भोपाल। प्रदेश की तीन विधानसभा और एक लोकसभा सीट के लिए मतदान की तारीख जैसे ही पास आ रही है, वैसे ही नेताओं की बयानबाजी जोरों पर है। उपचुनाव वाली सीटों के भाग में हमने पहले दो सीटों खंडवा और पृथ्वीपुर की बात की थी। अब इस भाग में हम बात करेंगे जोबट और रैगांव विधानसभा सीट के चुनावी इतिहास की। इन सीटों पर 30 अक्टूबर को मतदान किया जाएगा और 2 नवंबर को मतगणना (Counting) होगी। सबसे पहले बात करते हैं जोबट विधानसभा सीट की। प्रदेश के अलीराजपुर जिले में आने वाली जोबट विधानसभा सीट से भाजपा ने सुलोचना रावत को मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने महेश पटेल को जिम्मेदारी सौंपी है। महेश पटेल कांग्रेस के अलीराजपुर जिले के अध्यक्ष हैं। भाजपा की उम्मीदवार सुलोचना रावत भी पहले कांग्रेस में थी। हाल ही में उन्होंने भाजपा का दामन थामा है। अब प्रत्याशियों के पहले इस सीट का इतिहास जान लेते हैं। आजादी के बाद जब भारत में पहली बार साल 1951-52 में चुनाव हुए थे तब से यह सीट मौजूद है। इन चुनावों में जोबट सीट पर वोटिंग की गई थी। इसके बाद साल 1957 में मप्र राज्य के गठन के बाद चुनाव हुए।
भाजपा का रहा दबदबा
साल 1957 से लेकर अब तक की बात करें तो यहां 14 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। इस सीट पर कांग्रेस का काफी दबदबा रहा है। 14 में से कुल 11 बार कांग्रेस ने इस सीट पर विजय पाई है। भाजपा को इस सीट पर दो बार जीत मिली और एक बार सोशलिस्ट पार्टी का भी विधायक चुना गया। इस सीट पर वोटर्स की बात करें तो यहां कुल 2 लाख 75 हजार मतदाता हैं। जातिगत समीकरण की बात करें तो यह आदिवासी बाहुल इलाका है। इस सीट पर करीब 97 प्रतिशत वोटर्स आदिवासी समुदाय के हैं। इनमें से भील, भिलाला और पटलिया यहां की प्रमुख जातियां हैं, इनमें 40 फीसदी भील, 5 फीसदी पटलिया और 55 फीसदी भिलाल समुदाय के वोटर हैं। अब दोनों दलों के उम्मीदवारों की बात करें तो भाजपा और कांग्रेस दोनों के प्रत्याशी यहां के भिलाला समुदाय से आते हैं। भाजपा की सुलोचना रावत की बात करें तो वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आईं हैं। सुलोचना की छवि बिल्कुल साफ सुथरी है। वह साल 2003 में कांग्रेस सरकार के दौरान राज्य मंत्री का पद भी संभाल चुकी हैं। वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार महेश पटेल की बात करें तो उन्हें संगठन का एक बड़ा नेता माना जाता है। आर्थिक रूप से मजबूत होने के साथ ही पटेल संगठन में काफी पकड़ रखते हैं। अलीराजपुर कांग्रेस के जिलाअध्यक्ष का भी पद संभाल रहे हैं। हालांकि वह अलीराजपुर विधानसभा के निवासी हैं और जोबट से चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसे में अनुमान है कि उन्हें हल्का नुकसान झेलना पड़ सकता है।
रैगांव सीट का इतिहास
प्रदेश के सतना जिले में पड़ने वाली रैगांव विधानसभा सीट पर भाजपा ने प्रतिमा बागरी और कांग्रेस ने कल्पना वर्मा को मैदान में उतारा है। इस सीट के चुनावी इतिहास की बात करें तो यहां भाजपा का दबदबा रहा है। पिछले लगातार चार विधानसभा चुनावों में यहां भाजपा के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। साल 1977 में अस्तित्व में आई इस सीट पर अब तक 10 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। इनमें से पांच बार भाजपा ने जीत दर्ज की है। वहीं दो बार कांग्रेस के प्रत्याशी जीते हैं। इस सीट के जातिगत समीकरणों की बात करें तो यह विंध्य अंचल में आने वाला क्षेत्र है। इस सीट पर अनुसूचित जाति और ओबीसी वर्ग के मतदाता यहां प्रमुख भूमिका निभाते हैं। साथ ही सवर्ण वोटरों पर भी सभी दलों की नजर रहती है। ओबीसी वर्ग से कुशवाहा और पटेल समुदाय के मतदाता भी अहम होते हैं। अब प्रत्याशियों की बात करते हैं। भाजपा की तरफ से मैदान में उतरी प्रतिमा बारगी पूर्व विधायक जुगल किशोर बारगी के परिवार से ही हैं। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी कल्पना वर्मा पिछले विधानसभा चुनावों में जुगल किशोर के खिलाफ लड़ी थीं। हालांकि इन चुनावों में वह जुगल से हार गईं थी। अब एक बार फिर वह मैदान में हैं।