान नहीं हुआ है, 29 सितंबर को चुनाव आयोग तारीख का ऐलान कर सकता है। वहीं दूसरी ओर सरकार के दो मंत्रियों की कुर्सी पर भी संकट के बादल मंडरा गए है। अगर चुनाव 21 अक्टूबर से पहले नहीं होते है तो प्रदेश सरकार में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और परिवहन और राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है।

Advertisment

6 महीने की अवधि के बाद मंत्री नहीं

संविधान के अनुच्छेद 164(4) के मुताबिक कोई मंत्री जो लगातार 6 महीनों तक राज्य के विधान मंडल का सदस्य नहीं होता है वह 6 महीने की अवधि के बाद मंत्री नहीं रह सकता। ऐसे में अब इन दोनों मंत्रियों की कार्यकाल अवधि 21 अक्टूबर को समाप्त हो रही है। अगर 21 अक्टूबर तक अगर उपचुनाव नहीं होते है तो यह दोनों आगे मंत्री नहीं होंगे।

21 अप्रैल को हुआ था मिनी मंत्री मंडल गठन

मार्च माह में मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ था, ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) अपने 22 समर्थक विधायकों (Supporter MLA) के साथ बीजेपी (BJP) में शामिल हुए थे और प्रदेश में 15 महीनों बाद बीजेपी सरकार (BJP Government) की वापसी हुई और मुख्यमंत्री शिवराज (CM Shivraj) ने 23 मार्च 2020 को चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। सिंधिया समर्थक गोविंद सिंह राजपूत (Govind Singh Rajput) और तुलसीराम सिलावट (Tulsiram Milavat) को मंत्री बनाया था।

नहीं है विधानसभा के निर्वाचित सदस्यता

दरअसल 21 अप्रैल को मंत्री पद की शपथ लेने वाले पांच मंत्रियों में से डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कमल पटेल और मीना सिंह विधानसभा के निर्वाचित सदस्य है। लेकिन गोविंद सिंह राजपूत और तुलसीराम सिलावट के विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद यह दोनों मंत्री विधानसभा के सदस्य नहीं है। दोनों ही गैर विधायक मंत्री है।

Advertisment

यह तय माना जा रहा है कि गोविंद सिंह राजपूत(Govind Singh Rajput) सुर्खी से और तुलसी सिलावट सांवेर सीट से बीजेपी का चेहरा होंगे। वहीं अगर राजपूत और सिलावट अपने पद से इस्तीफा देकर दोबारा मंत्री पद की शपथ लेना चाहे तो भी नहीं ले सकते क्यों कि, दोनों ही नेता उम्मीदवार के तौर पर उपचुनाव में उतरेंगे और ऐसे में उम्मीदवारों को मंत्री पद की शपथ दिलाना आचारसंहिता के खिलाफ माना जाता है।

https://bansalnews.com/organization-general-secretary-bl-santosh-meeting-with-bjp-leaders-for-2-days/

Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें