MP Transfer Policy: मध्य प्रदेश सरकार ने अपने अधिकारियों और कर्मचारियों की तबादला नीति ( Transfer PolicY) में संशोधन का सर्कुलर जारी कर दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय दुबे के हस्ताक्षर से जारी इस सर्कुलर में स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश में ट्रांसफर (MP Transfer Policy) पर प्रतिबंध के दौरान अब इन परिस्थितियों में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के तबादला आदेश विभागीय मंत्री के प्रशासकीय अनुमोदन के बाद जारी किए जा सकेंगे।
प्रतिबंध की अवधि में ट्रांसफर के नए नियम.
नए सर्कुलर के अनुसार वर्तमान में तबादलों पर प्रतिबंध है लेकिन कार्य सुविधा की दृष्टि से ट्रांसफर पॉलिसी में निम्न संशोधन किए गए हैं।
गंभीर बीमारियों की स्थिति में तबादला आदेश
1. गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर, लकवा, हार्ट अटैक आदि से उत्पन्न परिस्थितियों में तात्कालिक आवश्यकता के आधार पर तबादला आदेश जारी किया जाएगा।
कोर्ट के फैसले में कानूनी विकल्प न होने की स्थिति में
2. कोर्ट के ऐसे फैसले के अनुक्रम में जिसके माध्यम से प्रदत्त आदेश के अनुपालन के अलावा कोई और कानूनी विकल्प बाकी ना हो। लेकिन ऐसी स्थिति में तबादला किया जा रहे स्थान पर संबंधित अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही लंबित नहीं हो।
सिविल सेवा आचरण नियम के तहत एक्शन हुआ हो
3. सरकारी कर्मचारी की अत्यंत गंभीर शिकायत, गंभीर लापरवाही जिसमें विभाग द्वारा मध्य प्रदेश (MP Transfer Policy) सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के उल्लंघन के क्रम में अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ की जा चुकी हो।
किसी मामले में जांच प्रभावित न होने की स्थिति में
4. लोकायुक्त संगठन, आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) या पुलिस के द्वारा संबंधित सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज करने अथवा कोर्ट में अभियोजन की कार्यवाही शुरू होने पर जांच प्रभावित न होने की दृष्टि से किए जाने वाले स्थानांतरण।
इस परिस्थिति में नहीं हो सकेगा ट्रांसफर
5. कर्मचारी के निलंबन, त्यागपत्र, सेवानिवृत्ति (सामान्य, अनिवार्य या स्वैच्छिक), पदोन्नति (MP Transfer Policy) अथवा प्रतिनियुक्ति से वापसी या सरकारी कर्मचारियों के निधन के फलस्वरुप खाली हुए पद. इसके संबंध में विभाग का यह मत हो कि लोकहित में उसे पद की पूर्ति तबादले पर प्रतिबंध की अवधि में की जाना अत्यंत आवश्यक है। लेकिन ऐसे खाली पद जो संबंधित स्थान पर पदस्थ अधिकारी या कर्मचारी के ट्रांसफर से उत्पन्न हो शामिल नहीं की जाएगी।
उदाहरण:- जैसे यदि किसी स्थान “ए” से किसी अधिकारी या कर्मचारी को स्थानांतरित (MP Transfer Policy) कर किसी अन्य अधिकारी या कर्मचारी को इस आधार पर कि अब यह स्थान A पर पद रिक्त हो गया है, स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। लेकिन यह सुनिश्चित किया जाएगा की प्रशासनिक कारण से यदि तबादला एक स्थान से दूसरे स्थान पर किया जा रहा है तब जिस स्थान से स्थानांतरण कर दूसरे स्थान पर पोस्टिंग की जा रही है उसे स्थान पर स्थानांतरण के कारण खाली पद का प्रतिशत स्थानांतरित किए गए स्थान से ज्यादा तो नहीं हो रहा है।
इसे ऐसे समझ जा सकता है यदि किसी स्थान “ए” पर तीन पद हैं जिसमें से दो पद भरे हुए हैं। अतः स्थान ए पर रिक्त पदों का प्रतिशत 33 है एवं स्थान B पर दो पद हैं जिसमें से एक पद भरा हुआ है तब स्थान B पर रिक्त पदों की संख्या 50% मानी जाएगी।
ऐसी स्थिति में स्थान ए से बी में ट्रांसफर करने पर ए में खाली पद का प्रतिशत 66 होगा वहीं B में खाली पद का प्रतिशत शून्य माना जाएगा। अतः इस स्थिति में नए नियम के अनुसार उपरोक्त तबादले की अनुमति नहीं होगी। ठीक इसी प्रकार से स्थान B से A पर ट्रांसफर की अनुमति नहीं होगी। अतः ऐसी स्थिति में ट्रांसफर नहीं किया जा सकेगा।
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इस वजह से भी कर सकेंगे ट्रांसफर
6.प्रदेश में किसी भी परियोजना का कार्य पूरा होने पर अथवा पद दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाने के कारण ट्रांसफर किया जा सकेगा।
इन मामलों में मुख्यमंत्री कार्यालय की मंजूरी जरूरी होगी
- उपरोक्त मामलों के अतिरिक्त मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त उच्च प्राथमिकता के मामलों में भारसाधक (प्रभारी) सचिव प्रशासकीय अनुमति प्राप्त कर तबादला आदेश जारी कर सकेंगे। लेकिन ऐसे तबादलों के मामलों में जिनको करने में विभाग नीति के अनुरूप नहीं पाता है ऐसे मामले विभागीय सचिव एवं विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद कारण सहित अपर मुख्य सचिव अथवा प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय को पुनः प्रस्तुत कर तबादले के लिए अग्रिम आदेश प्राप्त कर सकेंगे।
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